Bhartiya kisan भारतीय किसान

Bhartiya kisan भारतीय किसान Agronomist
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16/07/2025

*सफेद लट (White Gurb)*
*फसलो में सफेद लट जिससे गांव की भाषा में गोबर कीड़ा/मेमरु / गुड़ा भी बोलते हैं का प्रकोप बहुत ज्यादा हो रहा है यदि इस किट पर नियंत्रण नही किया जाता है तो यह फसल में 70- 80%तक नुकसान पहुंचा सकता है*

*आईए जानते हैं इसके बारे में*👇
*यह एक भूमिगत कीट है जिसकी इल्ली अवस्था भूमि के अंदर से पौधे की जड़ों को काटती हुई चलती है जिससे पौधा मुरझाकर खत्म हो जाता है*
👉🏻 *पहचान* 👇👇

*शरीर का रंग सफेद व मुंह लाल कलर का होता है शरीर का आकार अंग्रेजी के C अक्षर के समान होता है*

*यह अधिकतर कच्चे गोबर के ढेर मैं मिलती है* *लेकिन बाजरा मुंगफली की फसल में विशेष तौर पर नुकसान पहुंचाती है*

*जैविक नियंत्रण*:-

बवेरिया बेसियाना और मेटारिजियम एनिसोप्ली:
ये दो कवक हैं जो सफेद लट के लार्वा को संक्रमित करते हैं। इन्हें 2.5-3 किलोग्राम प्रति 50 किलोग्राम गोबर में मिलाकर 7 दिनों तक छाया में सुखाने के बाद खेत में छिड़काव करना चाहिए

*रसायनिक नियंत्रण*👇

*इसके नियंत्रण के लिए आप अच्छा सा कीटनाशक प्रयोग मिले जैसा की*

1.*इमिडाक्लोप्रीड 40%+फिप्रोंनील40% 100gm प्रति एकड़*

*2. क्लोरोपेयरिफॉस 50% +सायपरमेथ्रिन 5% EC एक लीटर प्रति एकड़*

*3. क्लोरांट्रानीलीप्रोल 0.4 GR 4kg प्रति एकड़*

*4. कार्बोफुरान 0.3%CG 10kg प्रति एकड़*

*5. थियामेथोक्सम 1% + क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 0.5% जीआर 2.5 kg प्रति हैक्टेयर*

*इनमे में से कोई सी भी एक दवा काम में लेवे !*

इसके अलावा इस लट का बायोएजेंट्स के माध्यम से भी नियंत्रण संभव है Indian Council of Agricultural Research

13/07/2025

*“ कृषि विज्ञान केंद्र, पोकरण द्वारा सात दिवसीय वैज्ञानिक बकरी एवं भेड़ पालन विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम”*
🐏🦌🐐🐑🐑🦌🐐🐐
*प्रशिक्षण अवधि:* 15 से 21 जुलाई,, 2025
📍 *स्थान: कृषि विज्ञान केंद्र पोकरण*

💰 *प्रशिक्षण शुल्क:* ₹1000/-

📞 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
*डॉ राम निवास*
*पशु पालन वैज्ञानिक,*
*कृषि विज्ञान केंद्र, पोकरण जिला जैसलमेर*
मोबाइल: 8765408809
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Web word processing, presentations and spreadsheets

13/07/2025

*📍परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)*

सरकार द्वारा परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य कृषकों को उनकी आय बढ़ाने और कृषि को अधिक लाभदायक बनाने में मदद करना है। इस योजना के तहत, कृषकों को वर्मी बेड बनाने के लिए अनुदान प्रदान किया जाएगा।

*📍वर्मी बेड निर्माण*

- वर्मी बेड का आकार 7 x 3 x 1.5 फीट होगा।
- वर्मी बेड में केंचुए और खाद डालने होंगे।
- वर्मी बेड बनाने पर अनुदान ₹5000 दिया जाएगा।

*📍योजना के लाभ*

- योजना में शामिल होने वाले कृषकों को आगे से प्राप्त होने वाले लाभों में खाद, बीज, जैव किटनाशक और अन्य उपकरण शामिल हैं।
- योजना का लाभ 3 वर्षों तक मिलेगा।

