Pankaj Ambedkar Moolnivasi

Pankaj Ambedkar Moolnivasi जय भीम जय भारत

01/08/2023

नशे में पड़ा व्यक्ति ,वोटो की क़ीमत नहीं जानता।
वह अधिकार क्या जानेगा।

07/06/2023
घोड़ी के साथ पता नही क्या रिस्तेदारी हैं इनकी जो भी दलित चढ़ता हैं उसको उतारने की कोशिस करते हैं !!
07/06/2023

घोड़ी के साथ पता नही क्या रिस्तेदारी हैं इनकी जो भी दलित चढ़ता हैं उसको उतारने की कोशिस करते हैं !!

इग्लैंड और फ्रांस के बीच चलने वाली एक ट्रेन जो इग्लैंड जा रही थी उसमें मुसाफिर लगभग भर चुके थे सिर्फ एक सीट खाली रह गई थ...
07/06/2023

इग्लैंड और फ्रांस के बीच चलने वाली एक ट्रेन जो इग्लैंड जा रही थी उसमें मुसाफिर लगभग भर चुके थे सिर्फ एक सीट खाली रह गई थी ट्रेन चलने से थोड़ी देर पहले एक अंग्रेज शख्स आया और उस सीट पर बैठ गया बगल में पहले से ही एक फ्रांसीसी खातून बैठी हुई थी --
फ़्रांसीसी खातून के चेहरे से परेशानी साफ झलक रही थी उसके चेहरे पर अत्यधिक तनाव देखकर अंग्रेज से रहा न गया वह पूछ बैठा आप क्यो इतनी परेशान हैं ?
उस खातून ने हिचकिचाहट के साथ कहा मेरे पास इग्लैंड के कानून के मुताबिक रखने वाली रकम से ज्यादा रकम है जो दस हजार पाउंड बनते हैं फ्रांस में इतनी रकम रखना जुर्म नही है मगर इग्लैंड में जुर्म है न जाने वहां मेरे साथ क्या सलूक होगा --?
अंग्रेज बोला यह तो कोई मसला नही है अगर आप राजी हों तो आधी रकम मुझे देदें बाकी 5000 पाउंड आपके पास रहेगा हो सकता है किसी को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया तो आधी रकम बच जायेगी आप मुझे लन्दन और फ्रांस का पता लिखकर देदें ऐसी सूरत में मैं आपका पैसा आपको वापस कर दुंगा खातून ने अपना पता लिखकर दे दिया -
रेल से उतरने के बाद फ़्रांसीसी खातून पुलिस के चेकिंग से बिना किसी रूकावट के गुजर चुकी थी कि अंग्रेज जोर से चीख पड़ा और पुलिस को उस खातून की तरफ इशारा करते हुए बोला जनाब उस औरत को पकड़े वह दस हजार पाउंड गैर कानूनी तौर पर लेकर जा रही है उसमें से आधी मेरे पास और आधा पांच हजार पाउंड उसके पास है जनाब मैं इग्लैंड का "देश भक्त "शहरी हूँ और मैं अपने महबूब देश से गद्दारी करने का सोच भी नही सकता मैंने जानबूझकर उसकी मदद की ताकि अपने "महान देश"से मेरी देश भक्ती साबित हो सके--
पुलिस ने खातून की दोबारा तलाशी ली और आधी रकम बरामद करली खातून ने अपना जुर्म कबूल भी कर लिया अंग्रेज ने भी अपने पास रखी आधी रकम पुलिस के हवाले कर दिया
पुलिस अफसरान ने मनी लांड्रिंग से देश की इकॉनमी को पहुंचने वाले नुकसान के बारे में बात करते हुए अंग्रेज का शुक्रिया अदा किया उसकी देश भक्ती की जमकर तारीफ करते हुए इज्जत के साथ जाने दिया और उस फ्रांसीसी खातून को दूसरी ट्रेन से वापस फ्रांस भेज दिया --
कुछ दिन बाद फ्रांसीसी खातून के दरवाजे पर दस्तक हुई जवाब में उसने दरवाजा खोला तो सामने अंग्रेज खड़ा था हैरानी और गुस्से के मिलेजुले हालत में खातून बोली तुम कितने झूठे और मक्कार आदमी हो कि धोखे से मेरे पैसे पुलिस को बरामद करा दी और कितने बेशरम हो कि सामने आकर खड़े भी होगये
अंग्रेज ने खातून के किसी भी बात पर रिएक्शन देने के बजाये उसे एक लिफाफा थमाया जिसमें 15000 पाउंड थे और सपाट लहजे में बोला यह आपकी रकम है और बाकी पैसे मेरी तरफ से आपके लिए इनाम है
फ्रांसीसी खातून उसकी बात सुनकर हैरान रह गई कि यह क्या माजरा है--?
अंग्रेज कहने लगा मोहतरमा आपका गुस्सा जायज है मगर उस वक्त मैं पुलिस का ध्यान अपने बैग से हटाना चाहता था जिसमें पहले से ही तीन मिलियन पाउंड थे मुझे इस लिये यह नाटक करनी पड़ी जिसमें आपके दस हजार पाउंड चले गये मगर मेरे लिए यह सौदा जरा भी महंगा नही था !!
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कभी कभी चीख चीख कर देशभक्ती,कानून की पासदारी और गैरत का दावा करने वाला शख्स दरअसल चोर भी हो सकता है
जो देशभक्ती की आड़ लेकर अपने आपको बचा रहा होता है !

