Saranaya TIMES

Saranaya TIMES This page is about news and views... to reach people straight way....

छपरा के वरिष्ठ अधिवक्ता और विधि मंडल के पूर्व अध्यक्ष वीरेन्द्र नारायणसिंह का निधन, कानूनी और सामाजिक जगत में शोक की लहर...
24/10/2025

छपरा के वरिष्ठ अधिवक्ता और विधि मंडल के पूर्व अध्यक्ष वीरेन्द्र नारायण
सिंह का निधन, कानूनी और सामाजिक जगत में शोक की लहर

छपरा।
एकमा प्रखंड के हंसराजपुर के मूल निवासी तथा छपरा के वरिष्ठ अधिवक्ता व विधि मंडल के पूर्व अध्यक्ष रहे वीरेन्द्र नारायण सिंह का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने पटना में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन की खबर मिलते ही न केवल
कानूनी जगत, बल्कि सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्र से जुड़े लोगों में शोक की लहर फैल गई।

वीरेन्द्र नारायण सिंह उत्तर बिहार के प्रख्यात क्रिमिनल वकील के रूप में
जाने जाते थे। उन्होंने 50 वर्ष से अधिक समय तक वकालत के क्षेत्र में
सक्रिय रहते हुए अपनी विशेष पहचान बनाई। छपरा सिविल कोर्ट में उनका गहरा प्रभाव और सम्मान था। वे अपनी निपुणता, सादगी और न्यायप्रियता के लिए जाने जाते थे। लंबे कानूनी सफर के बाद उन्होंने स्वेच्छा से वकालत से निवृति ले ली थी। समाज और न्याय व्यवस्था में उनके योगदान के लिए उन्हें कई
संस्थानों द्वारा सम्मानित किया गया।

उनका जन्म 15 नवंबर 1934 को सारण जिले के एकमा प्रखंड के हंसराजपुर गांव में हुआ था। वे न्यायाधीश राजकिशोर सिंह के पुत्र और प्रसिद्ध शिक्षाविद्
अलख नारायण सिंह के पौत्र थे। अलख नारायण सिंह के दान की गई जमीन पर आज अलख नारायण सिंह प्लस टू स्कूल, एकमा संचालित है, जो क्षेत्र में शिक्षा का केंद्र माना जाता है।

वीरेन्द्र नारायण सिंह का झुकाव आध्यात्मिकता की ओर भी रहा। वे लंबे समय से रामकृष्ण मिशन आश्रम से जुड़े हुए थे और आश्रम की सेवा व विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। ट्रस्ट द्वारा उन्हें कई बार सम्मानित भी किया गया। श्री सिंह को विभिन्न संस्थानों से सारण रत्न सम्मान मिला है। वे निर्धनों की मदद करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमेशा सक्रिय रहते थे। पुस्तकालय निर्माण, शैक्षणिक सहयोग और गरीब विद्यार्थियों की सहायता में उनकी भूमिका अत्यंत सराहनीय रही।

उनके परिवार में पत्नी राजेश्वरी देवी, एक पुत्र और चार पुत्रियां हैं।
पुत्र डॉ. आलोक सिंह ब्रिटेन में प्रसिद्ध अर्थोपेडिक सर्जन हैं। बड़ी
पुत्री डॉ. अंशु सिंह, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री टी.एन. सिंह की
बहू हैं। दूसरी पुत्री डॉ. अंजू सिंह सिंगरामऊ स्टेट की बहुरानी हैं।
तीसरी पुत्री डॉ. अल्का सिंह, न्यायाधीश अनंत विजय सिंह की पत्नी हैं,
जबकि चौथी पुत्री डॉ आभा सिंह हैं। उनके पौत्र भी बहुत करीब थे।
उनके निधन पर वरिष्ठ पत्रकार राकेश सिंह, ब्यूरो चीफ अमन सिंह, डॉ. अमरेन्द्र सिन्हा, पीपी वीरेन्द्र ओझा, डॉ. श्याम प्रसाद, डॉ. आर.आर. सहाय, अधिवक्ता अमरेन्द्र सिंह, राजीव कुमार सिंह, और सिवान स्थायी लोक अदालत के मेंबर रमेश प्रसाद सिंह सहित अनेक बुद्धिजीवियों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उनके निधन से छपरा जिले ने एक कर्मठ अधिवक्ता,
समाजसेवी और शिक्षाप्रेमी व्यक्तित्व को खो दिया है।

24/10/2025

छपरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी राणा यशवंत ने छपरा रावल तोला मे अपना प्रधान कार्यालय का उद्घाटन किया इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मै सनातनी हूँ और उसी नक्से कदम पर चलता हूँ. मेरे लिए पहल्ले जनता है फिर पार्टी मुझे लगा कि छपरा कि जनता के साथ पार्टी के कुछ नीचेले नेता गलत कर रहे है इसलिए हम जनता कि आवाज बनकर जनता कि लड़ाई के लिए आगे आया हूं.