*📍योजना में शामिल होने के लिए निर्देश*

1. *जमीन की आवश्यकता*: कृषक के नाम स्वयं के हिस्से में 2.5 से 5 बीघा तक जमीन होना आवश्यक है। प्राप्त अनुदान भी इसी अनुपात में मिलेगा।
2. *आवश्यक दस्तावेज*: कृषक को जमाबंदी की नकल, अपना पासपोर्ट साइज फोटो, आधार और जन आधार की फोटो कॉपी देनी होगी।
3. *वर्मी बेड निर्माण*: 7 x 3 x 1.5 फीट साइज का वर्मी बेड बनाना अनिवार्य होगा, जिसमें केंचुए और खाद डालने होंगे।
4. *पूर्व में लाभ प्राप्त करने वाले कृषक*: पूर्व में जो किसान इस योजना का लाभ चुके हैं, वे पात्र नहीं होंगे और उन्हें इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा।

परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) कृषकों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है, जो उन्हें उनकी आय बढ़ाने और कृषि को अधिक लाभदायक बनाने में मदद कर सकती है। योजना में शामिल होने के लिए कृषकों को आवश्यक दस्तावेज और वर्मी बेड निर्माण करना होगा।

12/07/2025

*उद्यान विभाग की योजनाएं*

1 – सोलर पम्प ( खेती के लिए )
कृषक हिस्सा राशि
3 hp 5hp

General - 95000- 125000
100000 130000

SC / St 50000 - 82000
55000 86000

Note - St और sc के लिए 45000 अतिरिक्त सब्सिडी है

फाइल ई-मित्र पर जाकर ऑनलाइन करवानी है नकल नक्शा 6 महीने पुराना नहीं हो

2 – नवीन बगीचा स्थापना

*फल आधारित ड्रिप सिंचाई योजना (PDMC योजना) के अंतर्गत अनुदान विवरण*

*1. फल: पपीता, बेल, बेर, आंवला, सीताफल, जामुन, करोंदा, कटहल*

- इकाई लागत (बिना ड्रिप सिंचाई): ₹75,000/हेक्टेयर
- ड्रिप लगाना अनिवार्य है, जिस पर उद्यानिकी विभाग से PDMC योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त होता है।
- अनुदान विवरण:
- इकाई लागत का 40% प्रतिशत लगभग ₹30,000
- प्रोत्साहन आधारित – अधिकतम 2 हेक्टेयर तक अनुदान 2 वर्षों तक देय।
- पहले वर्ष में सहायता राशि का 60% एवं द्वितीय वर्ष में 80% पत्तों की जीवित होने की दशा में।
- 40% राशि प्लांटिंग मटेरियल एवं अन्य मदों पर व्यय के पेटे देय है।

*2. फल: आम, अमरूद, नींबू, मौसंबी, संतरा, किन्नू, अनार, लीची*

- *I. सामान्य अंतराल (Regular spacing)*
- इकाई लागत (बिना ड्रिप सिंचाई): ₹1,25,000/हेक्टेयर
- ड्रिप लगाना अनिवार्य है, जिस पर उद्यानिकी विभाग से PDMC योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त होता है।
- *अनुदान विवरण:*
- इकाई लागत का 40% प्रतिशत लगभग ₹50,000
-
- *प्रोत्साहन आधारित* – अधिकतम 2 हेक्टेयर तक अनुदान 2 वर्षों तक देय।
- पहले वर्ष में सहायता राशि का 60% एवं द्वितीय वर्ष में 80% Pant की जीवित होने की दशा में।
- 40% राशि प्लांटिंग मटेरियल एवं अन्य मदों पर व्यय के पेटे देय है।

- *II. उच्च सघनता (High density)*
- इकाई लागत (बिना ड्रिप सिंचाई): ₹2,00,000/हेक्टेयर
- ड्रिप लगाना अनिवार्य है, जिस पर कृषि विभाग से PDMC योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त होता है।
- *अनुदान विवरण:*
- इकाई लागत का 40% प्रतिशत लगभग ₹80,000
- *प्रोत्साहन आधारित –* अधिकतम 2 हेक्टेयर तक अनुदान 2 वर्षों तक देय।
- पहले वर्ष में सहायता राशि का 60% एवं द्वितीय वर्ष में 80% पत्तों की जीवित होने की दशा में।
- *40% राशि प्लांटिंग मटेरियल एवं अन्य मदों पर व्यय के पेटे देय है।*
नोट – संतरे के पौधे संतरा उत्कृष्टता केंद्र पाटन में है
कीमत – 60 / प्रति पौधा
सब्सिडी – 40–42 / प्रति पौधा

पपीता का पौधा केवीके में है
कीमत – 25 रुपए प्रति पौधा
सब्सिडी – 17–18 रुपए प्रति पौधा

Dbt के तहत सब्सिडी किसान के account आयेगी

Heavy to Very Heavy Rainfall with isolated Extremely Heavy Rainfall very likely at isolated places over Gujarat Region a...
25/06/2025

Heavy to Very Heavy Rainfall with isolated Extremely Heavy Rainfall very likely at isolated places over Gujarat Region and Odisha.

