
29/07/2025
वादाखिलाफी व तुगलकी फरमानों के विरोध में अध्यापकों ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन
पंचकुला- ( प्रीति धारा ) - हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर फेडरेशन ऑफ इंडिया खंड पिंजौर के अध्यापकों ने खंड शिक्षा अधिकारी श्रीमती सीमा रानी को प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा । प्रदर्शन की अध्यक्षता खंड प्रधान आनंद जैन ने की व संचालन खंड सचिव अश्विनी कुमार ने किया। प्रदर्शन में जिला सचिव विजयपाल व जिला प्रैस प्रवक्ता भूप सिंह वर्मा विषेश रूप से उपस्थित रहे ।
उपस्थित अध्यापकों को संबोधित करते हुए जिला सचिव विजयपाल ने कहा कि शिक्षा नीति 2020 की आड़ में केंद्र व राज्य सरकार लगातार सार्वजनिक शिक्षा के ढांचे को सिकोड़ रही है। मानी गई मांगो को लागू न करके बार-बार वादाखिलाफी कर रही है। मई मास में सभी विद्यालयों में विद्यालय प्रबंध समिति की कार्यकारिणी का गठन किया गया था परन्तु जुलाई माह के शुरू में ही इन समितियों के रद्द करने का पत्र जारी हो जाता है जिसमें अटैच प्राथमिक व विद्यालयों की विद्यालय प्रबंधन समितियों को रद्द करके माध्यमिक, उच्च या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के साथ एक ही समिति बनाने के आदेश दे दिए गए। जो एक तो मई मास में बनाई गई समितियों के सदस्यों की प्रतिष्ठा का सवाल खड़ा करता है दूसरा प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की समस्याएं व जरूरतें बड़े बच्चों से भिन्न प्रकार की होती हैं इसलिए प्राथमिक विद्यालय को अलग इकाई के रूप में देखना चाहिए।ऐसा प्रतीत होता है एसएमसी की एक यूनिट बनाने के बहाने लगभग 5 हजार सरकारी स्कूलों के मर्जर की व्युहरचना रची जा रही है। सरकार जल्द से जल्द सार्वजनिक शिक्षा के वर्तमान ढांचे को सिकोड़ने की कोशिश में है । जिस तरह उतर प्रदेश में मर्जर और विलय के नाम पर 27 हजार स्कूलों को बंद किया जा रहा है उसी तर्ज पर हरियाणा सरकार स्कूलों को बंद करने की तैयारी में है।
जिला प्रैस प्रवक्ता भूप सिंह वर्मा ने बताया कि इसके विरोध में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ द्वारा 21 से 30 जुलाई तक पूरे प्रदेश में खंड स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज 29 जुलाई को पिंजौर खंड के अध्यापकों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा है व 30 जुलाई को बरवाला खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया जाएगा ।
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खंड प्रधान आनंद जैन ने बताया कि कि रूल 2012 के अनुसार हरियाणा सरकार 50% अंकों की आड़ में अध्यापकों को एसीपी पर रोक लगा रखी , जबकि 2012 के नियमों में ही 45 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए उससे कम प्रतिशत के लिए भी प्रावधान है परन्तु अधिकारी अपनी मनमानी कर रहें हैं । अतः स्पष्ट है कि इन नियमों की आड़ में हरियाणा सरकार एसीपी नहीं देना चाहती जो कि अध्यापकों के साथ सरासर अन्याय है । एक तरफ तो सरकार पारदर्शिता का ढोल पीट रही है दूसरी तरफ कोई ना कोई बहाना लेकर अध्यापकों के लाभों को रोका जा रहा है।
मुख्य मांगें -
सभी अध्यापकों/कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाए ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को वापस लो।
कम संख्या, मर्जर/विलय व अलग-अलग बहानों से सार्वजनिक शिक्षा के ढांचे को सिकोड़ना बंद करो ।
पेंडिंग पदोन्नति सूचियां अतिशीघ्र जारी की जाएं ।
ट्रांसफर ड्राइव का शेड्यूल अविलंब जारी किया जाए ।
हर वर्ष सत्र शुरू होने से पहले व्यवहारिक रेशनेलाइजेशन करते हुए सभी योग्य अध्यापकों के तबादले सुनिश्चित किए जाएं।
सभी स्कूलों में अलग-अलग प्रकार की कटैगरी ना बनाई जाएं, सरकार सभी स्कूलों में अच्छी सुविधाएं व पूरे अध्यापक उपलब्ध करवाए । सभी स्कूल शिक्षा बोर्ड भिवानी से संबंधित हों और किसी भी बच्चे से किसी प्रकार की फीस/शुल्क ना लिया जाए ।
कॉमन स्कूल सिस्टम के तहत पड़ोस के स्कूल में सबके लिए एक जैसी शिक्षा का निशुल्क प्रबंध हो ।
सेवा नियमावली 2012 के कारण ACP में जो अड़चनें आ रही हैं उनमें बदलाव हो, अध्यापक/कर्मचारी जिन नियमों के तहत भर्ती हुए हैं वही नियम उन पर ACP में भी लागू हों ।
चिराग व उल्लास योजना वापस हों ।
हरियाणा का अलग से वेतन आयोग गठित हो ।
गेस्ट टीचर्स को पक्का किया जाए, एनएसक्यूएफ व कौशल रोजगार निगम के टीचर्स की सेवा सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ।
स्कूलों में हर विषय के लिए अलग शिक्षक व प्राथमिक स्तर पर हर कक्षा/सेक्शन के लिए एक शिक्षक का प्रबंध हो ।
आबादी के अनुपात में नए पद सृजित किए जाएं व नए स्कूल खोले जाएं ।
सभी खाली पदों पर आरक्षण व बैकलॉग का पालन करते हुए एकेडमिक मेरिट से पक्की भर्ती हो ।
कर्मचारी शिक्षकों के आश्रितों (माता-पिता) का इलाज का खर्च बिना आय सीमा के दिया जाए ।
गैरशैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी न लगे, अध्यापक से केवल पढ़ाने का ही काम लिया जाए ।
छात्रों को प्रोत्साहन राशियों में वृद्धि हो व इनका भुगतान हर वर्ष समय पर हो ।
प्राथमिक विद्यालयों सहित सभी विद्यालयों में गैरशैक्षणिक स्टाफ- सफाई कर्मचारी, क्लर्क, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उपलब्ध हों ।
मेडिकल, एलटीसी, एक्स ग्रेसिया, एचकेआरएन समेत सभी बजट समय पर जारी हों ।
अगर खंड स्तर पर प्रदर्शनों के बाद भी समाधान नहीं हुआ तो जल्द ही जिला व राज्य स्तर पर भी प्रदर्शन किए जाएंगे और सात सितंबर को शिक्षा मंत्री आवास पर राज्य स्तरीय प्रदर्शन किया जाएगा ।
आनंद जैन, विजयपाल , भूप सिंह वर्मा, प्रवीण तौमर, हंसराज, प्रवीण कुमार, विजय नैन, मदनलाल आदि उपस्थित रहे ।