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प्यार, जज़्बात और दिल की अनकही बातें...
पढ़िए दिल छू लेने वाली मोहब्बत की कहानियाँ, शायरी और एहसासों की दुनिया।
हर पोस्ट में छुपा है एक जज़्बा, एक कहानी – जो आपके दिल से जरूर जुड़ेगी।

शीर्षक: "ग़रीबी, अमीरी, सुख और दुख"एक गांव में दो दोस्त रहते थे — रामू और श्यामू। रामू बहुत ग़रीब था, दिन भर खेतों में म...
30/07/2025

शीर्षक: "ग़रीबी, अमीरी, सुख और दुख"

एक गांव में दो दोस्त रहते थे — रामू और श्यामू। रामू बहुत ग़रीब था, दिन भर खेतों में मेहनत करता, लेकिन मुस्कुराता रहता। वहीं श्यामू शहर जाकर बड़ा अमीर बन गया था — उसके पास बड़ी कोठी, गाड़ी और नौकर-चाकर थे, लेकिन चेहरे पर हमेशा चिंता की लकीरें रहती थीं।

एक दिन श्यामू गांव आया और रामू से मिलने गया। रामू ने मिट्टी के चूल्हे पर चाय बनाई, बाजरे की रोटी और प्याज़ परोसी। श्यामू ने आश्चर्य से पूछा, "तू इतना खुश कैसे रहता है, जब तेरे पास कुछ नहीं है?"

रामू मुस्कराया और बोला, "सुख चीज़ों से नहीं, मन से आता है। मेरे पास भले ही धन नहीं है, पर दिल में चैन है, परिवार का प्यार है और मेहनत की रोटी है।"

श्यामू कुछ सोच में पड़ गया। फिर बोला, "मेरे पास सब कुछ है, पर रात को नींद नहीं आती। लोग मेरे पैसे से जलते हैं, दोस्त बनते हैं मतलब से।"

रामू ने हाथ थामकर कहा, "ग़रीबी और अमीरी शरीर की हालत हो सकती है, लेकिन सुख और दुख मन की अवस्था हैं। सच्चा सुख तो संतोष में है।"

श्यामू की आंखों में नमी आ गई। उसने फैसला किया कि अब वह सिर्फ पैसा नहीं, दिल भी कमाएगा। उसने गांव में स्कूल और अस्पताल बनवाए और रामू के साथ मिलकर लोगों की सेवा करने लगा।

सीख:
अमीरी जरूरी नहीं कि सुख दे, और ग़रीबी जरूरी नहीं कि दुख दे। असली सुख सादगी, संतोष और सच्चे रिश्तों में छिपा होता है।

14/07/2025

संक्षिप्त लेख: रिश्तों की अहमियत और ज़िंदगी का फ़ायदा

ज़िंदगी केवल सांस लेने का नाम नहीं, बल्कि उसे सच्चे रिश्तों के साथ जीने का नाम है। रिश्ते हमें सहारा देते हैं, भावनात्मक बल देते हैं और ज़िंदगी को एक सुंदर अर्थ प्रदान करते हैं। माँ-बाप, भाई-बहन, दोस्त और जीवनसाथी जैसे रिश्ते हमारे दुख-सुख के सच्चे साथी होते हैं।

ज़िंदगी का असली फ़ायदा तभी है जब हम उसे अपनों के साथ बाँटते हैं। दौड़ती-भागती ज़िंदगी में अगर हमारे पास अपने नहीं हैं, तो सारी सफलता अधूरी लगती है। रिश्तों को समय, समझ और सम्मान देना ज़रूरी है, क्योंकि यही जीवन की सबसे बड़ी पूँजी होते हैं।

संक्षेप में, रिश्ते ही ज़िंदगी को खूबसूरत बनाते हैं और उनका साथ ही हमारा सबसे बड़ा सुख और फ़ायदा है।

भगवान दत्तात्रेय के गुरु पर लेख (हिन्दी में)परिचयभारतीय अध्यात्म में भगवान दत्तात्रेय एक अद्वितीय व्यक्तित्व हैं। उन्हें...
10/07/2025

भगवान दत्तात्रेय के गुरु पर लेख (हिन्दी में)

परिचय

भारतीय अध्यात्म में भगवान दत्तात्रेय एक अद्वितीय व्यक्तित्व हैं। उन्हें त्रिदेव—ब्रह्मा, विष्णु और महेश—का संयुक्त अवतार माना जाता है। वे न केवल योग और ज्ञान के प्रतीक हैं, बल्कि एक ऐसे गुरु भी हैं जिन्होंने स्वयं अनेक गुरुओं से शिक्षाएँ ग्रहण कीं। भगवान दत्तात्रेय की विशेषता यह है कि उन्होंने प्रकृति और जीवन की विभिन्न परिस्थितियों से ज्ञान प्राप्त कर उसे आत्मसात किया।

