Artistic Soul Foundation

Artistic Soul Foundation Artistic Soul was founded in December 2019 with the aim of providing free education to remote areas of India, where poverty and hard life are unknown.

Since 2019, we have been working to bring a positive change in the lives of underprivileged kids.

कोशिश है की बच्चों के जीवन में बदलाव लाएं,
ये ज़िन्दगी सबके न सही कुछ के तो काम आए। What do we do for children?
• Daily free education - online and offline
• All study material
• Computer education
• Feeding children
• Clothes
• Birthday Parties
• Incentive gift to make parents of children aware abou

t education
• Monthly Incentive One Day Trip for Children

In addition to the above, financial assistance is also provided to the children's families from time to time as per their need.

आलू की थिचवानी (या थेचवानी/ ठेचुआ) उत्तराखंड की एक बहुत ही प्रसिद्ध और पारंपरिक डिश है।सर्दियों में जब आलू की हार्वेस्टि...
04/08/2025

आलू की थिचवानी (या थेचवानी/ ठेचुआ) उत्तराखंड की एक बहुत ही प्रसिद्ध और पारंपरिक डिश है।
सर्दियों में जब आलू की हार्वेस्टिंग होती है तो आमतौर पर जो छोटे छोटे आलू होते है उनसे इसको बनाते है और नवम्बर दिसम्बर की धूप में बैठकर चावल और मूली के साथ खाने में अलग ही मजा आता है,
यह बनाने में जितनी सरल है, स्वाद में उतनी ही लाजवाब ।
इसे आमतौर पर चावल के साथ खाया जाता है, लेकिन रोटी या पराठे के साथ भी इसका स्वाद अच्छा लगता है।

आज दोस्ती दिवस।दोस्ती एक ऐसा अनमोल रिश्ता है जो दिलों को जोड़ता है। दोस्त हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, खासक...
03/08/2025

आज दोस्ती दिवस।

दोस्ती एक ऐसा अनमोल रिश्ता है जो दिलों को जोड़ता है। दोस्त हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, खासकर बचपन में। जब हम स्कूल जाते हैं, तो हमें कई नए दोस्त मिलते हैं। दोस्त हमारे साथ खेलते हैं, पढ़ते हैं, हँसते हैं और जब हम दुखी होते हैं, तो हमें खुश भी करते हैं।

हर साल अगस्त के पहले रविवार को "दोस्ती दिवस" मनाया जाता है। इस दिन बच्चे अपने खास दोस्तों को कार्ड, रंगीन धागे, गिफ्ट और मिठाई देकर अपनी भावनाएं जताते हैं। स्कूलों में भी इस दिन कई गतिविधियाँ होती हैं जैसे कि कविता पाठ, चित्रकला प्रतियोगिता और नाटक आदि।

दोस्ती हमें सिखाती है कि एक-दूसरे की मदद कैसे करें, एक-दूसरे का सम्मान करें और साथ में कैसे खुश रहें। सच्चे दोस्त जीवन भर साथ निभाते हैं।

दोस्ती दिवस बच्चों के लिए बहुत खास दिन होता है। यह दिन हमें अपने दोस्तों की अहमियत समझाता है और यह भी सिखाता है कि प्यार, सहयोग और विश्वास से ही दोस्ती मजबूत होती है। हमें अपने दोस्तों की हमेशा कद्र करनी चाहिए।

#दोस्तीदिवस

ग़रीब बच्चों के बचपन के सपने।हर बच्चे के मन में सपनों की एक दुनिया होती है – खिलौनों से भरी, रंगों से सजी, ममता की छांव ...
01/08/2025

ग़रीब बच्चों के बचपन के सपने।

हर बच्चे के मन में सपनों की एक दुनिया होती है – खिलौनों से भरी, रंगों से सजी, ममता की छांव में महकती हुई। लेकिन गरीब बच्चों के लिए ये सपने अक्सर अधूरे रह जाते हैं। उनका बचपन संघर्षों की धूप में बीतता है, जहां सपनों को जीने से पहले रोटी कमाने की ज़िम्मेदारी आ जाती है।

💔 उनके सपनों की सच्चाई:
किसी बच्चे का सपना होता है स्कूल बैग टांगकर पढ़ने जाना, लेकिन वो कचरे के ढेर से प्लास्टिक चुन रहा होता है।

कोई डॉक्टर या पुलिस बनना चाहता है, मगर उसका दिन चाय की दुकान पर बर्तन धोते बीत जाता है।