Heavy to Very Heavy Rainfall very likely at isolated places over Costal Karnataka, East Rajasthan, Haryana, Chandigarh & Delhi, Himachal Pradesh, Interior Karnataka, Jammu-Kashmir-Ladakh-Gilgit-Baltistan Muzaffarabad, Kerala & Mahe, Madhya Maharashtra, Madhya Pradesh, Punjab, Tamil Nadu Puducherry & Karaikal, Uttarakhand and West Uttar Pradesh.

Heavy Rainfall very likely at isolated places over Arunachal Pradesh, Assam & Meghalaya, Chhattisgarh, Coastal Andhra Pradesh, Gangetic West Bengal, Jharkhand, Konkan & Goa, Nagaland, Manipur, Mizoram and Tripura, Saurashtra & Kutch, Telangana and Vidarbha.

गुजरात क्षेत्र और ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ-साथ अत्यंत भारी वर्षा होने की संभावना है।

तटीय कर्नाटक, पूर्वी राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, आंतरिक कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान मुजफ्फराबाद, केरल और माहे, मध्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु पुडुचेरी और कराईकल, उत्तराखंड और पश्चिम उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।

अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाके, झारखंड, कोंकण और गोवा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, सौराष्ट्र और कच्छ, तेलंगाना और विदर्भ में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है।

बहु मौसम संबंधी चेतावनी  मुख्य बिंदु अगले 7 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों मे...
25/06/2025

बहु मौसम संबंधी चेतावनी

मुख्य बिंदु

अगले 7 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है, 25 जून, 2025 को ओडिशा और गुजरात क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर अत्यंत भारी वर्षा हो सकती है।

Highlights

Increase in rainfall activity with isolated heavy to very heavy falls over northwest India from 25th June onwards. Heavy to very heavy rainfall activity likely to continue over many parts of central, east & northeast India during next 7 days with isolated extremely heavy rainfall over Konkan, Madhya Maharashtra, Gujarat Region on 24th June.

West India:

✓ Extremely heavy rainfall (>20 cm/24 hours) likely at isolated places over Gujarat Region on 25th June.

✓ Heavy to very heavy rainfall at isolated places likely over Konkan & Goa, Ghat areas of Madhya Maharashtra, Gujarat region and isolated heavy rainfall over Saurashtra & Kutch during 25th June-01st July.

✓ Light/moderate rainfall at most/many places likely over the region during next 7 days.

Northwest India:

✓ Isolated heavy rainfall likely over Punjab, Haryana, Himachal Pradesh, Uttarakhand, West Uttar Pradesh during 25th June-01st July; Rajasthan during 25th-29th; Jammu-Kashmir during 25th-27th; East Uttar Pradesh during 28th June-01st July with very heavy rainfall over East Rajasthan during 25th-28th; Uttarakhand during 25th-27th , Haryana, Himachal Pradesh on 25th; West Rajasthan on 27th; Punjab on 25th & 26th , West Uttar Pradesh on 25th June & 01st July 27th; Jammu-Kashmir on 25th June and East Uttar Pradesh on 30th June & 01st July.

✓ Light/moderate rainfall at most/many places accompanied with accompanied with thunderstorm, lightning & gusty winds speed reaching 30-40 kmph likely over Northwest India during 25th June-01st July.

East & Central India:

✓ Extremely heavy rainfall (>20 cm/24 hours) likely at isolated places over Odisha on 25th June.

✓ Isolated heavy rainfall over Madhya Pradesh, Vidarbha, Chhattisgarh during 25th June-01st July; Jharkhand, Odisha, Gangetic West Bengal during 25th-28th , Sub-Himalayan West Bengal & Sikkim, Bihar during 27th June-01st July with very heavy rainfall over Madhya Pradesh on 25th, 26th June & 01st July; Sub-Himalayan West Bengal & Sikkim on 28th; Bihar on 28th& 29th; Jharkhand, Odisha on 26th June.

✓ Light/moderate rainfall at most/many places accompanied with thunderstorm, lightning & gusty winds speed reaching 40-50 kmph likely over Andaman & Nicobar Islands, Madhya Pradesh, Vidarbha, Chhattisgarh, Gangetic West Bengal, Bihar, Jharkhand, Odisha during 25th June-01st July.

