14/09/2025
यहाँ आज की कुछ सरकार की योजनाएँ और Ecoplug Energy India Limited जैसी कंपनियों के बीच क्यों प्रतियोगिता (competition) बन रही है, उसका विश्लेषण है:
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🏛️ सरकार की योजनाएँ व नीतियाँ
1. PM E-DRIVE स्कीम
सरकार ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए PM E-DRIVE (Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement) स्कीम शुरु की है।
इसमे EVs (2-wheelers, 3-wheelers, e-buses, etc.) पर सब्सिडी दी जाती है और charging infrastructure को मजबूत किया जा रहा है।
2. सरकारी जमीन से मदद
सरकारी जमीन (government land) को private कंपनियों को EV public charging stations लगाने के लिए बोली (bidding) के ज़रिये दी जा रही है – ये जमीन बहुत कम दर पर (फ्लोर प्राइस लगभग “₹1 प्रति यूनिट” जैसी दर) दी जाती है।
इससे लागत कम होती है, जिससे private कंपनियाँ अधिक उत्सुक हैं।
3. Ahmedabad जैसे शहरों में नियमों में सख्ती
उदाहरण के लिए, Ahmedabad में नए residential/commercial towers में EV chargers लगाने का निर्देश है – जैसे कि 100 मीटर से ऊँचे residential towers में हर parking slot में charger होना चाहिए।
4. PM E-Drive की समय सीमा और बजट विस्तार
सरकार ने PM E-Drive स्कीम की अवधि और बजट को बढ़ाया है। कुछ सब्सिडी की समय सीमा तय की गई है।
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⚙️ Ecoplug Energy India Limited की स्थिति
Ecoplug Energy India Limited (EEIL) एक ऐसी कंपनी है जो EV charging इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का काम कर रही है। इसकी कुछ मुख्य बातें:
EEIL एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी है, राज्य-राज्थान के Alwar में स्थित।
कंपनी ने अब तक लगभग 170+ BIS प्रमाणित DC fast chargers भारत में लगाए हैं।
उनका लक्ष है कि 2028 तक 10,000 EV charging stations स्थापित करें।
तकनीकी मााप-दंड जैसे OCPI, OCPP प्रोटोकॉल आदि उनके उत्पादों में उपयोग होते हैं।
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🔍 क्यों बनी प्रतियोगिता?
Ecoplug जैसी कंपनियों और अन्य private players के बीच प्रतियोगिता कई कारणों से हो रही है:
1. सरकार द्वारा सब्सिडी और प्रोत्साहन
जैसे कि PM E-Drive और FAME जैसी योजनाएँ, charging infrastructure को स्थापित करने के लिए आर्थिक सहारा दे रही हैं, जिससे नई कंपनियाँ शुरू हो रही हैं। सब्सिडी मिलने से cost कम होती है और entry barrier नीचे आ जाता है।
2. Regulatory Push & Mandates
जैसे नियम हैं कि नए भवनों में EV चार्जर लगाना ज़रूरी है, highways पर charging points हों, आदि – ये सभी निजी कंपनियों के लिए अवसर पैदा कर रहे हैं।
3. बाजार की वृद्धि
EVs की बिक्री में वृद्धि हो रही है, लोग EV लेना चाहते हैं, लेकिन चार्जिंग की सुविधा कम है। इससे demand बनी हुई है।
4. किसी कंपनी का फर्स्ट-मूवर लाभ
जो कंपनियाँ जल्दी से चार्जिंग स्टेशन लगाने लगेंगी, उनके पास Brand recognition, बेहतर Coverage, Technical reliability आदि में बढ़त होगी। Ecoplug ने BIS certified chargers लगाए हैं, जिससे विश्वास बढ़ता है।
5. निवेश और वित्तीय मॉडल
EV infrastructure requires investment in equipment, land, electricity supply, IoT management आदि। जो कंपनियाँ बेहतर Capital, तकनीकी ज्ञान और अच्छी नेटवर्किंग रखेंगी, वे इस मार्केट में आगे निकल पाएगी
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