लीडर ऐसा हो दुश्मन पहचान न सके
07/06/2023

लीडर ऐसा हो दुश्मन पहचान न सके

31/05/2023

डा० लक्ष्मण यादव प्रोफेसर #डीयू

इन संघियों का असली चेहरा यही है। इसे सारा देश जान लें और विशेष रूप से एससी एसटी ओबीसी के लोग। जो सरकार पुलवामा के सैनिको...
29/05/2023

इन संघियों का असली चेहरा यही है। इसे सारा देश जान लें और विशेष रूप से एससी एसटी ओबीसी के लोग।

जो सरकार पुलवामा के सैनिकों को हवाई जहाज ना देकर 40 सैनिकों को मरने देती है, वही सरकार संसद उद्घाटन के लिए एक अकेले पुजारी को हवाई जहाज दे देती है!

देश निर्वाचित राष्ट्रपति जो कि आदिवासी है, उन्हें इस आयोजन से दूर रखा गया। आखिरकार क्यों?

बहुत सुंदर विचार.....अपनी मृत्यु और अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है। बाकी तो मौत को enjoy ही करता है आदमी ...🙏थोड़ा समय न...
08/05/2023

बहुत सुंदर विचार.....

अपनी मृत्यु और अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है। बाकी तो मौत को enjoy ही करता है आदमी ...

🙏थोड़ा समय निकाल कर अंत तक पूरा पढ़ना 🙏

✍️ मौत के स्वाद का चटखारे लेता मनुष्य ...
थोड़ा कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है ...

मौत से प्यार नहीं , मौत तो हमारा स्वाद है.....

बकरे का,
गाय का,
भेंस का,
ऊँट का,
सुअर,
हिरण का,
तीतर का,
मुर्गे का,
हलाल का,
बिना हलाल का,
ताजा बकरे का,
भुना हुआ,
छोटी मछली,
बड़ी मछली,

हल्की आंच पर सिका हुआ। न जाने कितने बल्कि अनगिनत स्वाद हैं मौत के।
क्योंकि मौत किसी और की, और स्वाद हमारा....

स्वाद से कारोबार बन गई मौत।
मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्म्स।
नाम *पालन* और मक़सद *हत्या*❗
स्लाटर हाउस तक खोल दिये। वो भी ऑफिशियल। गली गली में खुले नान वेज रेस्टॉरेंट, मौत का कारोबार नहीं तो और क्या हैं ? मौत से प्यार और उसका कारोबार इसलिए क्योंकि मौत हमारी नही है।

जो हमारी तरह बोल नही सकते, अभिव्यक्त नही कर सकते, अपनी सुरक्षा स्वयं करने में समर्थ नहीं हैं...

उनकी असहायता को हमने अपना बल कैसे मान लिया ?

कैसे मान लिया कि उनमें भावनाएं नहीं होतीं ?
या उनकी आहें नहीं निकलतीं ?

डाइनिंग टेबल पर हड्डियां नोचते बाप बच्चों को सीख देते है, बेटा कभी किसी का दिल नही दुखाना ! किसी की आहें मत लेना ! किसी की आंख में तुम्हारी वजह से आंसू नहीं आना चाहिए !

बच्चों में झुठे संस्कार डालते बाप को, अपने हाथ मे वो हडडी दिखाई नही देती, जो इससे पहले एक शरीर थी, जिसके अंदर इससे पहले एक आत्मा थी, उसकी भी एक मां थी ...??
जिसे काटा गया होगा ?
जो कराहा होगा ?
जो तड़पा होगा ?
जिसकी आहें निकली होंगी ?
जिसने बद्दुआ भी दी होगी ?

कैसे मान लिया कि जब जब धरती पर अत्याचार बढ़ेंगे तो भगवान सिर्फ तुम इंसानों की रक्षा के लिए अवतार लेंगे ..❓

क्या मूक जानवर उस परमपिता परमेश्वर की संतान नहीं हैं .❓

क्या उस ईश्वर को उनकी रक्षा की चिंता नहीं है ..❓

धर्म की आड़ में उस परमपिता के नाम पर अपने स्वाद के लिए कभी ईद पर बकरे काटते हो, कभी दुर्गा मां या भैरव बाबा के सामने बकरे की बली चढ़ाते हो। कहीं तुम अपने स्वाद के लिए मछली का भोग लगाते हो ।

कभी सोचा ...!!!
क्या ईश्वर का स्वाद होता है ? ....क्या है उनका भोजन ?

किसे ठग रहे हो ?
भगवान को ?
अल्लाह को ?
जीसस को?
या खुद को ?

मंगलवार को नानवेज नही खाता ...!!!
आज शनिवार है इसलिए नहीं ...!!!
अभी रोज़े चल रहे हैं ....!!!
नवरात्रि में तो सवाल ही नही उठता ....!!!

झूठ पर झूठ......झूठ पर झूठ.झूठ पर झूठ बोलो पकड़ा गया है। यह एक इंसान की बात कर रहे हैं और उन्हें अपने घर पर भी ध्यान रखना चाहिए कि हम अपनी इन्हीं झूठों को एक बार नही बार 2 दोहराते हैं।।

1950 में गाँव में कुछ ऐसे होता था चुनाव प्रचार!!
06/05/2023

1950 में गाँव में कुछ ऐसे होता था चुनाव प्रचार!!

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