Northeast India:

✓ Light/moderate rainfall at most places accompanied with thunderstorm, lightning and isolated heavy rainfall likely to continue over Northeast India during next 7 days with very heavy rainfall over Arunachal Pradesh on 28th June.

South Peninsular India:

✓ Isolated heavy rainfall likely over Kerala, Karnataka, Tamil Nadu during 25th-28th; Coastal Andhra Pradesh & Yanam and Telangana on 25th June with very heavy rainfall over Interior Karnataka on 25th; Ghat areas of Tamil Nadu, Coastal Karnataka and Kerala on 25th & 26th June.

✓ Strong surface winds (speed reaching 40-60 kmph) very likely over Karnataka, Coastal Andhra Pradesh & Yanam, Rayalaseema, Telangana during 25th-29th June.

✓ Light/moderate rainfall at many/some places over Kerala & Mahe, Lakshadweep, Coastal Karnataka; isolated to scattered rainfall accompanied with isolated thunderstorm, lightning over Coastal Andhra Pradesh & Yanam, Telangana, Interior Karnataka during 25th-29th June.

For more information, visit: https://internal.imd.gov.in/pages/press_release_mausam.php

*📍राजकिसान सुविधा ऐप: किसानों के लिए एक वरदान*आज के डिजिटल युग में, किसानों के लिए भी तकनीक का उपयोग करना बहुत महत्वपूर्...
25/06/2025

*📍राजकिसान सुविधा ऐप: किसानों के लिए एक वरदान*

आज के डिजिटल युग में, किसानों के लिए भी तकनीक का उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। राजकिसान सुविधा ऐप इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो किसानों को कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करता है।

*📍राजकिसान सुविधा ऐप के लाभ:*

- *कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी*: इस ऐप के माध्यम से किसान कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उनका लाभ उठा सकते हैं।
- *आधिकारिक जानकारी*: ऐप पर दी गई जानकारी आधिकारिक और विश्वसनीय होती है, जिससे किसानों को सही निर्णय लेने में मदद मिलती है।
- *सुविधाजनक पहुंच*: ऐप के माध्यम से किसान कहीं भी और कभी भी कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।

*📍कैसे करें ऐप का उपयोग:*

1. *ऐप इंस्टॉल करें*: सबसे पहले, राजकिसान सुविधा ऐप को अपने मोबाइल में इंस्टॉल करें।
2. *निजी जानकारी भरें*: ऐप में अपनी (जनआधार कार्ड) निजी जानकारी भरकर पंजीकरण करें।
3. *योजनाओं का चयन करें*: ऐप पर उपलब्ध विभिन्न योजनाओं का चयन करें और उनका लाभ उठाएं।

राजकिसान सुविधा ऐप किसानों के लिए एक बहुत ही उपयोगी साधन है, जो उन्हें कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करता है। इसलिए, सभी किसान भाई आज ही इस ऐप को इंस्टॉल करें और इसका लाभ उठाएं।
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ारतीयकिसान #खेती

25/06/2025

क्या आप चाहते हैं कि आपकी जमीन उपजाऊ, जलधारण क्षमता से भरपूर और खरपतवार रहित बनी रहे? तो खेती में ढैंचा Dhaincha को ज़रूर अपनाएँ। यह एक ऐसी हरी खाद है जो मिट्टी को जीवन देती है। इसका वैज्ञानिक नाम Sesbania bispinosa है और यह एक दलहनी फसल है जो हवा से नाइट्रोजन लेकर मिट्टी को प्राकृतिक रूप से उर्वर बनाती है।

🌱 ढैंचा के प्रमुख लाभ:

🧪 मिट्टी सुधार:

• नाइट्रोजन फिक्स करके रासायनिक खादों की ज़रूरत घटाता है।
• मिट्टी को भुरभुरी बनाकर जलधारण क्षमता बढ़ाता है।
• बंजर, क्षारीय या बलुई भूमि को भी खेती योग्य बनाता है।

🌾 फसल को सहयोग:

• मुख्य फसल जैसे धान, गेहूं से पहले खेत तैयार करता है।
• खरपतवार और कीटों को नियंत्रित करता है।
• जैविक खेती को बढ़ावा देता है।

💰 किसान को सीधा लाभ:

• उर्वरकों पर खर्च घटाकर लागत कम करता है।
• पशु चारे के रूप में सीमित उपयोग संभव।
• गर्म जलवायु और कम पानी में भी सफलतापूर्वक उगता है।

🌍 पर्यावरणीय योगदान:

• कार्बन अवशोषण में सहायक।
• जल स्रोतों को रासायनिक प्रदूषण से बचाता है।
• मधुमक्खियों और मिट्टी के जीवों के लिए आदर्श आश्रय।

🌿 बुवाई कब और कैसे करें?