13/10/2025

छपरा : लोजपा (रामविलास) के संसदीय बोर्ड के महासचिव के महासचिव बनाने के बाद पहली बार पहुंचे अपने पैतृक घर छपरा सैयद कैसर अली रिज़वी ने पप्रेश्वरता के माध्यम से बताया कि एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है जल्द ही सारे प्रत्याशियों के नाम की घोषणा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चिराग पासवान जी करेंगे.
कैसर रिज़वी ने कहा हम लोग अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चिराग पासवान जी के नारे बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के नारे को प्राथमिकता दे कर बिहार में फिर से अपना झंडा एनडीए लहराएगी और बिहार में पूर्ण बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी.
आज बिहार में एनडीए की सरकार ने जो कार्य किया है वो जनता को दिखता है, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ के क्षेत्र में बिहार की हालत बहुत बेहतर हुई है
उन्होंर मीडिया को बताया के पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारीयां दी है उसको पूरे निष्ठा से निभाऊंगा.

11/10/2025

*राजनीति के संत थे लोकनायक जयप्रकाश नारायण, लोकतंत्र के विकृतियों को दूर करने के लिए उनके विचारों पर अमल करना जरूरी*

*जयप्रकाश विश्वविद्यालय में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्म जयंती पर व्याख्यान का हुआ आयोजन*

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलदेवता लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मजयंती विश्वविद्यालय में आज समारोहपूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर जयप्रकाश अध्ययन केंद्र के तत्वावधान में विश्वविद्यालय के अधिषद कक्ष में "जयप्रकाश नारायण : व्यक्तित्व, कृतित्व एवं विरासत" विषयक व्याख्यान का आयोजन किया गया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए माननीय कुलपति प्रो. परमेंद्र कुमार बाजपेई जी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में लोकनायक की संपूर्ण क्रांति की अवधारणा की आध्यात्मिक नजरिये से व्याख्या की। उन्होंने कहा कि लोकनायक की अवधारणा न तो पूरी तरह से समाजवादी थी, न सर्वोदयी और न ही गांधीवादी, बल्कि उनकी अपनी अलग तरह की अवधारणा थी जिसे आज जानने, समझने और अपनाने की आवश्यकता है। माननीय कुलपति जी ने कहा कि अपनी नीति में वे लोकनीति की बात करते हैं। सर्वहारा और सार्वभौमिक विचार-विमर्श से कोई नीति बने, ऐसी उनकी सोच थी। उन्होंने कहा कि शासन दिखना नहीं चाहिए बल्कि शासन का आभास होना चाहिए। माननीय कुलपति महोदय ने आह्वान किया कि लोकतंत्र की विकृतियों को दूर करने के लिए जेपी के विचारों को जनता के बीच ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे विमर्श लगातार चलते रहने चाहिए और इन विमर्शों का प्रतिफल सामने लाकर उसपर अमल करना चाहिए।
व्याख्यान को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता स्वतंत्र पत्रकार व लेखक डॉ राकेश कुमार ने लोकनायक के व्यक्तित्व के कई अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आर्थिक समस्याओं के बावजूद उनमें देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने का चिंतन था। उन्होंने कुछ समय तक प्रसिद्ध उद्योगपति घनश्याम दास बिड़ला के निजी सचिव के रूप में भी कार्य किया। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जब उन्हें हजारीबाग जेल में रखा गया था तब वे आजादी की लड़ाई के लिए जेल से भागकर नेपाल पहुंच गए और वहां उन्होंने रेडियो स्टेशन की स्थापना की हालांकि यह ज्यादा सफल नहीं हुआ। नेपाल में उन्होंने आजाद दस्ता की भी स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन में उनकी सर्वप्रमुख भूमिका थी। स्वतंत्र भारत में हुए पहले आम चुनाव में उनके द्वारा स्थापित पार्टी को सफलता नहीं मिल सकी थी और उनकी पार्टी को कुल 10.28 फीसदी वोट मिले थे। स्वयं उनको बिहार के जहानाबाद से टिकट का ऑफर मिला था लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने में कोई रुचि नहीं दिखाई और टिकट किसी दूसरे को दिलवा दिया था। सर्वोदय आंदोलन के क्रम में उन्होंने कौवाकोल में 77 एकड़ भूमि पर एक विशाल आश्रम बनाया और उन्होंने उस समय 'वोकल फ़ॉर लोकल' पर जोर दिया। कुष्ठ सेवा समिति के बैनर तले उन्होंने स्थानीयता पर जोर देते हुए कई काम किए। उन्होंने चुनावों में पैसे के बढ़ते प्रभुत्व पर उसी दौर में चिंता व्यक्त की थी इसलिए उन्होंने चुनाव सुधार पर जोर दिया था। उन्होंने कहा कि राजनीति के संत थे।
मुख्य अतिथि पटना विश्वविद्यालय की राजनीति शास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो सीमा प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि लोकनायक बहुत हिम्मती और संघर्षशील थे तभी तो वे केमिकल इंजीनियरिंग पढ़ने अमेरिका गए थे लेकिन उनका मन समाजशास्त्र में रम गया और उन्होंने उसी विषय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। उनके व्यक्तित्व पर और प्रकाश डालते हुए कहा कि वे प्रयोगधर्मी और मानवतावादी सोच के थे। समाज शोषणमुक्त हो यह भी उनकी सोच थी इसलिए स्वतंत्रता को काफी अहम मानते थे।
इससे पूर्व विश्वविद्यालय में लगे लोकनायक की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके पश्चात वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। डॉ बैद्यनाथ मिश्रा जी ने मंगलाचरण एवं संस्कृत विभाग के शोधार्थियों और एनएसएस की छात्राओं ने विश्वविद्यालय का कुलगीत और स्वागत गान किया। माननीय कुलपति का स्वागत जयप्रकाश अध्ययन केंद्र के निदेशक डॉ संजय पाठक जी ने किया जबकि मुख्य अतिथि का स्वागत डॉ रीता कुमारी जी ने किया। विषय परावर्तन डॉ संजय पाठक जी, संचालन डॉ रितेश्वर तिवारी जी तथा धन्यवाद ज्ञापन अध्यक्ष, छात्र कल्याण प्रो राणा विक्रम सिंह जी ने किया।
इस अवसर पर कुलसचिव प्रो नारायण दास जी, परीक्षा नियंत्रक डॉ अशोक कुमार मिश्रा जी, एनएसएस समन्वयक प्रो हरिश्चंद्र जी, महाविद्यालय निरीक्षक प्रो शमी अहमद जी, वित्त पदाधिकारी श्री सुधांशु मिश्रा जी सहित विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारी, संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, प्राचार्य, प्राध्यापक, छात्र-छात्रा एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

09/10/2025

जयप्रकाश विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना एवं विवेकानंद केंद्र ,कन्याकुमारी ,शाखा छपरा के संयुक्त तत्वावधान में आज 'युवा भारत कार्यक्रम' का आयोजन जयप्रकाश विश्विद्यालय के सीनेट हॉल में हुआ।
सर्वप्रथम माननीय कुलपतिमहोदय प्रोफेसर परमेन्द्र कुमार बाजपेई एवं अन्य अतिथि गण ने स्वामी विवेकानंद एवं अपने कुलदेवता के समक्ष द्वीप प्रज्वलित किया एवं माल्यार्पण किया।मंत्रोच्चार प्रोफेसर बी एन मिश्रा ने किया।सभीअतिथियो का स्वागत किया गया।
विभाग संघटक श्री धर्मदास जी ने किया।स्वागत गीत अनूषा(शोध छात्रा)एवं अर्चना ने प्रस्तुत किया।
कुलगुरु प्रोफेसर परमेन्द्र कुमार बाजपेई कि उद्बोधन:
विवेकानंद समग्र पढने के लिए कहा।विवेकानंद कहते हैं कि विद्या एवं अविद्या में समन्वयक न होने के कारण हम गुलाम बने।जब वे निष्काम की बात करते हैं तब वे कृष्ण बन जाते हैं।जो भी आप सीख रहे हैं उसका उपयोग अपने शहर अपने राष्ट्र के लिए कीजिए।हमेशा अपेक्षाहीन हो जाना।
साइंस एवं अध्यात्म को एक साथ लेकर चलिए।किसी भी क्षण आप कर्मरहित नहीं रह सकते हैं।प्रत्येक महाविद्यालय में एक विवेकानंद केंद्र होना चाहिए(कुलपति)
मंचसंचालन प्रोफेसर हरिश्चंद्र कार्यक्रम समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना ने किया।
धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर प्रोफेसर कृष्ण कुमार,संकायाध्यक्ष वाणिज्य विभाग ने दिया।

30/09/2025

Journalist–poet Manoj Bhawuk has written all the songs of the new Bhojpuri film “Aapan Kahaye Wala Ke Ba

The history of Bhojpuri cinema testifies that whenever eminent litterateurs have written songs, both the songs and the films have turned into superhits. Whether it was Hindi legends like Shailendra, Majrooh, Anjaan, or Bhojpuri stalwarts like Moti B.A., Laxman Shahabadi, Bholanath Ghamari, Umakant Verma, Ramnath Pathak Pranayi, and Brajkishore Dubey – the songs penned by them have taken Bhojpuri films to new heights. Now, after years, a new name has joined this legacy – Manoj Bhawuk, who has written all the songs of the recently released film “Aapan Kahaye Wala Ke Ba.”

Manoj Bhawuk is not just a lyricist, but also a television journalist, a renowned litterateur, an editor, and an acclaimed poet. His book on Bhojpuri cinema has earned him the title of “encyclopedia of this cinema.” Stalwarts like Sharda Sinha, Bharat Sharma, Malini Awasthi, Kalpana Patowary, Manoj Tiwari, and Ravi Kishan have admired his pen. He has been honored by Filmfare, Femina, Delhi Press, Bharatiya Bhasha Parishad, as well as with several awards in India and abroad. He has received the Rajya Gaurav Samman from the Governor of Bihar and the Bharatiya Bhasha Samman 2025.

After working as an engineer for almost a decade in Africa and the UK, he embraced the media industry completely and held senior positions in several channels. He was also the project head of Zee TV’s Sa Re Ga Ma Pa (regional). Along with literature, journalism, and music, he has been active in acting and stage anchoring. Currently, he is the editor of Bhojpuri Junction magazine and director of Achievers Junction. Manoj Bhawuk is also a member of the Government of India’s expert committee formed to include Chhath in UNESCO’s intangible cultural heritage list, a jury member of several film festivals, and an academic expert on Bhojpuri courses at universities.
His published works include Tasveer Zindagi Ke (a Bhojpuri ghazal collection), Chalni Mein Paani (a Bhojpuri poetry collection) and Bhojpuri Cinema Ke Sansar (a history of Bhojpuri cinema).

The songs of the new film “Aapan Kahaye Wala Ke Ba” touch upon the depth of relationships and the sensitivities of life. Tracks like “Bhauji Jab Khisiyali Badi Kada Lageli…” and “Dhaan Kutaye Lagal, Hardi Kunchaye Lagal…” in Priyanka Singh’s voice have already become favorites to be sung at weddings and family occasions. The title song fills the listeners with chills and emotional intensity. The ladies sangeet song not only adds laughter and fun but also conveys the message of “Small family – happy family.”

