18/08/2025
नशा मुक्ति पदयात्रा – इको सिटी से माता मनसा देवी मंदिर तक
आज हमने एक ऐसी यात्रा पूरी की, जिसने यह सिद्ध कर दिया कि जब संकल्प, विश्वास और समुदाय एक साथ खड़े हों, तो कोई भी कठिनाई बड़ी नहीं होती।
सुबह 4 बजे Good Good Life+ बेस कैम्प, इको सिटी में हम सब एकत्र हुए –मैं विक्रम सेठी, श्री अरजन सिंह Walker BABA , सुश्री अमनदीप चौहान, श्री अमर डोगरा, श्री धर्मेंद्र सिंह और श्री विक्रमजीत सिंह पन्नू।
सभी ने मिलकर नाश्ता किया और यह महसूस किया कि हमारी यह यात्रा सिर्फ़ पैरों की नहीं, बल्कि आत्मा की यात्रा होगी। धर्मेंद्र जी इनोवा गाड़ी लेकर साथ चले जिसमें आपूर्ति और आपातकालीन किट रखी गई थी।
सुबह 5:30 बजे पदयात्रा की शुरुआत हुई। हवा ठंडी थी, मन में ऊर्जा थी और कदम दृढ़ थे। लेकिन 8 बजे नयागांव पहुँचते ही प्रकृति ने हमें परखा – तेज़ बारिश और पानी से लबालब भरी सड़कें।
लेकिन हमने बारिश को रुकावट नहीं, बल्कि माता मनसा देवी का आशीर्वाद माना।
थके हुए कदमों को बारिश ने मानो नया जीवन दे दिया। भीगते हुए चलते समय ऐसा लगा जैसे सारी थकान बह गई और मन में नई शक्ति आ गई।
इसी दौरान कुछ क्षण हमेशा के लिए यादगार बन गए –
- श्री विक्रमजीत सिंह पन्नू ने पहली बार खुलकर अपनी नशा मुक्ति की कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे वर्षों के संघर्ष के बाद नशा मुक्त नौजवान मोर्चा सोसाइटी Naujawan Morcha और Good Life+ ने उन्हें नई राह दी। उनके लिए यह पहला Walkathon था और उन्होंने इसे अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी थेरेपी बताया।
- सुश्री अमनदीप ने अपने आत्मीय अंदाज़ में सभी का साक्षात्कार लिया। उनकी सहजता ने यात्रा को और भी जीवंत और रोचक बना दिया।
- मेरी और Inc Media Associates वॉकर बाबा की बातचीत में हमने पैदल चलने और शारीरिक गतिविधियों को नशे, डिप्रेशन और चिंता से बाहर आने का सबसे सरल और सबसे असरदार तरीका बताया।
सुबह 10 बजे हम सकेत्री शिव मंदिर पहुँचे और वहाँ आशीर्वाद लिया। इसके बाद अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ते हुए 11:15 बजे हम माता मनसा देवी मंदिर पहुँचे। उस समय हल्की बूंदाबांदी हो रही थी और वातावरण बिल्कुल दिव्य लग रहा था।
भीड़ के बावजूद, माता मनसा देवी मंदिर पूजास्थल बोर्ड मेंबर डॉ. एच.सी. गुप्ता ने विशेष प्रवेश की व्यवस्था कराई, जिससे हमें शांतिपूर्ण दर्शन का सौभाग्य मिला।
दर्शन के बाद हम पटियाला मंदिर परिसर स्थित महामाई मनसा देवी भंडारा कमेटी पहुंचे। वहाँ श्री के.के. शर्मा, श्री संजय बिंदल और श्री सुनील गुप्ता ने हमारा हार्दिक स्वागत किया। हमें प्रसाद रूपी स्वादिष्ट भोजन – कड़ी-चावल, छोले-आलू और हलवा – परोसा गया। यह भोजन केवल स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि प्रेम और सेवा की मिसाल था। इसके बाद चाय-रस्क के साथ हमने दिल से दिल की बातें कीं और अपने मिशन के चार स्तंभ – आयुर्वेद, रूटीन, समुदाय और रोज़गार पुनर्वास – पर चर्चा की।
दोपहर 1:30 बजे हम वापस इको सिटी के बेस कैम्प लौटने के लिए चले और 2 बजे पहुँच गए। वहाँ गरम काहवा के साथ बैठकर हमने यह निर्णय लिया कि –
- अब यह पदयात्रा केवल एक कार्यक्रम नहीं रहेगी, बल्कि एक आंदोलन बनेगी।
- हम खरड़ उपमंडल के गांवों में जाएंगे।
- नशा मुक्ति शिविर लगाएंगे।
- और लोगों को पैदल यात्राओं के ज़रिये प्रेरित करेंगे।
आज की यह यात्रा हमारे लिए शारीरिक अभ्यास से कहीं बढ़कर थी। यह एक आध्यात्मिक साधना, आत्मा की थेरेपी और नशा व अवसाद से जूझ रहे हजारों लोगों के लिए आशा का प्रतीक थी।
जब हम साथ चलते हैं, तो हम साथ हील करते हैं।
आज हमने अनुभव किया कि विश्वास, समुदाय और अनुशासित रूटीन से किसी भी अंधेरे से रोशनी की ओर बढ़ना संभव है।
🙏 जय माता दी 🙏