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30/07/2025
09/07/2025
27/06/2025

🇮🇳 Veerangana in Uniform 🇮🇳
With pride in their hearts and rifles in hand, these brave daughters of Bharat embody strength, discipline, and dedication.
Their eyes reflect courage, their stance commands respect.
They are not just women in uniform — they are Guardians of the Nation.

Salute to the spirit of Nari Shakti in uniform! 💪💂‍♀️

🫡 सीमा के प्रहरी और योग के साधक को नमन!अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हम BSF के वीर जवानों को प्रणाम करते हैं, जो न सिर्फ हम...
21/06/2025

🫡 सीमा के प्रहरी और योग के साधक को नमन!
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हम BSF के वीर जवानों को प्रणाम करते हैं, जो न सिर्फ हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं, बल्कि योग के माध्यम से मानसिक और शारीरिक संतुलन का उदाहरण भी प्रस्तुत करते हैं।

जहाँ देश सेवा है, वहाँ साधना भी है।
🧘‍♂️🪖 योग के साथ एक स्वस्थ राष्ट्र, एक शांतिपूर्ण विश्व की ओर।

🇮🇳

🇮🇳 याजिक हिलांग ने जीता स्वर्ण पदक!🏆  भारत की याजिक हिलांग ने 15वीं दक्षिण एशियाई बॉडीबिल्डिंग और फिजीक स्पोर्ट्स चैंपिय...
15/06/2025

🇮🇳 याजिक हिलांग ने जीता स्वर्ण पदक!🏆

भारत की याजिक हिलांग ने 15वीं दक्षिण एशियाई बॉडीबिल्डिंग और फिजीक स्पोर्ट्स चैंपियनशिप 2025 में महिला मॉडल फिजीक (155 सेमी तक) वर्ग में प्रथम स्थान हासिल कर देश का नाम रोशन किया! यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता भूटान के थिम्फू में आयोजित हुई।

यह प्रतियोगिता साउथ एशियन बॉडीबिल्डिंग और फिजीक स्पोर्ट्स फेडरेशन द्वारा आयोजित की गई, जिसमें कई दक्षिण एशियाई देशों ने भाग लिया। इसे वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग और फिजीक स्पोर्ट्स फेडरेशन (WBPF) द्वारा भी मान्यता प्राप्त है।

बधाई हो, याजिक! आपकी इस उपलब्धि ने भारत को गर्व से भर दिया! 🇮🇳💪

🇮🇳 एक अधिकारी, एक प्रेरणा 🇮🇳"सिर्फ कुर्सी नहीं, यह ज़िम्मेदारी है...जहाँ फैसले लोगों की ज़िंदगियों को बदलते हैं।"IAS अधि...
14/06/2025

🇮🇳 एक अधिकारी, एक प्रेरणा 🇮🇳

"सिर्फ कुर्सी नहीं, यह ज़िम्मेदारी है...
जहाँ फैसले लोगों की ज़िंदगियों को बदलते हैं।"

IAS अधिकारी होना सिर्फ एक पद नहीं, बल्कि एक मिशन है — देश की सेवा का, सिस्टम में बदलाव लाने का, और उन आवाज़ों को सुनने का जो अक्सर अनसुनी रह जाती हैं।

हर दिन नई चुनौतियाँ, हर फाइल में एक नई उम्मीद, और हर निर्णय में लाखों लोगों की भलाई की ज़िम्मेदारी। यही तो पहचान है एक सच्चे सिविल सर्वेंट की।

सलाम है उन सभी IAS अधिकारियों को, जो अपनी निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण से भारत का भविष्य संवार रहे हैं। 🙏

अहमदाबाद विमान हादसे में शहीद हुए पायलट सुमित सभरवाल की भावुक कहानीअहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे ने पूरे देश क...
14/06/2025

अहमदाबाद विमान हादसे में शहीद हुए पायलट सुमित सभरवाल की भावुक कहानी

अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। इस दुखद घटना में कई लोगों की जान चली गई, जिनमें एक थे पायलट सुमित सभरवाल – एक ऐसा नाम, जिसने अपने समर्पण, भावनाओं और ज़िम्मेदारी से न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे राष्ट्र का दिल छू लिया।

सुमित सभरवाल एक कुशल और समर्पित पायलट थे। लेकिन उनकी पहचान केवल एक प्रोफेशनल तक सीमित नहीं थी — वह एक बेहद संवेदनशील बेटा, अपने परिवार का स्तंभ और अपने पिता के लिए समर्पित आत्मा थे। हादसे से ठीक तीन दिन पहले उन्होंने अपने पिता से फोन पर बात की थी। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था, "अब नौकरी छोड़कर आपकी सेवा करूंगा।" यह शब्द उनके पिता के लिए भावनाओं से भरा वादा थे — एक बेटे का अपने पिता के प्रति अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक।

