15/06/2025
"हम खाने-पीने की शिकायतें माफ कर सकते हैं, लेकिन जब बात ज़िंदगी की हो… तो सवाल उठाना ज़रूरी है।"
आज फिर सुबह ख़बर मिली — केदारनाथ यात्रा मार्ग पर, गौरीकुंड से ऊपर धुर बुग्याल के पास एक और हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
ये पहली बार नहीं है। हर साल, कोई न कोई हादसा… और हर बार वही बहाना — मौसम ख़राब था, तकनीकी खराबी थी, जाँच के आदेश दे दिए गए हैं।
पर असली सवाल तो यही है — क्या कभी कोई ठोस कार्रवाई हुई?
कभी किसी ने सच में जवाबदेही तय की?
आख़िर क्यों बार-बार हमारी आस्था के सबसे पवित्र स्थल को लापरवाही की बलि चढ़ाया जा रहा है?
क्या श्रद्धालुओं की ज़िंदगी की कोई कीमत नहीं है?
हम सब जानते हैं, केदारनाथ कोई आम जगह नहीं है — वो भगवान शिव का धाम है, हमारे विश्वास का केंद्र है।
वहाँ जाने वाला हर इंसान भाव लेकर जाता है…
पर अब वहां डर भी साथ ले जाना पड़ता है — डर कि पता नहीं लौट पाएंगे या नहीं।
सरकार और प्रशासन से एक सीधा सवाल है —
आप कब जागेंगे?
कब उन हेलीकॉप्टर कंपनियों की सही जाँच होगी जो बस पैसा कमाने में लगी हैं?
कब मौसम की परवाह किए बिना उड़ानों पर रोक लगेगी?
कब यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी?
हर साल हादसे, हर साल अफसोस… पर हर बार जनता को ही चुप रह जाना पड़ता है।
अब चुप नहीं बैठेंगे।
हम जवाब चाहते हैं। और उम्मीद है, इस बार सिर्फ़ जांच के नाम पर मामला रफा-दफा नहीं होगा।
🙏 जय केदारनाथ।
#उत्तराखंड_सवाल_पूछता_है