14/06/2024
मृतक अर्चना मिश्रा की दो बेटियां मांग रही इंसाफ
मां की मौत के बाद बच्चियों का रो-रो कर बुरा हाल
प्रेमरूपा नर्सिंग होम की लापरवाही से गई महिला की जान
छतरपुर - एक परिवार की खुशियों को नर्सिंग होम की लापरवाही ने गहरा घाव दे दिया। अर्चना मिश्रा, जिनकी उम्र केवल 38 वर्ष थी, प्रसव पीड़ा होने पर स्थानीय नर्सिंग होम में भर्ती हुई थीं। परंतु, उस दिन का अंत कुछ और ही लिखना था। नर्सिंग होम की असावधानी और अनदेखी ने अर्चना की जान ले ली, और उनकी दो मासूम बेटियों को अनाथ कर दिया। अर्चना की बड़ी बेटी, केवल 14 साल की, अपनी मां के बिना जीवन का सामना करने की कोशिश कर रही है। उसकी छोटी बहन, जो केवल 10 साल की है, मां के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर पा रही है। दोनों बहनें लगातार रो रही हैं और अपनी मां के वापस आने की आस लगाए बैठी हैं।
खून अधिक बहाने से बिगड़ी की हालत,स्टाफ ने नहीं चढ़ाया खून
मृतक अर्चना मिश्रा के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में अप्रशिक्षित स्टाफ के द्वारा अर्चना का पेट जोर से दबा दिया गया जिससे उसे तेज दर्द हुआ जिससे प्रसव हो गया। इससे अर्चना की बच्चादानी फट गई और खून अधिक वह गया। डॉक्टर डॉक्टर द्वारा परिजनों से एक यूनिट ब्लड लाने के लिए कहा गया लेकिन परिजन दो यूनिट ब्लड डाली का अस्पताल प्रबंधन द्वारा अर्चना मिश्रा को ब्लड नहीं चढ़ाया गया जिससे उसकी हालत और गुजराती गई अंत में अर्चना मिश्रा को बाहर ले जाने की सलाह दे दी।
सदमे में है पूरा परिवार
अर्चना के पति संदीप मिश्रा और उनका परिवार इस सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं। उनका कहना है की मेरी पत्नी को समय पर सही इलाज मिलता तो आज वो हमारे साथ होती। यह केवल नर्सिंग होम की लापरवाही का परिणाम है। मेरी बेटियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
बेटियों को इंसाफ दिलाने समाज को आगे आना पड़ेगा
स्थानीय निवासियों और समाजसेवियों ने भी इस मामले पर आक्रोश व्यक्त किया है। वे नर्सिंग होम के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। हम सभी का यह कर्तव्य है कि इस परिवार को इंसाफ दिलाने में उनका साथ दें। अर्चना की बेटियों का भविष्य हमारे हाथ में है। यदि हम सभी मिलकर प्रशासन पर दबाव बनाएंगे, तो यकीनन दोषियों को सजा मिलेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।अर्चना मिश्रा की मौत केवल एक व्यक्ति की मौत नहीं है, यह हमारे स्वास्थ्य तंत्र की विफलता का स्पष्ट उदाहरण है। हमें मिलकर इस परिवार को न्याय दिलाने की दिशा में कदम बढ़ाना होगा।आइए, हम सब मिलकर इस परिवार की आवाज़ बनें और अर्चना की बेटियों को इंसाफ दिलाएं।
प्रेमरूपा नर्सिंग होम प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा परिवार
परिवार का कहना है कि अर्चना को प्रसव पीड़ा हो रही थी इसलिए उन्हें लेकर वे प्रेमरूपा नर्सिंग होम गई थे। जहां अर्चना को भर्ती कर लिया। लेकिन ऑपरेशन के बाद अर्चना की तबियत बिगड़ने लगी। तो डॉक्टर और नर्सिंग होम प्रबंधन अपने हाथ खड़े कर लिए। अर्चना के परिजनों का आरोप है की अर्चना के इलाज में गंभीर लापरवाही बरती गई। अर्चना को सही समय पर सही उपचार नहीं मिला, और उनका स्वास्थ्य बिगड़ता चला गया। जब परिवार ने स्थिति की गंभीरता को समझा और दूसरी जगह ले जाने का प्रयास किया। लेकिन रास्ते में ही अर्चना की मौत हो गई थी।