The duo of lyricist Manoj Bhawuk and music director Rajnish Mishra has revived memories of the golden era. This pair had earlier delivered the historic song “Tor Baurahwa Re Mai” in the film “Mehndi Laga Ke Rakhna.”

Directed by Rajnish Mishra, “Aapan Kahaye Wala Ke Ba” is a family drama that weaves together an emotional story of broken and strained relationships being healed. Strong performances by Avdhesh Mishra, Anjana Singh, Dev Singh, Maya Yadav, Preeti Maurya, Samyukta Rai, Rinku Bharti, Raghav Pandey, Amrish Singh, and Ram Sujan Singh bring the film to life. The cinematography is by Sunil Ahire, choreography by Vivek Thapa, action by Dinesh Yadav, art direction by Naushad Ansari, and costumes by Vidya–Vishnu. The producers are Rajnish Mishra and Vinay Singh.

In short, this is a complete family entertainer, offering a powerful blend of music, story, and acting.

24/09/2025

थावे मंदिर के पार्किंग के 93 डिसमिल जमीन का सीओ ने मृत व्यक्ति के नाम पर किया जमाबंदी
खुलासा: खतियान में वन क्षेत्र जमीन का 2016 में सीओ को मैनेज कर कराया गया जमाबंदी, डीएम ने दिया जांच का आदेश

- 40 वर्ष जिसकी मौत हुई उसके नाम पर सरकारी जमीन को कराया गया ट्रांसफर
- अब निर्माण करा कर कब्जा जमाने की कोशिश हुई तेज, लोगों में आक्रोश

संजय कुमार अभय, गोपालगंज
अब भू- माफियाओं ने बिहार के प्रमुख सिद्धपीठ थावे मंदिर के पार्किंग के स्थल को भी नहीं छोड़ा है. थावे मंदिर के पास बने सरकारी पार्किंग की 93 डिसमिल जमीन को 40 वर्ष पूर्व स्वर्ग जा चुके व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी करा लिया गया. जमाबंदी वर्ष 2015 में कराने के बाद बजाप्ता उसका लगान भी वर्ष 2017 तक जमा करा दिया गया. यह वहीं जमीन है जहां हर साल सरकार की ओर से पार्किंग के लिए डाक किया जाता है. मंदिर के पास इस जमीन का कीमत भी करोड़ों में आंकी जा रही. भू- माफिया अपने दबंगई के बदौलत अब करोड़ों के इस जमीन पर कब्जा करना शुरू किया तो लोगों को पता चला कि सरकारी जमीन को पूर्व सीओ को मैनेज कर अपने मृत दादा के नाम पर जमाबंदी करा लिया गया है. मामला डीएम पवन कुमार सिन्हा के पास पहुंचा. डीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया है. डीएम के एक्शन के बाद फ्रॉड करने वालो की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है.

-------------------------------------
खतियान में जंगल प्रकृति का दर्ज है जमीन

थावे थाना नं0-121 खाता नं0-03 सर्वे 10 खतियान में जंगल प्रकृति का होना दर्ज है. भू-माफिया है जो अंचल से मेल करके वर्णित सर्वे न0-10 का 93 डी० जमीन 40 वर्ष पूर्व हुई मृत्यु वाले स्व चितु राउत के नाम बंदोबस्ती वो जमाबंदी कायम कराया है. सर्वे नं0-10 थावे मेला का हृदय स्थल है जिसमें पार्किंग प्लेट फॉर्म वो बीचों बीच पक्की सडक पूर्व से निर्मित है. सर्वे नं0-10 के उतर चौदही में अनेकों व्यवसायिक प्रतिष्ठान बने हुए है.
---------------------------

सार्वजनिक उपयोग की पार्किंग को कब्जाने की कोशिश
थावे मंदिर लाखों भक्तों के आस्था का केंद्र है. जहां पार्किंग की जमीन सार्वजनिक उपयोग है. उस जमीन का जमाबंदी करने वाले सीओ को तनिक भी भय नहीं था कि यहां मंदिर आने वाले कोने- कोने से आने वाले भक्तों के लिए पार्किंग का उपयोग होता है. नियम- कानून का कोई डर नहीं दिखा. सरकारी जमीन को प्रभावशाली व्यक्ति ने अपने दादा के नाम से करा लिया. अब उसे कब्जाने की कोशिश की जा रही.

-------------------------
शिकायत की हो रही जांच: डीएम

डीएम पवन कुमार सिन्हा ने बताया कि कुछ लोगों की शिकायत को गंभीरता से लेकर जांच कराया जा रहा. गलत करने वाले कोई भी हो, उनपर कार्रवाई तय है.