सुमित का जीवन केवल उड़ानों और गंतव्यों तक नहीं था, वह अपने घर का सहारा और भविष्य की उम्मीद थे। उन्होंने अपने करियर को एक तरफ रखकर अपने पिता की सेवा को प्राथमिकता देने का मन बना लिया था। यह उनके भीतर छिपे हुए मानवीय मूल्यों और पारिवारिक भावना को दर्शाता है।

लंदन के लिए उड़ान भरने से पहले भी उन्होंने अपने पिता को कॉल कर कहा था, "मैं लंदन पहुंचकर फोन करता हूं।" यह एक सामान्य सी बात, जो दुर्भाग्यवश उनकी आखिरी बातचीत बन गई। यह एक साधारण वाक्य अब असाधारण बन चुका है — उनके प्यार, ज़िम्मेदारी और वचनबद्धता की अमिट छाप बनकर।

यह हादसा सिर्फ एक विमान दुर्घटना नहीं थी — यह एक ऐसे बेटे की कहानी है, जिसने जीवन में हर भूमिका को पूरी निष्ठा से निभाया। उनकी शहादत न केवल एक व्यक्तिगत क्षति है, बल्कि एक राष्ट्रीय शोक है।

सुमित सभरवाल की कहानी हमें यह सिखाती है कि कर्तव्य केवल प्रोफेशनल नहीं होते, वह भावनात्मक और पारिवारिक भी होते हैं। उनकी यादें, उनके शब्द और उनका समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगे।

🙏 ओम शांति

🙏 श्रद्धांजलि 🙏क्लाइव कुंदर — एयर इंडिया के सह-पायलट, जिनके पास 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था।उनके असमय निधन से एविएशन...
12/06/2025

🙏 श्रद्धांजलि 🙏

क्लाइव कुंदर — एयर इंडिया के सह-पायलट, जिनके पास 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था।
उनके असमय निधन से एविएशन जगत को गहरी क्षति पहुँची है।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।
ॐ शांति 🙏🕊️

यह कहानी है दो महानायकों की—एक भारत के राष्ट्रपति, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की, और दूसरे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, जिन्ह...
24/05/2025

यह कहानी है दो महानायकों की—एक भारत के राष्ट्रपति, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की, और दूसरे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, जिन्हें पूरे देश में “सैम बहादुर” के नाम से जाना जाता है।

बात उन दिनों की है जब डॉ. कलाम कुन्नूर के दौरे पर थे। उन्हें पता चला कि फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ वहां के सैन्य अस्पताल में भर्ती हैं। बिना किसी औपचारिकता की परवाह किए, डॉ. कलाम सीधे अस्पताल पहुंचे।
वो सैम के पास गए, उनका हालचाल पूछा और विनम्रता से बोले,
“क्या आपको किसी चीज़ की तकलीफ है? क्या मैं कुछ कर सकता हूं जिससे आप सहज महसूस करें? कोई शिकायत हो तो बताएं।”

सैम मानेकशॉ मुस्कुराए और बोले,
“हां, सर, एक शिकायत है।”
डॉ. कलाम थोड़ा चौंके और गंभीरता से पूछा,
“कृपया बताइए, क्या बात है?”

सैम की आंखों में गर्व और देशप्रेम की चमक थी। उन्होंने कहा,
“मेरी शिकायत बस इतनी है कि मेरे प्यारे देश के राष्ट्रपति मेरे सामने खड़े हैं… और मैं उठकर उन्हें सलाम नहीं कर पा रहा।”

पूरा कमरा एक पल के लिए मौन में डूब गया। कलाम जी ने सैम का हाथ थामा। दोनों की आंखें नम थीं—एक सच्चे देशभक्त की दूसरे देशभक्त के लिए भावना और सम्मान का प्रतीक।

अस्पताल से निकलते समय सैम ने एक और बात साझा की—उन्हें 2007 में घोषित फील्ड मार्शल की बढ़ी हुई पेंशन अब तक नहीं मिली थी। यह पेंशन सेवा में बने रहने वाले प्रमुखों के बराबर होनी थी, लेकिन सैम तक नहीं पहुंची।

डॉ. कलाम ने इस बात को दिल से लगा लिया। दिल्ली लौटते ही उन्होंने कार्रवाई की। सिर्फ एक सप्ताह में 1.30 करोड़ रुपये की बकाया राशि का चेक तैयार करवाया गया। रक्षा सचिव खुद विशेष विमान से ऊटी के वेलिंग्टन अस्पताल पहुंचे।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।

