10/10/2025
दिवाली और छठ पूजा पर महानगरों से घर लौटने में यात्रियों को कठिनाई, ट्रेनों में नही मिल रही सीट
यात्रियों के लिए उपलब्ध वेटिंग टिकट भी लंबी प्रतीक्षा सूची के कारण कंफर्म नहीं हो पा रहे हैं। इससे पर्व पर अपने घर लौटने वाले लोगों को काफी असुविधा हो रही है।
चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर में दिवाली और डाला छठ पूजा के अवसर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के यात्रियों को घर लौटने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। महानगरों से आने वाली अधिकांश डाउन ट्रेनों में सीटें भर गई हैं, जिसके कारण आरक्षित टिकट मिलना मुश्किल हो गया है। यात्रियों के लिए उपलब्ध वेटिंग टिकट भी लंबी प्रतीक्षा सूची के कारण कंफर्म नहीं हो पा रहे हैं। इससे पर्व पर अपने घर लौटने वाले लोगों को काफी असुविधा हो रही है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में डाला छठ पूजा का विशेष महत्व है। यह पर्व विशेष रूप से उन लोगों के लिए होता है जो दूर-दराज महानगरों और विदेशों में काम करते हैं। यह अवसर उन्हें अपने घर परिवार और धार्मिक कर्तव्यों से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। इस वर्ष भी इस पर्व पर बड़ी संख्या में लोग अपने घर लौटने के लिए रेलवे का सहारा ले रहे हैं, जिससे मुम्बई, दिल्ली, बंगलुरू, गुजरात, राजस्थान और अन्य राज्यों से आने वाली अधिकांश रूटीन ट्रेनें पूरी तरह भरी हुई हैं।
रेल प्रशासन की ओर से यात्रियों की सुविधा के लिए 80 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इन स्पेशल ट्रेनों का उद्देश्य मुख्य मार्गों पर यात्रियों की भीड़ को कम करना और उन्हें सुरक्षित एवं सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित कराना है। इन स्पेशल ट्रेन सेवाओं के माध्यम से मुम्बई, दिल्ली, बंगलुरू, राजस्थान, जम्मू और ऋषिकेश से आने वाले यात्रियों को कुछ राहत मिल रही है। हालांकि, त्योहारों के कारण भीड़ इतनी अधिक है कि यह प्रयास पूरी तरह पर्याप्त नहीं प्रतीत हो रहा है।
महानगरों से आने वाली प्रमुख ट्रेनों में मुम्बई से एलटीटी–डिब्रूगढ़, सीएसटी–दानापुर, लोकमान्य तिलक–आसनसोल, लोकमान्य तिलक–राजगीर, कोलकाता मेल और पाटलिपुत्र एक्सप्रेस शामिल हैं। वहीं, दिल्ली से आने वाली ट्रेनों में नंदन कानन, महानंदा, नार्थईस्ट, आनंद बिहार–डिब्रूगढ़ सुपरफास्ट, सीमांचल, महाबोधि, श्रमजीवी, संपूर्णक्रांत