24/09/2025

कौन है मांझा पूर्वी का मिस्टर मैट जो पूर्व मुखिया के साथ मिलकर निकाल लिये 26.15 लाख की राशि
गड़बड़झाला: मांझा पूर्वी पंचायत में बगैर काम कराये ही नलजल व पीसीसी सड़क निर्माण में निकाला गया सरकारी राशि- डीडीसी के जांच में सामने आया था फ्रॉड, डीएम को भेजा गया था कार्रवाई की अनुशंसा

- कलेक्ट्रेट से गायब हो गया डीडीसी का रिपोर्ट की संचिका, तलाश जारी
- तीन वर्षों में पंचायत शाखा के दो बाबुओं पर शो-कॉज पर अटका कार्रवाई

संजय कुमार अभय, गोपालगंज

मांझा पूर्वी पंचायत का मिस्टर मैट कौन है? जो पूर्व मुखिया के साथ मिलकर सरकारी योजना का बगैर काम कराये ही 26.15 लाख रुपये निकाल लिये. मिस्टर मैट के फ्रॉड में शामिल होने की बात सामने आयी तो अधिकारी भी हैरत में पड़ गये. इस मामले में तत्कालीन डीडीसी अभिषेक रंजन ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपते हुए डीएम को कार्रवाई करने की अनुशंसा किया. पूर्व मुखिया जुल्फीकार अली व मिस्टर मैट के प्रभाव का असर रहा कि डीएम तक यह फाइल पहुंचा ही नहीं. उप विकास आयुक्त, गोपालगंज के जांच प्रतिवेदन पत्रांक 264 दिनांक 01.07.2022 के आलोक में जांच रिपोर्ट की संचिका उपस्थापित" का उल्लेख किया गया. लेकिन लगातार खोजबीन बाद भी संचिका नहीं मिली. इस आलोक में डीपीआरओ ने जिला पंचायत शाखा के प्रधान सहायक (संविदा) बेचन पासवान व लिपिक नूर आलम से स्पष्टीकरण किया गया. आज भी अधिकारियों को उस संचिका की तलाश है. संचिका के अभाव में आगे कार्रवाई नहीं बढ़ पा रहा. जबकि सरकारी योजना की राशि को हजम करने वाले कार्रवाई के दायरे से बाहर है.
--------------------------------

वार्ड सदस्य ने लगाया था फर्जीवाड़ा का आरोप
मांझा पूर्वी के वार्ड सदस्य पूनम देवी ने डीडीसी रहे अभिषेक रंजन को लिखित परिवाद पत्र समर्पित किया गया था, जिसमें पंचायत के तत्कालीन वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के द्वारा सात निश्चय योजनान्तर्गत बिना योजना कार्यान्वित कराये कुल 26,15,678.00 रुपये की निकासी कर बंदरबांट करने की आरोप लगाया. उसके बाद डीडीसी ने मामले की जांच करायी.

------------------------------------
जांच टीम ने फ्रॉड का किया खुलासा

डीडीसी की जांच में सामने आया कि मांझा पूर्वी पंचायत की योजनाओं का संचिका संधारित नहीं था. किसी योजना का एमबी नहीं था. पूर्व मुखिया अशोक पटेल एवं पूर्व पंचायत सचिव रवीन्द्रनाथ शुक्ल के द्वारा राशि वार्ड प्रबंधन एवं क्रियान्वयन समिति के खाते में हस्तांतरित गयी है. पूर्व वार्ड सदस्य राजमति देवी के पुत्र मटू महतो एवं वार्ड सचिव जिउत यादव के द्वारा सभी योजना में कुल 26,15,678 रुपये की निकासी जुल्फीकार अली के व्यक्तिगत खाते में हुआ है. कुछ राशि मिस्टर मैट के नाम पर व्यक्तिगत रूप से निकासी की गयी है.

---------------------------------
डीडीसी ने जांच में इन योजनाओं में पाया था फ्रॉड

-पेयजल निश्चय योजना के तहत प्राक्कलित राशि 15,87 लाख रुपये हैं, परंतु 11,57 लाख की निकासी की गयी है. संचिका संधारित नहीं तथा एमबी नहीं लगा है.
- ग्राम वृति टोला वार्ड नं0-8 में रामाजी साह के घर से मिश्री चौधरी के पुलिया तक पीसीसी कार्य का प्राक्कलित राशि 3,91 लाख रु थी. सड़क की ढलाई 2 से 1/2 इंच तक मिला, राशि के निकासी कर ली गयी है. संचिका एवं एमबी नहीं मिला.
-उमवि वृति टोला से रामाजी साह के घर तक पीसीसी० कार्य की लंबाई 27 फीट पायी गयी, जबकि योजना 400 फीट का था. संचिका संधारित नहीं होने के कारण निकासी की गयी राशि स्पष्ट नहीं.

-पीच रोड के पास से पप्पू हजाम के घर से आगे नहर पुल तक के पीसीसी योजना का कार्य हुआ ही नहीं और राशि की निकासी हो चुकी थी. संचिका एवं एमबी नहीं था.

--------------------------------

सांसद ने एक एक योजना का 2024 में कराया पीसीसी
पीच रोड के पास से पप्पू हजाम के घर से आगे नहर पुल तक जिसे पंचायत से पीसीसी सड़क बनाने के नाम पर राशि निकाल ली गयी थी. उस सड़क को 11 मार्च 2024 को सांसद डॉ आलाेक कुमार सुमन के द्वारा 9.93 लाख रुपये खर्च कर पीसीसी कराया. वहां वजाप्ता सांसद की योजना का बोर्ड लगा हुआ है.

---------------------------------------------
मामला गंभीर, होगी कार्रवाई: डीएम

डीएम पवन कुमार सिन्हा से संपर्क करने पर उनके द्वारा अनभिज्ञता जताई गयी. उन्होंने कहा कि मामला गंभीर है. इसमें दोषियों पर कार्रवाई होगी.

