
03/07/2025
#सोजत तहसील के बेरा ढीमड़ी क्षेत्र में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात, जनजीवन अस्त-व्यस्त
*2 जुलाई 2025, सोजत सिटी (राजस्थान)*
राजस्थान के पाली जिले की सोजत तहसील के अंतर्गत आने वाले बेरा ढीमड़ी क्षेत्र में आज 2 जुलाई को तेज बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। क्षेत्र में अत्यधिक पानी भर जाने के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है। स्थानीय लोगों को जान-माल और पशुधन की भारी क्षति का सामना करना पड़ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारी पानी के कारण कई पालतू पशु डूबकर मर गए हैं, वहीं पानी में आने वाले जहरीले सांपों के काटने से भी पशुओं की मौत की घटनाएं सामने आई हैं। ग्रामीण भय और असहायता के माहौल में जीने को मजबूर हैं।
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#समस्या की जड़: पिछले साल से शुरू हुई जलनिकासी की बाधा**
इस जलभराव की समस्या की जड़ पिछले वर्ष से शुरू हुई, जब क्षेत्र के पड़ोसी गांव **बांसनी त्रिलवाड़िया** में बारिश के पानी की निकासी का रास्ता स्थानीय लोगों द्वारा रोक दिया गया था। इसका सीधा असर बेरा ढीमड़ी क्षेत्र पर पड़ा, जहां पानी का जमाव लगातार बढ़ता गया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि **पाली से आपदा राहत दल** बुलाना पड़ा और कई घरों को खाली कराना पड़ा। लोगों के घरों और संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ था।
प्रशासन ने हस्तक्षेप कर पानी की निकासी के लिए रोके गए रास्ते को खुलवाया, जिससे स्थिति कुछ हद तक सुधरी। लेकिन कुछ ही समय बाद पुनः स्थानीय लोगों द्वारा उस मार्ग को बंद कर दिया गया। इस बार भी बारिश शुरू होते ही वही स्थिति फिर से उत्पन्न हो गई है। जलभराव इतना अधिक है कि बेरा ढीमड़ी क्षेत्र फिर से बाढ़ की चपेट में आ गया है।
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#प्रशासन से लगाई गुहार, लेकिन समाधान नहीं**
स्थानीय निवासी 2 जुलाई कि सुबह से **प्रशासन, एसडीएम, तहसीलदार और नगर पालिका सोजत** से लगातार गुहार लगा रहे हैं कि बांसनी त्रिलवाड़िया गांव में रोके गए पानी के मार्ग को फिर से खोला जाए, ताकि पानी की निकासी संभव हो और जलभराव कम हो सके। लेकिन, लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने ग्रामवासियों के विरोध के सामने "घुटने टेक दिए हैं", और बेरा ढीमड़ी के लोग जलभराव में फंसे हुए हैं।
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#प्रशासनिक निष्क्रियता और भ्रामक रिपोर्टिंग ने बिगाड़ी स्थिति**
क्षेत्र वाशियों का कहना है कि उन्होंने **2 और 3 जुलाई** को लगातार प्रशासन, एसडीएम, तहसीलदार व नगर पालिका सोजत को स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया, लेकिन **3 जुलाई 2025 तक भी कोई ठोस राहत कार्य शुरू नहीं किया गया**।
प्रशासन की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि **बांसनी त्रिलवाड़िया से पानी की निकासी हो रही है**, जबकि जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। फसे हुए लोगो के अनुसार यह #सिर्फ ओवरफ्लो होता हुआ बारिश का पानी है, जबकि #मुख्य जलनिकासी मार्ग अभी भी अवरुद्ध है ।
चिंताजनक बात यह है कि **कुछ अधिकारी ओवरफ्लो होते पानी की तस्वीरें और वीडियो बनाकर उसे राहत कार्य का प्रमाण बताने की कोशिश कर रहे हैं**, जबकि वास्तविक जलनिकासी की स्थिति जस की तस बनी हुई है। इससे न केवल उच्च अधिकारियों को भ्रमित किया जा रहा है, बल्कि समस्या की गंभीरता को भी नजरअंदाज किया जा रहा है।
**3 जुलाई तक भी पानी कम नहीं हुआ है**, बल्कि जलभराव की मात्रा और खतरा दोनों लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
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#लोगों ने जताई नाराज़गी, प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार**
स्थानीय ग्रामीणों ने नाराज़गी जताई है और स्पष्ट कहा है कि यदि किसी भी प्रकार की जान-माल की क्षति होती है, तो उसकी **पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और संबंधित विभागों की होगी**।
गांव का संपर्क मुख्य मार्गों से कट चुका है, घरों में लगातार पानी घुस रहा है, लोग बीमार हो रहे हैं और प्रशासन अब तक केवल कागज़ी कार्रवाई में उलझा हुआ दिख रहा है।
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#जरूरत है त्वरित और ठोस कार्रवाई की**
स्थिति को देखते हुए प्रशासन को चाहिए कि:
* **बांसनी त्रिलवाड़िया में अवरुद्ध जलनिकासी मार्ग को तुरंत प्रभाव से खुलवाया जाए।**
* **बेरा ढीमड़ी क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्य चलाया जाए।**
* जलप्रबंधन के लिए **स्थायी समाधान** की दिशा में दीर्घकालिक योजना बनाई जाए ताकि प्रत्येक वर्ष इस तरह की स्थिति का सामना न करना पड़े।
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बेरा ढीमड़ी के लोग इस वक्त प्रशासन की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं – सवाल सिर्फ पानी का नहीं है, यह विश्वास और जीवन के अधिकार का प्रश्न बन चुका है।
Pali Patrika CMO Rajasthan