29/08/2022
छतरपुर जिले में मिला पहला स्क्रब टायफस बीमारी का मरीज
- आखिर क्या है यह बीमारी और क्यों गंभीर है
- इसी साल के जुलाई माह में स्क्रब टायफस बीमारी के कई मरीज कलकत्ता में मिले। बारिश के दिनों में इस बीमारी के फैलने की पूर्व से आशंकाये व्यक्त की जा रही थी। यह बीमारी एक विशेष कीड़े के काटने से होती है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिक माइट्स नामक यह कीड़ा जब शरीर में प्रवेश करता है तो उससे शरीर में स्क्रब टाइफस के बैक्टीरिया पनपने लगते हैं।
- स्क्रब टाइफस के लक्षण क्या हैं?
तेज सिरदर्द, डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स, उल्टी होना, डंक मारने का घाव और रैशेज, बुखार आना, हाथों- पैरों में बहुत अधिक दर्द, आंखों के आसपास दर्द महसूस होना
स्क्रब टाइफस से बचाव के उपाय क्या हैं?
चूंकि स्क्रब टाइफस बच्चों में फैलने वाली बीमारी है इसीलिए, बच्चों को साफ-सुथरे कपड़े पहनाएं। घर के बाहर जाते समय बच्चों को जूते पहनकर ही बाहर जाने दें और उन्हें पार्क और बगीचों में झाड़ियों के आसपास जाने से रोकें। बच्चों को धूल- मिट्टी और घास के सम्पर्क में आने से बचाएं। बच्चे को बुखार आने पर उसे डॉक्टर को दिखाएं।
- स्क्रब टाइफस की बीमारी के लक्षण दिखायी दें तो साधारण पेनकिलर या पैरासिटामोल जैसी दवाइयां लेने की बजाय तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें। स्क्रब टाइफस के लक्षणों की समय पर पहचान करने और इसका समय पर इलाज करने से इस बीमारी को गम्भीर होने से बचाया जा सकता है। स्क्रब टाइफस की बीमारी बढ़ जाने के कारण मल्टी ऑर्गन फेल्योर का खतरा भी बढ़ सकता है जो एक घातक बीमारी है।
( यह जानकारी सूचनाओं पर आधारित है इसलिये बच्चों में लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श ले