04/11/2025
कैदी ने खुद के सिर पर मारी हथकड़ी, जिला अस्पताल में भर्ती
छतरपुर, मंगलवार।
जिला अस्पताल, छतरपुर में मंगलवार की दोपहर एक अप्रत्याशित घटना घटित हुई, जब न्यायालय से मेडिकल परीक्षण के लिए लाया गया एक कैदी अचानक घायल हो गया। जानकारी के अनुसार, कैदी ने खुद ही अपनी हथकड़ी से अपने सिर पर प्रहार कर लिया, जिससे उसके सिर में गंभीर चोट आई। घटना के बाद तत्काल जिला अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरोपी सुमन्त पारासर पिता टूडला वर्तमान में महिला थाना छतरपुर में दर्ज अपराध क्रमांक 45/25 धारा 0/569 बीएनएस के मामले में जेल में बंद था। मंगलवार को उसे न्यायालय के आदेशानुसार डीएनए परीक्षण हेतु जिला अस्पताल लाया गया था। मेडिकल परीक्षण की प्रक्रिया चल रही थी, तभी कैदी ने अचानक हथकड़ी को सिर पर दे मारा। इस घटना से वहां मौजूद पुलिसकर्मी और अस्पताल कर्मी तत्काल सतर्क हो गए और घायल कैदी को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में भर्ती कराया गया।
ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सकों ने बताया कि कैदी के सिर में गहरी चोट आई है, जिसके लिए टांके लगाए गए हैं। घायल कैदी का उपचार जिला अस्पताल में किया जा रहा है और सुरक्षा कारणों से उसे अस्पताल के कैदी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे और पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए गए।
इस घटना के संबंध में पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि आरोपी ने अचानक आवेश में आकर यह कदम उठाया। हालांकि, इस बात की भी जांच की जा रही है कि घटना के समय पुलिस सुरक्षा में किसी प्रकार की लापरवाही तो नहीं हुई। अस्पताल प्रशासन ने भी इस पूरी घटना की रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेज दी है।
कैदी की सुरक्षा के मद्देनज़र पुलिस बल को बढ़ा दिया गया है और कैदी वार्ड के बाहर अतिरिक्त सशस्त्र पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। बताया गया है कि कैदी की मानसिक स्थिति को लेकर भी चिकित्सकीय परीक्षण किया जा रहा है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि उसने ऐसा कदम क्यों उठाया।
जिला अस्पताल प्रबंधन ने कहा है कि सभी आवश्यक चिकित्सीय सुविधाएँ कैदी को उपलब्ध कराई जा रही हैं और उसके स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। वहीं पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया है कि घटना की संपूर्ण रिपोर्ट तैयार कर न्यायालय को भेजी जाएगी और यदि सुरक्षा व्यवस्था में कोई त्रुटि पाई जाती है तो संबंधित कर्मियों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
घटना के बाद से जिला अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि न्यायिक अभिरक्षा में लाए जाने वाले सभी आरोपियों की निगरानी और सुरक्षा में किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए।