08/08/2025
देश के राष्ट्रपति की शक्तियां।
निश्चित रूप से, भारत के राष्ट्रपति की सभी शक्तियों का एक एकीकृत विवरण यहाँ दिया गया है। ये शक्तियाँ उन्हें भारतीय गणराज्य का प्रमुख बनाती हैं, हालाँकि वे इनका प्रयोग आमतौर पर मंत्रिपरिषद की सलाह पर ही करते हैं।
# # # राष्ट्रपति की समग्र शक्तियाँ
**1. कार्यकारी शक्तियाँ (Executive Powers)**
* **नियुक्तियाँ**: प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, राज्यपालों, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, और अन्य प्रमुख अधिकारियों की नियुक्ति करना।
* **शासन**: भारत सरकार के सभी कार्यकारी कार्य राष्ट्रपति के नाम पर किए जाते हैं।
* **सूचना का अधिकार**: प्रधानमंत्री से देश के प्रशासन और विधायी प्रस्तावों के बारे में जानकारी प्राप्त करना।
* **अध्यादेश**: जब संसद का सत्र न चल रहा हो, तब अध्यादेश जारी करना, जिसका प्रभाव कानून के समान होता है।
**2. विधायी शक्तियाँ (Legislative Powers)**
* **संसद सत्र**: संसद की बैठक बुलाना, सत्रावसान करना और लोकसभा को भंग करना।
* **विधेयकों को मंजूरी**: संसद द्वारा पारित किसी भी विधेयक को कानून बनाने के लिए अपनी सहमति देना।
* **वीटो पावर**: धन विधेयक के अलावा किसी भी विधेयक को पुनर्विचार के लिए लौटाना या अपनी सहमति रोककर रखना (पॉकेट वीटो)।
**3. न्यायिक शक्तियाँ (Judicial Powers)**
* **क्षमादान**: किसी भी अपराध के लिए दोषी व्यक्ति की सजा को माफ करना, कम करना, बदलना या निलंबित करना (अनुच्छेद 72)।
* **सलाहकारी शक्ति**: सार्वजनिक महत्व के किसी कानूनी प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेना (अनुच्छेद 143)।
**4. सैन्य शक्तियाँ (Military Powers)**
* **सर्वोच्च कमांडर**: भारत की तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) के सर्वोच्च प्रमुख होते हैं।
* **युद्ध और शांति**: संसद की मंजूरी के अधीन, युद्ध की घोषणा करना या शांति स्थापित करना।
* **प्रमुखों की नियुक्ति**: तीनों सेनाओं के प्रमुखों की नियुक्ति करना।
**5. आपातकालीन शक्तियाँ (Emergency Powers)**
* **राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352)**: युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में।
* **राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356)**: किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल होने पर।
* **वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)**: देश की वित्तीय स्थिरता को खतरा होने पर।
**6. वित्तीय शक्तियाँ (Financial Powers)**
* **धन विधेयक**: धन विधेयक केवल राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश पर ही संसद में पेश किया जा सकता है।
* **बजट**: केंद्रीय बजट को संसद के समक्ष रखवाना।
* **आकस्मिक निधि**: भारत की आकस्मिक निधि (Contingency Fund) पर नियंत्रण रखना और अप्रत्याशित व्यय के लिए अग्रिम धनराशि देना।
* **वित्त आयोग**: हर पाँच साल में केंद्र और राज्यों के बीच करों के वितरण पर सिफारिश करने के लिए वित्त आयोग का गठन करना।
**7. विवेकाधीन शक्तियाँ (Discretionary Powers)**
* जब किसी भी दल को लोकसभा में स्पष्ट बहुमत न मिले तो प्रधानमंत्री की नियुक्ति करना।
* मंत्रिपरिषद के बहुमत खो देने की स्थिति में लोकसभा को भंग करना।
* किसी विधेयक पर अपनी सहमति देने से इंकार करने के लिए पॉकेट वीटो का उपयोग करना।