जज्बातों का इंकलाब

जज्बातों का इंकलाब Contact information, map and directions, contact form, opening hours, services, ratings, photos, videos and announcements from जज्बातों का इंकलाब, Digital creator, Bisalpur PILIBHIT, Bisalpur.

21/11/2024

जब लगातार मिलने वाली असफलताओं से डिग्रियाँ निरर्थक नजर आने लगती है, जब परीक्षा के साथ बढ़ती हुई उम्र और जिम्मेदारियों का बोझ मन में डर बढ़ाता जाता है,

जब हर रात आप घर के हालात. फोन पर सुनते हो तो मन बेचैन हो जाता है,

जब तुम हर वक्त खुद को कोसा करते हो, सुनो, ऐसे में भी जिन्दगी शुरू की जा सकती है, तुम किसी एक लक्ष्य को चुनो, सफलता का माध्यम महज नौकरी नहीं है, तुम किसी भी Field में अच्छा करो, ध्यान रखो, तुम उम्मीद हो, अपनों की, मैंने 'पढ़ा है-विपरीत परिस्थितियों में कुछ लोग टूट जाते हैं, कुछ रिकार्ड तोड़ते हैं तुम्हें रिकार्ड तोड़ना है।..

17/11/2024

देख रहे हो कैमरे के सामने #समीक्षा अधिकारी बनवाने की सिफारिश की जा रही है...

17/11/2024

😍दो मिनट में पुरानी यादें ताजी हो जाएंगी😍
पहले भटूरे को फुलाने के लिये
उसमें ENO डालिये

फिर भटूरे से फूले पेट को
पिचकाने के लिये ENO पीजिये

जीवन के कुछ गूढ़ रहस्य
आप कभी नहीं समझ पायेंगे

पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को
जीभ से चाटकर कैल्शियम की
कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी
लेकिन
इसमें पापबोध भी था कि कहीं
विद्यामाता नाराज न हो जायें ...!!!☺️

पढ़ाई का तनाव हमने
पेन्सिल का पिछला हिस्सा
चबाकर मिटाया था ...!!!😀

पुस्तक के बीच पौधे की पत्ती
और मोरपंख रखने से हम
होशियार हो जाएंगे ...
ऐसा हमारा दृढ विश्वास था. 😀

कपड़े के थैले में किताब-कॉपियां
जमाने का विन्यास हमारा
रचनात्मक कौशल था ...!!!☺️🙏🏻

हर साल जब नई कक्षा के बस्ते बंधते
तब कॉपी किताबोंपर जिल्द चढ़ाना
अपने जीवन का वार्षिक उत्सव मानते थे ...!!!☺️

माता - पिता को हमारी पढ़ाई की
कोई फ़िक्र नहीं थी, न हमारी पढ़ाई
उनकी जेब पर बोझा थी ...☺️💕
सालों साल बीत जाते पर
माता - पिता के
कदम हमारे स्कूल में न पड़ते थे ...!!!😀

एक दोस्त को साईकिल के
बीच वाले डंडे पर और दूसरे को
पीछे कैरियर पर बिठा कर
हमने कितने रास्ते नापें हैं,
यह अब याद नहीं बस कुछ
धुंधली सी स्मृतियां हैं ...!!!💕

स्कूल में पिटते हुए और
मुर्गा बनते हमारा ईगो
हमें कभी परेशान नहीं करता था
दरअसल हम जानते ही नहीं थे
कि, ईगो होता क्या है❓️💕

पिटाई हमारे दैनिक जीवन की
सहज सामान्य प्रक्रिया थी😰😀
पीटने वाला और पिटने वाला दोनों खुश थे,
पिटने वाला इसलिए कि हम कम पिटे
पीटने वाला इसलिए खुश होता था
कि हाथ साफ़ हुआ ...!!!😀

हम अपने माता - पिता को कभी नहीं बता पाए
कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं, क्योंकि
हमें "आई लव यू" कहना आता ही नहीं था ...!!!
😰😀💕
आज हम गिरते- सम्भलते, संघर्ष
करते दुनियां का हिस्सा बन चुके हैं,
कुछ मंजिल पा गये हैं तो
कुछ न जाने कहां खो गए हैं ...!!!😰

हम दुनिया में कहीं भी हों
लेकिन यह सच है,
हमें हकीकतों ने पाला है,
हम सच की दुनियां में थे ...!!!
😰
कपड़ों को सिलवटों से बचाए रखना
और रिश्तों को औपचारिकता से
बनाए रखना हमें कभी आया ही नहीं ...
इस मामले में हम सदा मूर्ख ही रहे ...!!!
😰
अपना अपना प्रारब्ध झेलते हुए
हम आज भी ख्वाब बुन रहे हैं,
शायद ख्वाब बुनना ही
हमें जिन्दा रखे है वरना
जो जीवन हम जीकर आये हैं
उसके सामने यह वर्तमान कुछ भी नहीं ...!!!
😰
हम अच्छे थे या बुरे थे
पर हम सब साथ थे काश
वो समय फिर लौट आए ...!!!
😰😰
"एक बार फिर अपने बचपन के पन्नों
को पलटिये, सच में फिर से जी उठेंगे”...💕

और अंत में ...

हमारे पिताजी के समय में दादाजी गाते थे ...

मेरा नाम करेगा रोशन
जग में मेरा राज दुलारा💕

हमारे ज़माने में हमने गाया ...

पापा कहते है बड़ा नाम करेगा💕

अब हमारे बच्चे गा रहे हैं …

बापू सेहत के लिए ...
तू तो हानिकारक है। 😰😰

सही में हम
कहाँ से कहाँ आ गए ...???😰

एक बार मुड़ कर देखिये ...
और
मुस्करा दीजिए
क्योंकि
Change Is Part Of Life.
Accept It Gracefully 💓😌💓

13/11/2024

जंगल - जंगल ढूंढ रहा मृग अपनी कस्तूरी को,
कितना मुश्किल है तय करना खुद से खुद की दूरी को.!

जज्बातों का इंकलाब..
08/11/2024

जज्बातों का इंकलाब..

08/11/2024
08/11/2024

07/11/2024

Welcome to the जज्बातों का इंकलाब 🙏

Address

Bisalpur PILIBHIT
Bisalpur
262201

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when जज्बातों का इंकलाब posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share