कोई खिलौनों से खेलने का सपना देखता है, मगर वो सिग्नल पर खिलौने बेचता हुआ दिखाई देता है।

उनके सपनों में माँ की गोद और पिता का साथ होता है, पर कई बार उन्हें जीवन की लड़ाई अकेले लड़नी पड़ती है।

🌱 फिर भी उनके सपने ज़िंदा हैं:
गरीबी उनकी हँसी छीन सकती है, लेकिन उम्मीद और जज़्बा नहीं।

उनके सपनों में छोटे-छोटे रंग होते हैं, लेकिन वो रंग बहुत गहरे और सच्चे होते हैं।

वे तकलीफों में पलकर भी मुस्कुराना जानते हैं, और इसी मुस्कान में उनके सपनों की ताक़त छुपी होती है।

गरीब बच्चों के सपने भी उतने ही पवित्र और सुंदर होते हैं जितने किसी अमीर बच्चे के। फर्क सिर्फ इतना है कि उनके सपनों को पंख देने के लिए समाज को, हम सबको, एक साथ आना होगा।
अगर एक हाथ बढ़ेगा, तो शायद किसी मासूम का सपना सच हो जाएगा।

#गरीबी #बचपन #सपने

कक्षा में प्रार्थना का महत्व।दिन की सकारात्मक शुरुआत:प्रार्थना से दिन की शुरुआत एक शांत और सकारात्मक माहौल में होती है, ...
31/07/2025

कक्षा में प्रार्थना का महत्व।

दिन की सकारात्मक शुरुआत:
प्रार्थना से दिन की शुरुआत एक शांत और सकारात्मक माहौल में होती है, जिससे छात्रों की एकाग्रता और मनोदशा सुधरती है।

अनुशासन और एकता का विकास:
सभी छात्र एक साथ प्रार्थना करते हैं, जिससे उनमें सामूहिक भावना और अनुशासन का विकास होता है।

मानवीय मूल्य और नैतिक शिक्षा:
प्रार्थना के माध्यम से छात्रों में दया, करुणा, ईमानदारी और सम्मान जैसे गुणों का संचार होता है।

आत्मचिंतन और आत्मविश्वास:
प्रार्थना छात्र को आत्मचिंतन का अवसर देती है, जिससे वे अपने भीतर झाँक सकते हैं और आत्मविश्वास पा सकते हैं।

तनाव कम करता है:
नियमित प्रार्थना छात्रों के मानसिक तनाव को कम करने में सहायक होती है, विशेष रूप से परीक्षाओं या पढ़ाई के दबाव में।

आभार की भावना:
प्रार्थना सिखाती है कि हमें अपने जीवन, शिक्षा और अवसरों के लिए आभार व्यक्त करना चाहिए।

#प्राथना #वंदना #सनातन

विद्यार्थी अंशु और उसका छोटा भाई।रिश्तों की इस भीड़ में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो न किसी शर्त से बंधे होते हैं, न किसी ...
30/07/2025

विद्यार्थी अंशु और उसका छोटा भाई।

रिश्तों की इस भीड़ में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो न किसी शर्त से बंधे होते हैं, न किसी उम्मीद से। ऐसा ही एक अनमोल रिश्ता है भाई और बहन का। खासकर, जब बहन छोटी होती है, तो उसका प्यार, लाड़ और मासूम परवाह, भाई के जीवन में एक मिठास घोल देती है।

छोटी बहन भले ही उम्र में छोटी होती है, लेकिन उसका प्यार बहुत गहरा होता है। वह भाई को देख-देखकर बड़ी होती है, उसी की नकल करती है, उसी के जैसा बनना चाहती है। उसकी दुनिया का हीरो उसका भाई होता है। जब भाई थका होता है, तो वह चुपचाप उसका माथा सहला देती है, और जब भाई उदास होता है, तो उसका चेहरा पढ़कर कुछ कहे बिना पास बैठ जाती है।

छोटी बहन का भाई के प्रति प्यार, परवाह और लाड़ अनमोल होता है। यह रिश्ता केवल खून का नहीं, भावनाओं का होता है। वह उम्र में भले ही छोटी हो, पर उसकी भावना में बहुत गहराई होती है। भाई को चाहिए कि वह इस प्यारे रिश्ते को संभाले और हमेशा इस नन्ही परी की हिफाजत करे, क्योंकि उसकी हँसी में ही उसकी दुनिया बसती है।

#रक्षाबंधन #राखी #भाईबहन

उत्तराखंड में एक कहावत हैं – फुका भात खाने से शादी में बारिश होती है। ☺️फिलहाल आप आनंद लीजिये देहरादून की बासमती, पहाड़ी ...
29/07/2025

