PM SHRI Composite School Aata, Baniyakhera, Sambhal

PM SHRI Composite School Aata, Baniyakhera, Sambhal basic education ka badalta swroop
(3)

इको क्लब के अंतर्गत मेरा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय की संकल्पना को साकार करते गुरुजन व छात्र-छात्राएं
20/09/2025

इको क्लब के अंतर्गत मेरा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय की संकल्पना को साकार करते गुरुजन व छात्र-छात्राएं

बाल अधिकारों को बताते मीना मंच के सदस्य
20/09/2025

बाल अधिकारों को बताते मीना मंच के सदस्य

18/09/2025

🕉️ *ज्ञानसागर ग्रंथमाला*
पुण्यभूमि भारत संस्कृति वाचनमाला*संपुट- ८*क्रमांक - ५*वर्ग - ३
श्रेणी - *(५से १२ वर्ष* /आबाल वृद्ध हेतु)
* *चित्त है संस्कारों की खान**
लेखक.: इंदुमति काटदरे
अनुवाद: वासुदेव प्रजापपति
( क्रमांक २५३-१८सितम्बर २०२५)
*चित्त स्वच्छ पारदर्शक वस्त्र जैसा*
मान लो कि एक वस्त्र है। वह एकदम स्वच्छ है। बर्फ जैसा श्वेत ,बिल्कुल महीन और बिना किसी सल का एकदम सपाट है।
यह वस्त्र ऐसा ही रखा रहे और उस पर रेत पड़े तो यह मैला हो जाता है। इस पर गन्दे हाथ लगे तो यह अशुद्ध हो जाय । इस पर रंग के छींटे लग जाय तो धब्बे बन जाए,इस पर तेल गिर जाय तो यह चिकना हो जाय ।
इस वस्त्र को लाल रंग में रंगने से वह लाल हो जाता है। पीले रंग में रंगने से पीला हो जाता है। जैसे रंग में रंगों उसी रंग का हो जाता है।
रिक्त पड़ा रहे तब भी मैला होता है। इसी प्रकार चित्त के ऊपर भी रंग चढ़ा करता है, मैल चढ़ जाता है, धब्बे पड़ जाते हैं।
चित्त भी अशुद्ध होता है, मैला होता
है । हम सबका चित्त ऐसी चिकनाई, ऐसे भिन्नभिन्न रंगों और अनेक प्रकार के मैल से ढका रहता है।
चित्त के ऊपर जो धब्बे पड़े होते हैं, मैल चढ़ा होता है, चिकनाई चढ़ी होती है ,उसे संस्कार कहते हैं ।
*आभार*
*पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट*
*अहमदाबाद*

17/09/2025

खासकर अपने बच्चों को बताएं
क्योंकि ये बात उन्हें कोई दूसरा व्यक्ति नहीं बताएगा...

📜😇 दो पक्ष-

कृष्ण पक्ष ,
शुक्ल पक्ष !

📜😇 तीन ऋण -

देव ऋण ,
पितृ ऋण ,
ऋषि ऋण !

📜😇 चार युग -

सतयुग ,
त्रेतायुग ,
द्वापरयुग ,
कलियुग !

📜😇 चार धाम -

द्वारिका ,
बद्रीनाथ ,
जगन्नाथ पुरी ,
रामेश्वरम धाम !

📜😇 चारपीठ -

शारदा पीठ ( द्वारिका )
ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम )
गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) ,
शृंगेरीपीठ !

📜😇 चार वेद-

ऋग्वेद ,
अथर्वेद ,
यजुर्वेद ,
सामवेद !

📜😇 चार आश्रम -

ब्रह्मचर्य ,
गृहस्थ ,
वानप्रस्थ ,
संन्यास !

📜😇 चार अंतःकरण -

मन ,
बुद्धि ,
चित्त ,
अहंकार !