31/08/2025

गोपालगंज खादी ग्रामोद्योग नहीं मानता आयोग का कानून, खामियाजा भुगत रहा संस्था

गड़बड़झाला: मॉडल बायलॉज लागू करने का आयोग ने दिया था आदेश, 12 बिंदुओं के गाइडलाइन भी फाइलों में कैद
- अध्यक्ष के अवैध रूप से कब्जा होने से संस्था में नहीं हो पा रहा विकासात्मक निर्णय
- आयोग का करोड़ों के अनुदान पर टिका है खादी ग्रामोद्योग का कारोबार, कर्मी भी निराश

संवाददाता, गोपालगंज
गोपालगंज जिला खादी ग्रामोद्योग भारत सरकार के अनुदान व पूंजी से संचालित होता है. उसी आयोग का नियम- कानून यहां पहुंचकर फाइलों में कैद हो जाता है. यहां अवैध रूप से कब्जा जमाये अध्यक्ष व मंत्री की सुप्रीम मनमर्जी आयोग के नियमों पर भारी पड़ रही. जिसका खामियाजा खादी संस्थान को उठाना पड़ रहा है. खादी में काम करने वाले कर्मियों में भी निराशा का भाव बना हुआ है. यह हम नहीं कह रहे. खादी ग्रामोद्योग आयोग के राज्य निदेशक समीर कुमार के द्वारा आदेश से साफ है कि गोपालगंज खादी ग्रामोद्योग में नियमों को कदम- कदम पर तार- तार किया जा रहा है. उप कार्यकारी अधिकारी पूर्वी क्षेत्र के पत्रांक डीवाइ,सीइओ/10/04-05 दिनांक-30 जून 2004 का हवाला देते हुए कहा कि बिहार खादी संघ से केंद्रीयकृत आदर्श नियमावली तत्काल प्रभाव से लागू करे. मॉडल बायलॉज लागू नहीं करने वाले संस्थानों को 12 बिंदुओं पर तत्काल अमल करने का आदेश था. यह आदेश आज भी गोपालगंज जिला खादी ग्रामोद्योग में अपने स्वार्थ के लिए लागू नहीं किया गया. इस आदेश के चौथे पैरा में स्पष्ट है कि सेवानिवृति के साथ ही नियामक मंडल की सदस्यता समाप्त हो जायेगी. उसी प्रकार पैरा नौ में वर्णित है कि मानक भत्ता, दैनिक पारिश्रमिक पर किसी भी कार्यकर्ता की नियुक्ति नहीं की जाये. यदि किसी कार्यकर्ता की नियुक्ति की जाती है तो उसके वेतन की जिम्मेदारी अध्यक्ष व मंत्री पर निर्धारित की जायेगी. यहां तो अध्यक्ष सुदर्शन चौबे ही सेवानिवृत होने के पांच साल तक नियामक मंडल के सदस्य बने है. तो कमरमचंद तिवारी व उपेंद्र तिवारी को क्रमश: छह व ढाई वर्षों से दैनिक पारिश्रमिक पर काम लिया जा रहा.
--------------------------------------------
बोर्ड की बैठक में लिए गये निर्णय भी फाइलों में कैद
गोपालगंज जिला खादी ग्रामोद्योग के नियामक मंडल की बैठक में लिए गये निर्णय भी फाइलों से बाहर नहीं निकले. 2019 में हुए पहले ही बैठक में बोर्ड के सदस्य रहे वरिष्ठ पत्रकार राकेश कुमार सिंह व सदस्य राजीव कुमार के संयुक्त प्रस्ताव लाया कि खादी अपना घानी सरसों तेल बाजार में उतारेगी. मील लगाने के लिए पहले ही बोर्ड में पास भी हो गया.संस्था के कार्यों से लोगों तक जुड़ने के लिए डिजीटल प्लेटफॉर्म पर काम किया जाये. शहर की होटल, चाय नाश्ते की दुकानों से कॉट्रेक्ट कर सतू, बेशन, मसाला, सरसों तेल की प्रोडक्ट से जोड़ा जाये. संस्था के भंडारों को री मॉडल बनाने का प्रस्ताव भी पास हुआ जो संस्था की फाइलों में कैद है.

-------------------------------------------
संस्था नहीं अपना भला करने में जुटे रहे अवैध कब्जावाले
खादी से जुडे़ सूत्र बताते है कि वर्ष 2019 में पूर्ण रूप से कमान अध्यक्ष सुदर्शन चौबे व मंत्री अनुज कुमार सिंह को मिला. इनके कार्य संभालने के बाद एक भी ऐसी उपलब्धि नहीं रही जिससे कार्यकर्ताओं व संस्था का भला हुआ हो. उल्टे
स्थिति 2010 से जस की तस बनी रही.आज कर्मचारियों का चेहरा मुरझाया हुआ है. कर्मचारियों को वेतन तक देने में संस्थान को जूझना पड़ रहा है. जबकि अवैध कब्जा वालों का भला जरूर हुआ. अपने संगे- संबंधियों की नियुक्ति कर ली गयी. संस्था का कर्मचारियों को नहीं अध्यक्ष व मंत्री को सीधे हुआ.

----------------------------------------
गोपालगंज खादी ग्रामोद्योग पर रखी जा रही नजर: निदेशक
खादी ग्रामोद्योग आयोग के नियमों को हर हाल में पालन करना होगा. गोपालगंज में गड़बड़ियां सामने आये है. उसकी जांच करा कर दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी.