जब सैम मानेकशॉ को वह चेक सौंपा गया, तो उन्होंने एक ऐसा निर्णय लिया जिसने सबका दिल छू लिया।
उन्होंने पूरी राशि—1.30 करोड़ रुपये—बिना झिझक सेना राहत कोष में दान कर दी।

यह था सैम का सच्चा देशप्रेम—निस्वार्थ, निस्संदेह और प्रेरणादायक।



किसे सलाम करें?
• डॉ. कलाम को, जिन्होंने एक सैनिक की तकलीफ को अपना कर्तव्य समझा।
• सैम मानेकशॉ को, जिन्होंने अपने लिए कुछ भी न रखकर देश के लिए सब कुछ दे दिया।

ये हैं हमारे सच्चे नायक—जिन्होंने न केवल देश की रक्षा की, बल्कि हमें यह भी सिखाया कि सम्मान, देशभक्ति और मानवता क्या होती है।

🙏 जय हिंद 🇮🇳

अर्धसैनिक बल के जवान जो स्नातक या PG करना चाहते है उनके लिए लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) ने 100% स्कॉलरशिप यानी free...
22/05/2025

अर्धसैनिक बल के जवान जो स्नातक या PG करना चाहते है उनके लिए लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) ने 100% स्कॉलरशिप यानी free में कोर्स पूरा करने का ऑफर दिया है। ये ऑफर जय जवान स्कॉलरशिप प्रोग्राम के तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 & 2026-27 के लिए दिया है। विस्तृत जानकारी के लिए LPU की वेबसाइट https://www.lpu.in/ पर जाकर जानकारी ले सकते है। अधिक से अधिक शेयर कर अर्धसैनिक बल के सभी जवानों तक ये मेसेज पहुंचा दिया जाए ताकि इच्छुक जवान फायदा उठा सके।

लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने उत्तर सिक्किम रेस्क्यू मिशन में एक सैनिक को बचाते हुए प्राणों की आहुति दी — भारतीय सेना के अध...
22/05/2025

लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने उत्तर सिक्किम रेस्क्यू मिशन में एक सैनिक को बचाते हुए प्राणों की आहुति दी — भारतीय सेना के अधिकारी ने उच्च हिमालयी ऑपरेशन में दिखाई वीरता

भारतीय सेना की ईस्टर्न कमान ने अत्यंत दुःख के साथ यह सूचना दी है कि लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने उत्तर सिक्किम के एक उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र (HAA) में ऑपरेशनल पेट्रोलिंग के दौरान एक साथी सैनिक को बचाने के प्रयास में अपने प्राण गंवा दिए। यह घटना उस समय हुई जब लेफ्टिनेंट तिवारी ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए एक साथी को तेज़ बहाव वाली नदी से बचाने की कोशिश की।

ईस्टर्न कमांड के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. तिवारी और सभी रैंक्स ने शोकसंतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और इस कठिन समय में सेना की ओर से पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया। ईस्टर्न कमांड ने लेफ्टिनेंट तिवारी की बहादुरी को भारतीय सेना के मूल्यों का प्रतीक बताया, जहां सैनिक एक-दूसरे के लिए हर परिस्थिति में खड़े रहते हैं।

घोषणा की पृष्ठभूमि में नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की छवि थी, जो लेफ्टिनेंट तिवारी के बलिदान को एक उपयुक्त श्रद्धांजलि प्रदान करती है। यह स्मारक उन सभी सैनिकों की स्मृति में समर्पित है जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

उत्तर सिक्किम, जो अपने कठिन भू-भाग और अनियमित मौसम के लिए जाना जाता है, सैन्य अभियानों के लिए कई चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है। इस क्षेत्र की नदियाँ विशेष रूप से खतरनाक होती हैं, क्योंकि ग्लेशियर पिघलने और भारी वर्षा के कारण इनका जल स्तर अचानक बढ़ सकता है। 2023 में द हिंदू द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में सिक्किम में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) की घटना ने पूर्वी हिमालय क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन से बढ़ते खतरों को उजागर किया था।

इन सभी जोखिमों के बावजूद भारतीय सेना इस क्षेत्र में, विशेष रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर, अपने अभियानों को लगातार जारी रखती है ताकि देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी के बलिदान को पूरे देश से भावभीनी श्रद्धांजलियाँ प्राप्त हो रही हैं, और लोग उनकी वीरता और निःस्वार्थता को सलाम कर रहे हैं। भारतीय सेना ने यह आश्वस्त किया है कि वह शहीद के परिवार को हर संभव सहयोग प्रदान करेगी और उनकी बहादुरी की यह विरासत सदैव जीवित रहेगी।

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