📜😇 पञ्च गव्य -

गाय का घी ,
दूध ,
दही ,
गोमूत्र ,
गोबर !

📜

📜😇 पंच तत्त्व -

पृथ्वी ,
जल ,
अग्नि ,
वायु ,
आकाश !

📜😇 छह दर्शन -

वैशेषिक ,
न्याय ,
सांख्य ,
योग ,
पूर्व मिसांसा ,
दक्षिण मिसांसा !

📜😇 सप्त ऋषि -

विश्वामित्र ,
जमदाग्नि ,
भरद्वाज ,
गौतम ,
अत्री ,
वशिष्ठ और कश्यप!

📜😇 सप्त पुरी -

अयोध्या पुरी ,
मथुरा पुरी ,
माया पुरी ( हरिद्वार ) ,
काशी ,
कांची
( शिन कांची - विष्णु कांची ) ,
अवंतिका और
द्वारिका पुरी !

📜😊 आठ योग -

यम ,
नियम ,
आसन ,
प्राणायाम ,
प्रत्याहार ,
धारणा ,
ध्यान एवं
समाधी !

📜

📜

📜😇 दस दिशाएं -

पूर्व ,
पश्चिम ,
उत्तर ,
दक्षिण ,
ईशान ,
नैऋत्य ,
वायव्य ,
अग्नि
आकाश एवं
पाताल

📜😇 बारह मास -

चैत्र ,
वैशाख ,
ज्येष्ठ ,
अषाढ ,
श्रावण ,
भाद्रपद ,
अश्विन ,
कार्तिक ,
मार्गशीर्ष ,
पौष ,
माघ ,
फागुन !

📜

📜

📜😇 पंद्रह तिथियाँ -

प्रतिपदा ,
द्वितीय ,
तृतीय ,
चतुर्थी ,
पंचमी ,
षष्ठी ,
सप्तमी ,
अष्टमी ,
नवमी ,
दशमी ,
एकादशी ,
द्वादशी ,
त्रयोदशी ,
चतुर्दशी ,
पूर्णिमा ,
अमावास्या !

📜😇 स्मृतियां -

मनु ,
विष्णु ,
अत्री ,
हारीत ,
याज्ञवल्क्य ,
उशना ,
अंगीरा ,
यम ,
आपस्तम्ब ,
सर्वत ,
कात्यायन ,
ब्रहस्पति ,
पराशर ,
व्यास ,
शांख्य ,
लिखित ,
दक्ष ,
शातातप ,
वशिष्ठ !

**********************

इस पोस्ट को अधिकाधिक शेयर करें जिससे सबको हमारी सनातन भारतीय संस्कृति का ज्ञान हो।
ऊपर जाने पर एक सवाल ये भी पूँछा जायेगा कि अपनी अँगुलियों के नाम बताओ ।
जवाब:-
अपने हाथ की छोटी उँगली से शुरू करें :-
(1) जल
(2) पथ्वी
(3) आकाश
(4) वायू
(5) अग्नि
ये वो बातें हैं जो बहुत कम लोगों को मालूम होंगी ।

5 जगह हँसना करोड़ो पाप के बराबर है
1. श्मशान में
2. अर्थी के पीछे
3. शौक में
4. मन्दिर में
5. कथा में

सिर्फ 1 बार भेजो बहुत लोग इन पापो से बचेंगे ।।

अकेले हो?
परमात्मा को याद करो ।

परेशान हो?
ग्रँथ पढ़ो ।

उदास हो?
कथाए पढो ।

टेन्शन मे हो?
भगवत गीता पढो ।

फ्री हो?
अच्छी चीजे फोरवार्ड करो
हे परमात्मा हम पर और समस्त प्राणियो पर कृपा करो......