28/08/2025

गोपालगंज जिला खादी ग्रामोद्योग पर चार साल से अध्यक्ष का अवैध कब्जा
गड़बड़झाला: खादी ग्रामोद्योग आयोग का गाइडलाइन, सेवानिवृत्त के साथ नियामक मंडल की सदस्यता स्वत: हो जाती समाप्त
-सेवानिवृत्ति के बाद भी संघ के नियामक मंडल के सदस्य कैसे बने रहे सुदर्शन चौबे
-नियामक मंडल का सदस्य ही बन सकता है अध्यक्ष अब आयोग में पहुंचा पूरा मामला

संवाददाता, गोपालगंज
गोपालगंज जिला खादी ग्रामोद्योग पांच साल से अध्यक्ष के अवैध कब्जे में है. खादी ग्रामोद्योग आयोग का आदेश भी यहां तार-तार हो रहा है. अवैध रूप से काबिज अध्यक्ष खादी ग्रामोद्योग को अपने प्रभाव से कमजोर कर रहे हैं. जानकार सूत्रों ने बताया कि खादी ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक के पत्रांक डीबी खादी परिपत्र 04-05 दिनांक 21 फरवरी 2005 के द्वारा आदेश जारी किया गया कि सेवानिवृत्ति के बाद यदि कोई नियामक मंडल का सदस्य है तो उसकी सदस्यता स्वत: समाप्त हो जाएगी. इसी आदेश के अनुरूप वर्ष 2019 में पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह के सेवानिवृत्त होने के साथ ही उन्हें अध्यक्ष पद से हटना पड़ा. वर्ष 2019 में सुदर्शन चौबे कर्मचारियों की ओर से नियामक मंडल के सदस्य नामित हुए और अध्यक्ष चुने गए. सुदर्शन चौबे 30 नवंबर 2020 को सेवानिवृत्त हो गए. आयोग के गाइडलाइन के हिसाब से उनकी नियामक मंडल की सदस्यता समाप्त हो गई. 24 दिसंबर 2020 को बोर्ड की बैठक कर सुदर्शन चौबे की सेवा को तीन साल के लिए सेवानिवृत्ति के पश्चात विस्तार दिया गया. उसके समाप्त होने के बाद भी वर्ष 2024 में हुए संघ के चुनाव में बिना निदेशक मंडल के सदस्य के ही अध्यक्ष बना दिया गया जो पूरी तरह से अवैध है. सूत्रों की मानें तो रिटायर होने के बाद भी तब अध्यक्ष रह सकते थे जब निदेशक मंडल में बाहरी सदस्य के रूप में चुने गए हों. यहां तो आयोग के आदेश का अवमानना कर कब्जा जमाया गया है. उल्टे इनके कोप का शिकार निरीह कर्मी हो रहे हैं.

-----------------------------
ना तेल मील लगा ना खादी भंडार का रि मॉडल हुआ

अध्यक्ष व मंत्री के स्तर पर खादी के उत्थान की दिशा में एक भी काम नहीं हो सका. तय तो किया गया था कि खादी अपना घानी सरसों तेल बाजार में उतारेगी. मील लगाने के लिए पहले ही बोर्ड में पास भी हो गया. संस्था के भंडारों को री मॉडल बनाने का प्रस्ताव भी पास हुआ जो नियामक मंडल की फाइलों में कैद है. स्थिति 2010 से जस की तस बनी रही. उल्टे स्थिति और बिगड़ गई. आज कर्मचारियों का चेहरा मुरझाया हुआ है. कर्मचारियों को वेतन तक देने में संस्थान को जूझना पड़ रहा है.

------------------
लोजपा ने आयोग से की हाईलेवल जांच की मांग

लोजपा के जिलाध्यक्ष सुधांशु कुमार मिश्र ने खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष और निदेशक को पूरी स्थिति से अवगत कराते हुए हाईलेवल जांच कराने व गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है. जबकि खादी ग्रामोद्योग संघ के मंत्री अनुज कुमार सिंह ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है.

26/08/2025

श्रम विभाग में पहुंचते ही छलक उठा खादी ग्रामोद्योग के कर्मियों का दर्द
-खादी में काम करने वाले हर कर्मचारी का चेहरा हुआ मलीन
- अपने रिश्तेदारों को नियुक्त करने के लिए तोड़ा गया कानून
संवाददाता, गोपालगंज
गोपालगंज जिला खादी ग्रामोद्योग में आप आयेंगे तो खादी के प्रणेता महात्मा गांधी की आत्मा छटपटाते महसूस करेंगे. स्वदेशी का मूल्य आप समझते है तो यही छटपटाहट आपमें भी प्रतिध्वनित होगी. इनके विचार फाइलों में कैद हो चुका है. अध्यक्ष व मंत्री तक संस्था सिमट कर रह गया है. किसी ने अपने साला तो किसी ने अपने भांजा व रिश्तेदारों की नियुक्ति कर ली. खादी से जुड़े जानकार सूत्रों ने बताया कि खादी के नियम- कायदे भी फाइलों में सिमटा हुआ है. यहां काम करने वाले हर कर्मचारी के चेहरा मलीन हो चुका है. कर्मियों का दर्द अब छलकने लगा है. कर्मचारियों के भीतर सुलग रही बगावत की आग कभी भी विस्फोट कर सकता है. श्रम विभाग में करम चंद तिवारी व उपेंद्र तिवारी के पहुंचने के बाद सुनवाई शुरू हो चुका है. आठ को अंतिम मौका अपना पक्ष रखने के लिए खादी ग्रामोद्योग संघ के अध्यक्ष सुदर्शन चौबे व मंत्री अनुज कुमार सिंह को मिला है. उसके बाद स्वत: मुकदमा में यह शिकायत पत्र तब्दील हो जायेगा.
--------------------------------
पहले से हाइकोर्ट पहुंच चुका है एक कर्मी
थाना रोड के खादी भंडार में काम करने वाले कर्मी ओम प्रकाश सिंह भी इनके प्रताड़ना के शिकार हो गये. ओम प्रकाश बताते है कि उनको 2021 में चोरी का झूठा आरोप लगाकर तबादला किया गया. आरोप को साबित करने पर अड़ गये. वे लोग साबित नहीं कर सके. मैं बीमार था इसलिए ट्रांसफर से मना किया. उसके बाद "डिस्मिस" कर दिया गया. मुझे अंत में हाइकोर्ट में अपील करना पड़ा. फैसला का इंतजार है.

