
22/09/2025
🙏 कहते हैं कि जब-जब धरती पर पाप बढ़ता है, तब-तब भगवान विष्णु अवतार लेकर आते हैं।
एक बार हिरण्यकश्यप नामक राक्षस ने अहंकार में आकर खुद को भगवान मानना शुरू कर दिया।
लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद, भगवान विष्णु का भक्त था।
क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने की कोशिश की, पर हर बार भगवान विष्णु ने उसकी रक्षा की।
आखिरकार, भगवान विष्णु नरसिंह अवतार में प्रकट हुए और अपने भक्त प्रह्लाद को बचाया।
👉 संदेश: सच्चे भक्त की रक्षा स्वयं भगवान करते हैं।
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