03/11/2025
#बून्दी धान के उचित भाव को लेकर किसानों का आंदोलन तेज, मंडी में रोकी बोली ।
बोले किसान, “चार दिन में निर्णय नहीं हुआ तो जयपुर करेंगे कूच”
बूंदी। धान के उचित मूल्य की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन सोमवार को बूंदी मंडी में उग्र हो गया। किसानों ने मंडी में धान की बोली पूरी तरह बंद करवा दी। उनका कहना है कि धान की कीमत उनकी लागत से बेहद कम लगाई जा रही है। किसानों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि चार दिनों के भीतर धान का उचित भाव तय नहीं किया गया, तो वे अपनी फसल लेकर जयपुर में मुख्यमंत्री आवास तक कूच करेंगे।
बूंदी शुगर मिल संयुक्त किसान समन्वय समिति के प्रतिनिधि नवीन श्रृंगी ने बताया कि सोमवार सुबह से ही बड़ी संख्या में किसान मंडी में एकत्र हुए और एकजुट होकर बोली रुकवाने का निर्णय लिया। किसानों ने कहा कि वर्तमान में मंडियों में जो कीमत मिल रही है, उससे उनकी लागत भी पूरी नहीं हो रही। किसानों की मांग है कि धान की कीमत कम से कम 3200 रुपये प्रति क्विंटल तय की जाए।
किसान नेताओं ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में धान 3200 रुपये से अधिक दर पर बिक रहा है, लेकिन कोटा-बूंदी क्षेत्र में किसानों से मात्र 1000 से 1500 रुपये में खरीदा जा रहा है, जो खुला अन्याय है। किसानों का आरोप है कि व्यापारी और प्रशासन की मिलीभगत से मंडियों में किसानों का शोषण किया जा रहा किसानों को संबोधित करते हुए युवा किसान नेता गिर्राज गौतम ने कहा कि “धान की कीमत 4000 रुपये तक होनी चाहिए, लेकिन यहां किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर औने-पौने दामों में लूटा जा रहा है। मंडी में व्यापारी अपनी मनमानी कर रहे हैं, जबकि प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है।”
गौतम ने कहा कि किसानों ने तय किया है कि जब तक धान का उचित भाव नहीं मिलेगा, तब तक मंडी में कोई किसान अपनी फसल की बोली नहीं लगाएगा। यदि चार दिनों में सरकार ने किसानों के पक्ष में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो सभी किसान अपने-अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में धान भरकर जयपुर मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच करेंगे और वहां जाकर अपनी बात रखेंगे।
इस दौरान मंडी में व्यापारी पक्ष में तनाव भी देखने को मिला। व्यापारी बार-बार प्रशासन और पुलिस पर दबाव बनाते रहे कि किसी तरह से बोली शुरू करवाई जाए। बताया गया कि सुबह 11 बजे शुरू होने वाली बोली को शाम 4 बजे तक शुरू करवाने के प्रयास किए गए, लेकिन किसान अपने निर्णय पर अडिग रहे और बोली पूरी तरह बंद रखी।
स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब पुलिस प्रशासन ने जबरन बोली शुरू करवाने का प्रयास किया। इस पर किसान और पुलिस आमने-सामने हो गए। हालांकि, वरिष्ठ किसान नेताओं ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला। इसी दौरान युवा किसान नेता गिर्राज गौतम की तबियत अचानक बिगड़ गई, जिन्हें मौके पर मौजूद किसानों ने संभाला और प्राथमिक उपचार कराया।
किसान नेता मनबीर सिंह, राम गुर्जर, दिनेश नागर ने कहा कि यह किसानों की एकजुटता की लड़ाई है, इसलिए सभी किसान एक होकर आंदोलन को सफल बनाएं। उन्होंने किसानों से अपील की कि जब तक सरकार उचित मूल्य तय नहीं करती, तब तक कोई भी किसान मंडी में अपना माल लेकर न आए और न ही कम दामों पर फसल बेचे।
आंदोलन के दौरान हरिशंकर नागर, चंद्र कैलाश गुर्जर, जोधराज गुर्जर, रामशंकर शर्मा, दिनेश धाबाई, नरेश नागर, भेरूलाल मीणा, महावीर गुर्जर, मोहलत राम गुर्जर सहित कई किसान नेताओं ने किसानों को संबोधित किया और एकता बनाए रखने की अपील की।
किसान नेताओं ने स्पष्ट कहा कि जब तक किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिलेगा, आंदोलन जारी रहेगा। प्रशासन को चेतावनी दी गई कि यदि किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में आंदोलन और व्यापक रूप लेगा।
#किसानआंदोलन