सूचना
क्या आप जानते हैं ?
हिन्दू ग्रंथ रामायण, गीता, आदि को सुनने,पढ़ने से कैन्सर नहीं होता है बल्कि कैन्सर अगर हो तो वो भी खत्म हो जाता है।

व्रत,उपवास करने से तेज़ बढ़ता है,सर दर्द और बाल गिरने से बचाव होता है ।
आरती----के दौरान ताली बजाने से
दिल मजबूत होता है ।

ये मेसेज असुर भेजने से रोकेगा मगर आप ऐसा नही होने दे और मेसेज सब नम्बरो को भेजे ।

श्रीमद भगवत गीता पुराण और रामायण ।
''कैन्सर"
एक खतरनाक बीमारी है...
बहुत से लोग इसको खुद दावत देते हैं ...
बहुत मामूली इलाज करके इस
बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है ...

अक्सर लोग खाना खाने के बाद "पानी" पी लेते है ...
खाना खाने के बाद "पानी" ख़ून में मौजूद "कैन्सर "का अणु बनाने वाले '''सैल्स'''को '''आक्सीजन''' पैदा करता है...

''हिन्दु ग्रंथो मे बताया गया है कि...

खाने से पहले'पानी 'पीना
अमृत"है...

खाने के बीच मे 'पानी ' पीना शरीर की
''पूजा'' है...

खाना खत्म होने से पहले 'पानी'
''पीना औषधि'' है...

खाने के बाद 'पानी' पीना"
बीमारीयो का घर है...

बेहतर है खाना खत्म होने के कुछ देर बाद 'पानी 'पीये...

ये बात उनको भी बतायें जो आपको "जान"से भी ज्यादा प्यारे है

रोज एक सेब
नो डॉक्टर ।

रोज पांच बदाम,
नो कैन्सर ।

रोज एक निबु,
नो पेट बढना ।

रोज एक गिलास दूध,
नो बौना (कद का छोटा)।

रोज 12 गिलास पानी,
नो चेहेरे की समस्या ।

रोज चार काजू,
नो भूख ।

रोज मन्दिर जाओ,
नो टेन्शन ।

रोज कथा सुनो
मन को शान्ति मिलेगी ।।

"चेहरे के लिए ताजा पानी"।

"मन के लिए गीता की बाते"।

"सेहत के लिए योग"।

और खुश रहने के लिए परमात्मा को याद किया करो ।

अच्छी बाते फैलाना पुण्य है.किस्मत मे करोड़ो खुशियाँ लिख दी जाती हैं ।
जीवन के अंतिम दिनो मे इन्सान इक इक पुण्य के लिए तरसेगा ।

जब तक ये मेसेज भेजते रहोगे मुझे और आपको इसका पुण्य मिलता रहेगा...
अच्छा लगा तो मैने भी आपको भेज दिया, आप भी इस पुण्य के भागीदार बनें.

🙏🙏🙏🙏🙏🙏

14/09/2025

*आप सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं*
कभी हिन्दी वर्णमाला का क्रमबद्ध इतना सुन्दर प्रयोग देखा है। आप भी अद्भुत अद्वितीय अविस्मरणीय कह उठेंगे...