----------------------------
खादी के प्रतिष्ठानों पर पसरा रहता सन्नाटा
खादी के कर्मियों की उपेक्षा. सम्मान व कम वेतन के कारण उनके भीतर से उत्साह खत्म हो गया है. नतीजा है कि खादी के प्रतिष्ठानों पर सन्नाटा पसरा रहता है. यह सन्नाटा ऐसे ही नहीं है. कर्मियों में निराशा भी एक बड़ा कारण है. नतीजा है कि कई- कई दिनों तक खादी की दुकानों की बोहनी तक नहीं हो पा रहा है. इसका खामियाजा संस्थान को ही उठाना पड़ रहा है.

25/08/2025

उत्पीड़न में गोपालगंज खादी ग्रामोद्योग ने श्रम विभाग से पक्ष रखने के लिए मांगा समय
- विभाग में पेश हुए अध्यक्ष, कहा, हुजूर मैं बीमार, हमे 15 दिनों का वक्त दीजिए

- कर्मियों ने अपना पक्ष रखते हुए इंसाफ का किया मांग, अब आठ सितंबर को होगी सुनवाई
फोटो नं 03- श्रम अधीक्षक का कार्यालय

संवाददाता, गोपालगंज
गोपालगंज खादी ग्रामोद्योग में काम करने वाले कर्मियों के साथ उत्पीड़न मामले को श्रम अधीक्षक सुबोध कुमार ने सुनवाई किया. खादी ग्रामोद्योग से अध्यक्ष सुदर्शन चौबे पेश हुए. चौबे ने खुद को बीमार होने का दावा करते हुए अपना पक्ष रखने के लिए एक महीने की समय मांगा. कहा कि एम्स दिल्ली में इलाज कराने जाना है. इस पर श्रम अधीक्षक ने कहा कि एक सप्ताह से अधिक का वक्त नहीं दे सकते. 15 दिनों की मांग करने लगे. मौजूद कर्मियों ने कहा कि सर मामले को टाल रहे है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद आठ सितंबर को सुनवाई के लिए समय निर्धारित करते हुए श्रम अधीक्षक ने कहा कि आपको जो भी पक्ष रखना हो रखें. उसके बाद किसी को वक्त नहीं मिल सकेगा. इस अवधि में मामले का निबटारा कर ले तो बेहतर होगा.

-------------------------------------

कर्मचारियों का दावा को समझे
खादी ग्रामोद्योग में अध्यक्ष सुदर्शन चौबे व मंत्री अनुज कुमार सिंह के कहने पर महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर 2019 में कर्मचंद्र तिवारी व 2023 में उपेंद्र तिवारी ने एक बेहतर उम्मीद में योगदान किया. उनके साथ कई लोगों ने योगदान किया. लेकिन कर्मचंद्र तिवारी व उपेंद्र तिवारी को दैनिक मजदूर के रूप में ही न्यूनतम मजदूरी से भी कम राशि भुगतान दिया जाता. बार-बार अध्यक्ष सुदर्शन चौबे व मंत्री अनुज सिंह से आग्रह करते रहे कि निहायत ही गरीब हैं. बच्चे समेत परिवार का जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है. लाचारी पर ध्यान दिया जाये. उनके द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया जाता रहा. 15 जुलाई को बोर्ड की मीटिंग में जब कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ तो पूछने पर कोई जवाब नहीं दिया गया. दैनिक मजदूरी 250 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाता है. बाद में उम्र की बात कह कर परमानेंट करने से इनकार कर दिया गया है.-----------------------------------------

नियमों का खुलेआम हो रहा अनदेखी
खादी ग्रामोद्योग संघ के बायलॉज का अध्ययन करने पर कहीं इसका जिक्र नहीं है कि 45 वर्ष के ऊपर वालों को परमानेंट नहीं किया जाएगा. उसी नियम के तहत गोपालगंज खादी ग्रामोद्योग में हमसे ज्यादा उम्र के काम करने वाले रमाकांत को स्थायी दैनिक के रूप में भुगतान मिलता है. जिसमें उनका रविवार और छुट्टियों के दिन का भी लाभ मिलता है. एक ही संस्था में अलग-अलग श्रम नियम काम कर रहे हैं. नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है.

Address

Chhapra

Telephone

+919472933212

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Saranaya TIMES posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Saranaya TIMES:

Share

Category