• समय: मार्च से जुलाई
• बीज मात्रा: 30-40 किग्रा/एकड़
• विधि: छिटकवां या कतारों में 20–25 से.मी. दूरी
• जुताई: 45–60 दिन बाद, जब पौधे 3–4 फीट हो जाएँ।
• समय से जुताई करके इस हरी खाद को मिट्टी में मिला दें।

🙏 अंतिम शब्द:

ढैंचा केवल एक फसल नहीं, बल्कि आपकी ज़मीन के लिए एक प्राकृतिक टॉनिक है। यदि आप टिकाऊ, लाभकारी और पर्यावरण-सम्मत खेती चाहते हैं, तो ढैंचा को अपने फसल चक्र में ज़रूर शामिल करें। 🌱

25/06/2025

*🍇 जामुन के बारे में विस्तृत जानकारी:*

*जामुन एक मौसमी फल है जो गर्मियों के अंत और वर्षा ऋतु की शुरुआत में (मई-जुलाई) आता है।*

*अभी मार्किट में इसका फल आ रहा है, और इसे लगाने का समय भी चल रहा है।*

*हरियालो राजस्थान के तहत जामुन के पौधे लगा सकते है।*

इसका स्वाद कसैला, खट्टा-मीठा होता है, और खाने के बाद जीभ व होंठों पर बैंगनी रंग चढ़ जाता है।

*जामुन का प्रवर्धन कैसे होता है?*

जामुन (Syzygium cumini) का प्रवर्धन मुख्य रूप से निम्न तरीकों से किया जाता है:

1. बीज द्वारा प्रवर्धन

*ताजे बीजों को जुलाई-अगस्त में बोया जाता है।*

बीजों को बोने से पहले गूदा निकाल दिया जाता है।
अंकुरण में लगभग 10-15 दिन लगते हैं।

2. कलम (ग्राफ्टिंग) द्वारा प्रवर्धन
वानस्पतिक प्रवर्धन (Vegetative propagation) के लिए "सॉफ्टवुड ग्राफ्टिंग" या "बडिंग" तकनीक अपनाई जाती है।

*जामुन कब लगाया जाता है?*
जामुन के पौधे जुलाई से सितंबर (मानसून काल) के दौरान लगाए जाते हैं।

इस समय मिट्टी में पर्याप्त नमी होती है, जो पौधे की जड़ जमने के लिए अनुकूल होती है।

🍇 जामुन के फायदे:

1. स्वास्थ्य लाभ

जामुन मधुमेह (डायबिटीज़) के रोगियों के लिए लाभकारी है।
यह पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है।
इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C होता है।
इसके बीज, छाल व पत्ते आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग होते हैं।

2. औद्योगिक उपयोग

जामुन से जूस, जैम, सिरका, वाइन और शरबत बनाए जाते हैं।
लकड़ी मजबूत होती है और कृषि उपकरणों में उपयोग होती है।

3. पर्यावरणीय लाभ

जामुन का पेड़ छायादार होता है और प्रदूषण को कम करता है।
यह भूमिक्षरण को रोकने में सहायक है।

🌳 जामुन का पेड़:

जामुन का वृक्ष बहुत ऊँचा होता है और 30-40 वर्षों तक फल देता है।

एक पेड़ से 50 से 100 किलो तक फल मिल सकते हैं।

इसकी लकड़ी मजबूत होती है और रेलवे स्लीपर, कृषि औजार आदि बनाने में उपयोग होती है।
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ारतीयकिसान #खेती

क्या आप चाहते हैं कि आपकी जमीन उपजाऊ, जलधारण क्षमता से भरपूर और खरपतवार रहित बनी रहे? तो खेती में ढैंचा Dhaincha को ज़रू...
24/06/2025

क्या आप चाहते हैं कि आपकी जमीन उपजाऊ, जलधारण क्षमता से भरपूर और खरपतवार रहित बनी रहे? तो खेती में ढैंचा Dhaincha को ज़रूर अपनाएँ। यह एक ऐसी हरी खाद है जो मिट्टी को जीवन देती है। इसका वैज्ञानिक नाम Sesbania bispinosa है और यह एक दलहनी फसल है जो हवा से नाइट्रोजन लेकर मिट्टी को प्राकृतिक रूप से उर्वर बनाती है।