यह कविता जिसने भी लिखी प्रशंसनीय है।

"अ"चानक
"आ"कर मुझसे
"इ"ठलाता हुआ पंछी बोला
"ई"श्वर ने मानव को तो
"उ"त्तम ज्ञान-दान से तौला
"ऊ"पर हो तुम सब जीवों में
"ऋ"ष्य तुल्य अनमोल
"ए"क अकेली जात अनोखी
"ऐ"सी क्या मजबूरी तुमको
"ओ"ट रहे होंठों की शोख़ी
"औ"र सताकर कमज़ोरों को
"अं"ग तुम्हारा खिल जाता है
"अ:"तुम्हें क्या मिल जाता है.?
"क"हा मैंने- कि कहो
"ख"ग आज सम्पूर्ण
"ग"र्व से कि- हर अभाव में भी
"घ"र तुम्हारा बड़े मजे से
"च"ल रहा है
"छो"टी सी- टहनी के सिरे की
"ज"गह में, बिना किसी
"झ"गड़े के, ना ही किसी
"ट"कराव के पूरा कुनबा पल रहा है
"ठौ"र यहीं है उसमें
"डा"ली-डाली, पत्ते-पत्ते
"ढ"लता सूरज
"त"रावट देता है
"थ"कावट सारी, पूरे
"दि"वस की-तारों की लड़ियों से
"ध"न-धान्य की लिखावट लेता है
"ना"दान-नियति से अनजान अरे
"प्र"गतिशील मानव
"फ़"ल के चक्कर में
"ब"न बैठे हो असमर्थ
"भ"ला याद कहाँ तुम्हें
"म"नुष्यता का अर्थ.?
"य"ह जो थी, प्रभु की
"र"चना अनुपम...
"ला"लच लोभ के
"व"शीभूत होकर
"श"र्म-धर्म सब तजकर
"ष"ड्यंत्रों के खेतों में
"स"दा पाप-बीजों को बोकर
"हो"कर स्वयं से दूर
"क्ष"णभंगुर सुख में अटक चुके हो
"त्रा"स को आमंत्रित करते हुए
"ज्ञा"न-पथ से भटक चुके हो।
*हिंदी दिवस की शुभकामनाएं*🌹🌹🌹🌹

14/09/2025

🕉️ *गृहगंगाधारा* भाद्रपद .अगस्त-सितंबर : २०२५
**मैं नहीं हम* *
महाविद्यालय के प्राध्यापक कक्ष में दो प्राध्यापिकायें बात कर रही थीं। एक ने कहा, 'मैंने मेरे ही पैसे से पी. एचडी. की पढ़ाई की है।"
दूसरी ने पूछा, 'क्या तुम नौकरी
करते - करते पढ़ाई कर रही थी।
पहली ने कहा, नहीं, मैं नौकरी नहीं करती थी।'
दूसरी ने पूछा, 'तो क्या तुम्हें छात्रवृत्ति मिलती थी ?"
पहली ने कहा, 'नहीं, छात्रवृत्ति नहीं मिलती थी, और मिलती होती तो भी उससे शिक्षा पूर्ण नहीं होती'
'तो फिर पैसे कहाँ से आये?" दूसरी ने पूछा,
पहली ने कहा, 'मैं छोटी थी तब से मेरे पिताजी ने बैंक में मेरा खाता खुलवाया था। मुझे जन्मदिन पर, रक्षाबंधन पर, दिवाली पर सब मुझे पैसे भेंट देते थे। वे मेरे बैंक खाते में जमा होते थे। मुझे स्पर्धा जीतने पर कभी पुरस्कार मिलते तो वे भी बैंक खाते में जमा होते। जहाँ - जहाँ से भी मुझे पैसे मिलते ,वे मेरे खाते में जमा होते थे। इस प्रकार बीस वर्षों में मुझे जो भी पैसे मिले उससे मेरी पी.एचडी. हो गई।'
दूसरी ने पूछा, 'क्या उससे पहले की पढ़ाई भी तुमने अपने पैसे से की थी ?'
पहली ने कहां, 'नहीं, पी. एचडी. से पूर्व तो मेरे पिताजी ने खर्च किया। परंतु पी. एचडी. के लिये उनकी शर्त थी कि अब मुझे कमाना चाहिये और मेरे पैसे से आगे की पढ़ाई करनी चाहिये।'
दूसरी ने कहा, 'अच्छा ! ऐसा हुआ !'
पहली ने पूछा, 'पर तुम तो बताओ, तुमने क्या किया ?"
दूसरीने कहा, 'हमारे घर में ऐसा नहीं था। मुझे मेरे दोनो भाइयों को जो भी मिलता था ,वह हम माँ को देते थे। पिताजी भी जो कमाई करके लाते थे वह माँ के हाथ में दे देते थे। हमारे घर में यह मेरा पैसा यह तेरा पैसा ऐसा हिसाब नहीं था, सबकी कमाई सबकी होती थी और आयव्यय का संचालन माँ करती थी। हमारी पढ़ाई का खर्च तो माँ ही करती थी।'
पहली ने कहा, 'अच्छा ऐसा था क्या?'
पाठकों, आज की उन दोनों की स्थिति क्या है?
दोनों के विवाह हुए। पहली का छः मास में पैसे के हिसाब के चलते विवाह विच्छेद हुआ। दूसरी भरे पूरे घर में छोटी बहू बनी और पूरे घर की साम्राज्ञी बनी।
* इति शुभम् 🙏🏻
*आभार*
निर्माण एवं संपादन
*पितामही उपविद्यापीठ*
प्रकाशन
*पुनरुत्थान ट्रस्ट* (कर्णावती )
अहमदाबाद 🕉️