उत्तराखंड में एक कहावत हैं – फुका भात खाने से शादी में बारिश होती है। ☺️

फिलहाल आप आनंद लीजिये देहरादून की बासमती, पहाड़ी राजमा दाल, घर का घी, और घर में उगी हरी सब्जी का 😋

और साथ ही साथ।एक बात और की जितना ऊंचाई में जाकर खाना खाएंगे उतना स्वादिष्ट लगेगा क्योंकि पानी की गुणवत्ता बहुत बेहतर होती हैं।

लड़कियों को आज भी गांव देहात में ज्यादा सहयोग की आवश्यकता हैं।कहीं न कहीं आज भी यह मानसिकता हैं कि लड़का होना जरूरी हैं,...
28/07/2025

लड़कियों को आज भी गांव देहात में ज्यादा सहयोग की आवश्यकता हैं।

कहीं न कहीं आज भी यह मानसिकता हैं कि लड़का होना जरूरी हैं, और लड़के को शिक्षा के प्रति अपना भविष्य बनाने के प्रति ज्यादा सहयोग, स्वतंत्रता मिलती हैं, लड़कियों की तुलना।

समाज 2025 में भी बेशक आपके आस पास ऐसा न हो रहा हो, लेकिन ऐसा अभी भी देश विदेश में हो रहा हैं।

लड़कियों को लड़कों को तरह नहीं बल्कि, घर के कार्यों के साथ साथ अपनी शिक्षा को भी महत्व देकर बढ़ना होता हैं।

यहां हमारे केंद्रों में हमारी पूरी कोशिश रहती हैं कि समानता (लड़की - लड़का) में बिल्कुल भी चूक न हो।

मेहनती पिता का भविष्य।फोटो में दिख रहे बच्चे का नाम कान्हा हैं जिसकी बहन मिष्टी हैं।कान्हा के पिता जी गांव में एक छोटी स...
25/07/2025

मेहनती पिता का भविष्य।

फोटो में दिख रहे बच्चे का नाम कान्हा हैं जिसकी बहन मिष्टी हैं।
कान्हा के पिता जी गांव में एक छोटी सी दर्जी की दुकान चलाते हैं, जोकि काफी मेहनती एवं नीयत से साफ एवं बिना किसी नशे की लत वाले व्यक्ति है।

कान्हा के पिता मनोज अक्सर मिलते रहते हैं और बात होती रहती हैं और मैं उन्हें यही आश्वासन देता हूं, कि भविष्य की चिंता मत करो कान्हा और मिष्टी मिलकर तुम्हारा जीवन अवश्य बदल देंगे बस शिक्षा में कोई कमी नहीं आने देना एवं बच्चों पे घर में भी ध्यान देना।

पहाड़ी शादी में भोजन करने के नियम...1.सबको जमीन में बैठ कर खाना है।2.चप्पल उतार कर खाना है।3.सिर्फ सरियूल(खाना बनाने वाल...
24/07/2025

पहाड़ी शादी में भोजन करने के नियम...

1.सबको जमीन में बैठ कर खाना है।
2.चप्पल उतार कर खाना है।
3.सिर्फ सरियूल(खाना बनाने वाले पंडितजी) ही दोनों पांगीत के बीच जा सकता है।
4.पानी वाला पांगीत के पीछे से ही पानी दे सकता है बीच जाना माना है।
5.भुजी पापड़,भुनी लाल मिर्च जब सबको मिलेगा तब दाल भात बटेगा।
6.जब सरियल भात दाल बंटे तो हाथ पत्तल से दूर रखें फुकेने कि जिमेदारी नही है।
7.उडद राजमा के साथ सफेद भात ओर कड़ी के साथ मिठू भात यानि खुश्का मिलेगा।
8.जब तक सब खा ना ले कोई भी अपनी जगह से नही उठेगा।
9.आरे सिर्फ उनको मिलेंगे जिनके घर मे बूढ़े लोग है वरना सबको आके ही खाना पड़ेगा।
10 आरो के लिए बर्तन घर से लाये।
11.आपके मुह में पानी ओर आंखों में अंशु आना लाजमी है।
स्वाद पानी का होता है मसाले तो यू ही बदनाम है।

वर्ष 2019 से हम गरीब परिवारों के बच्चों के लिए पहाड़ों के दुर्गम क्षेत्रों में निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

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Artistic Soul Pogatha
Chamoli
246442

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