🌱 ढैंचा के प्रमुख लाभ:

🧪 मिट्टी सुधार:

• नाइट्रोजन फिक्स करके रासायनिक खादों की ज़रूरत घटाता है।
• मिट्टी को भुरभुरी बनाकर जलधारण क्षमता बढ़ाता है।
• बंजर, क्षारीय या बलुई भूमि को भी खेती योग्य बनाता है।

🌾 फसल को सहयोग:

• मुख्य फसल जैसे धान, गेहूं से पहले खेत तैयार करता है।
• खरपतवार और कीटों को नियंत्रित करता है।
• जैविक खेती को बढ़ावा देता है।

💰 किसान को सीधा लाभ:

• उर्वरकों पर खर्च घटाकर लागत कम करता है।
• पशु चारे के रूप में सीमित उपयोग संभव।
• गर्म जलवायु और कम पानी में भी सफलतापूर्वक उगता है।

🌍 पर्यावरणीय योगदान:

• कार्बन अवशोषण में सहायक।
• जल स्रोतों को रासायनिक प्रदूषण से बचाता है।
• मधुमक्खियों और मिट्टी के जीवों के लिए आदर्श आश्रय।

🌿 बुवाई कब और कैसे करें?

• समय: मार्च से जुलाई
• बीज मात्रा: हरी खाद के लिए 15-18 किलोग्राम प्रति एकड़.
• बीज उत्पादन के लिए: 10 किलोग्राम प्रति एकड़
• विधि: छिटकवां या कतारों में 20–25 से.मी. दूरी
• जुताई: 45–60 दिन बाद, जब पौधे 3–4 फीट हो जाएँ।
• समय से जुताई करके इस हरी खाद को मिट्टी में मिला दें।

23/06/2025

NOTE: 🆘 यूरिया, डीएपी, NPK सहित अन्य खाद उर्वरकों के रेट

उप संचालक के मुताबिक मध्य प्रदेश में सभी रासायनिक उर्वरकों की दरें निर्धारित कर दी गई हैं। जिसके अनुसार किसानों को निम्न दामों पर सभी उर्वरक उपलब्ध कराए जाएँगे।

डीएपी खाद की कीमत- 1350 रुपए प्रति बोरी,

यूरिया खाद की कीमत- 266.50 रुपए प्रति बोरी,

एसएसपी (पावडर) खाद की कीमत- 465 रुपए प्रति बोरी,

एसएसपी दानेदार की कीमत- 505 रुपए प्रति बोरी,

बोरोनेटेड एसएसपी (पावडर) की कीमत- 495 रुपए प्रति बोरी,

बोरोनेटेड एसएसपी (दानेदार) की कीमत- 535 रुपए प्रति बोरी,

जिंकटेड एसएसपी (पावडर) की कीमत- 490 रुपए प्रति बोरी,

जिंकटेड एसएसपी (दानेदार) की कीमत- 530 रुपए प्रति बोरी,

टीएसपी खाद की कीमत- 1300 रुपए प्रति बोरी,

एनपीके (12:32:16) की कीमत- 1720 रुपए प्रति बोरी,

एनपीके (10:26:26) की कीमत- 1700 रुपए प्रति बोरी,

एनपीके (14:35:14) की कीमत- 1750 रुपए प्रति बोरी,

एनपीके (16:20:0:13) की कीमत- 1250 रुपए प्रति बोरी,

एनपीके (15:15:15) की कीमत – 1450 रुपए प्रति बोरी,

एनपीके (28:28:0) की क़ीमत- 1700 रुपए प्रति बोरी,

एपीएस (20:20:0:13) की कीमत- 1300 रुपए प्रति बोरी,

एनपीके (16:16:16) की कीमत- 1475 रुपए प्रति बोरी,

एनपीके (14:28:28) की कीमत- 1650 रुपए प्रति बोरी,

अमोनियम सल्फेट की कीमत- 950 रुपए प्रति बोरी,

पोटाश की कीमत- 1535 रुपए प्रति बोरी,

नैनो डीएपी मेसर्स इफको/पीपीएल (500 मिली)- 600 रुपए प्रति बॉटल,

नैनो डीएपी मेसर्स कोरोमंडल (1ली)- 600 रुपए प्रति बॉटल,

नैनो यूरिया (500 मिली)- 225 रुपए प्रति बॉटल।

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