चौबीस गुरु

भगवान दत्तात्रेय ने अपने जीवन में २४ गुरुओं से शिक्षा ली। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सच्चा साधक हर वस्तु, जीव या परिस्थिति से कुछ न कुछ सीख सकता है। ये गुरु न केवल व्यक्ति थे, बल्कि प्रकृति के तत्व भी थे। उनके ये २४ गुरु निम्नलिखित हैं:

पृथ्वी – सहनशीलता और स्थिरता की शिक्षा दी।

वायु – स्वतंत्रता और निष्पक्षता सिखाई।

आकाश – सर्वव्यापकता और निरपेक्षता की अनुभूति कराई।

जल – शुद्धता और सेवा की भावना सिखाई।

अग्नि – तप और तेजस्विता की शिक्षा दी।

चन्द्रमा – परिवर्तनशीलता के बीच आत्मा की शाश्वतता।

सूर्य – कर्म करने की प्रेरणा दी।

कबूतर और शिकारी – मोह और उसके परिणामों को समझाया।

पिंगला (वेश्या) – निराशा के बाद त्याग और शांति की शिक्षा।

मछली – स्वाद और इन्द्रियों के जाल से सतर्क रहने का संकेत।

हिरण – आकर्षण के प्रति सावधानी।

भौंरा – संग्रह वृत्ति से बचना।

मधुमक्खी – लोभ के दुष्परिणाम।

हाथी – स्त्री मोह के प्रति चेतावनी।

शिकारी और हिरण – सांसारिक जाल से मुक्ति।

बालक – निष्कलंक और आनंदपूर्ण जीवन।

कुम्हार – धैर्य और समय के साथ रूपांतरण।

सर्प – एकांत और सतर्कता।

मकड़ी – आत्मा का निर्माण और संहार।

गिद्ध – दूरदर्शिता।

पानी में तैरती मछली – लोलुपता से बचाव।

पतंगा – आकर्षण से विनाश की चेतावनी।

सर्पिणी – परद्रव्य का त्याग।

भिक्षुक स्त्री – आत्म-नियंत्रण और संयम।

भावार्थ

भगवान दत्तात्रेय का यह जीवन-दर्शन बताता है कि सच्चा ज्ञान केवल शास्त्रों से नहीं, अनुभवों से भी प्राप्त होता है। एक जागरूक साधक हर जीव और वस्तु से कुछ न कुछ सीख सकता है, यदि उसकी दृष्टि शुद्ध हो। उनके यह २४ गुरु हमें यह शिक्षा देते हैं कि प्रकृति स्वयं एक महान गुरु है, बस आवश्यकता है उसे समझने और उससे सीखने की।

निष्कर्ष

भगवान दत्तात्रेय का गुरु-दर्शन हमें आत्

29/06/2025

जब कर्म नेक होते हैं, तो किस्मत खुद दरवाज़ा खटखटाने आ जाती है। 🌟🙏
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):"अपनापन किसी एक व्यक्ति तक सीमित नहीं होता। यह वह मानवीय भाव है, जो भेदभाव के पार जाकर हर व्यक्ति को स्वीकारता है — बि...
29/06/2025

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"अपनापन किसी एक व्यक्ति तक सीमित नहीं होता। यह वह मानवीय भाव है, जो भेदभाव के पार जाकर हर व्यक्ति को स्वीकारता है — बिना शोर, बिना शर्त। जब हम दूसरों के अस्तित्व को उसी गरिमा से देखते हैं जैसे अपना, वहीं से असली अपनापन शुरू होता है।"
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"जब दिल दीवाना हो जाए, तो फिर ना कोई मंज़िल दिखती है, ना कोई रास्ता... बस वही दीवानगी हर चीज़ पर हावी हो जाती है। ❤️🔥"🌷🌷🌷💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖🌷🌷🌷💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖

19/06/2025

न उम्र की सीमा, न प्यार की ज़ुबां,
चुम्बन में बसी थी रूहों की दास्तां।
वो थी परिपक्व, वो था जवां,
मिलते ही दोनों ने लिख दी नई इक दास्तां।

#इश्क़_बेहद #उम्र_का_क्या #रूहानी_प्यार #बेमिसाल_मोहब्बत

हाथ मिलाकर नजर चुराते हो तुम...जानते नहीं मेरे दिल को ...किस कदर घायल कर जाते हो तुम ...वक्त ठहर भी जाता नहीं कमबख्त ..ज...
09/06/2025

हाथ मिलाकर नजर चुराते हो तुम...
जानते नहीं मेरे दिल को ...

किस कदर घायल कर जाते हो तुम ...
वक्त ठहर भी जाता नहीं कमबख्त ..
जब मेरे क़रीब आ जाते हो तुम ...
💕💕💕💕
बेपर्वा बेपर्दा हवाओं का ..
झोंका ही तो हो तुम...
चाहो कितने भी दूर रहो मुझसे तुम..
मेरे होने का एहसास जता जाते हो तुम ...
💕💕💕

#शायरी #गझल #कविता

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