12/09/2025

🔈🔉🔊*पन्द्रह वर्ष से अधिक आयु के युवक युवती हेतु प्रश्न*

🕉️ *गृहगंगाधारा* भाद्रपद .अगस्त-सितंबर : २०२५
*पन्द्रह वर्ष से अधिक आयु के युवक युवती हेतु प्रश्न*
१. क्या आपको चाय बनानी आती है? चाय बनाने की वैज्ञानिक पद्धति आप जानते हैं ?
२. क्या आपको फ्यूझ बाँधना आता है?
३. क्या आपको देशी फल और संकरित फलों में अन्तर करना आता है?
४. क्या आपको सूती और सिन्थेटिक कपड़े में अन्तर पहचानना आता है ?
५ .क्या आपको दैनंदिन उपयोग की वस्तु में गुणवत्ता तथा कीमत देखकर क्रय करना आता है ?
६. क्या आपको देशी गाय और जर्सी में अन्तर करना आता है?
७. क्या आपको मटके के पानी और बिसलेरी के स्वाद का अन्तर परखना आता है?
८. क्या आपको छाछ विलोना आता है?
९. क्या आपको कील ठोकना और पेंच कसना आता है?
१०. क्या आपको फटे कपड़े को सुई धागे से सिलना आता है?
११. क्या आपको परोसना आता है ?
१२. क्या आपको बिना मशीन के कपड़े धोना आता है?
१३. क्या आपको धुले कपड़ों की तह करना आता है?
१४. क्या आपको किसी भी भगवान जी का हिन्दी में, अपनी मातृभाषा में अथवा संस्कृत में स्रोत्र गाना आता है ?
१५. क्या आपको श्रीमद् भगवद्‌गीता के बीस पचीस श्लोक कंठस्थ है?
१६. क्या आपको चन्दन घिसना आता है?
१७. क्या आपको भगवान को फूल चढ़ाना और फूलों का हार बनाना आता है?
युवाओं, ये प्रश्न पढ़कर कैसा लगा है?
यह सब आपको आना चाहिये ऐसा लगता है?
या ऐसे प्रश्न क्यों पूछे जाते हैं ऐसा लगता है?
विचार करें।
* इति शुभम् 🙏🏻
*आभार*
निर्माण एवं संपादन
*पितामही उपविद्यापीठ*
प्रकाशन
*पुनरुत्थान ट्रस्ट* (कर्णावती )
अहमदाबाद 🕉️

Address

National High Way 509
Chandausi
204412

Opening Hours

Monday 9am - 3:10pm
Tuesday 9am - 3:10pm
Wednesday 9am - 3:10pm
Thursday 9am - 3:10pm
Friday 9am - 3:10pm
Saturday 9am - 3:10pm

Telephone

9456832225

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when PM SHRI Composite School Aata, Baniyakhera, Sambhal posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to PM SHRI Composite School Aata, Baniyakhera, Sambhal:

Share