
21/06/2025
जब-जब इन मासूमों को देखता हूँ, दिल बैठ जाता है.ये वही तीन बच्चे हैं, जो उस प्लेन में सवार थे…
जिसने उड़ान तो भरी थी सपनों के साथ,
मगर वापस कभी ज़मीन पर नहीं आया।
मैं इन बच्चों को जानता नहीं था,
लेकिन अब लगता है… जैसे इन्हें भूल पाना मुमकिन नहीं।
उनकी ये मासूम सी मुस्कानें,
उनकी आँखों में जो उजाले थे…
वो अब सिर्फ तस्वीरों में रह गए।
काश ये सिर्फ एक ट्रैवल फोटो होती,
काश ये मुस्कानें आज भी हमारे बीच होतीं...
काश वक़्त थोड़ा और मेहरबान होता।
ईश्वर इन फरिश्तों की आत्मा को शांति दे,