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*लाखों SSC उम्मीदवारों का ग़ुस्सा फूट पड़ा है।*तकनीकी गड़बड़ियों, दूर-दराज़ परीक्षा केंद्रों और शांतिपूर्ण छात्रों पर ला...
05/08/2025

*लाखों SSC उम्मीदवारों का ग़ुस्सा फूट पड़ा है।*

तकनीकी गड़बड़ियों, दूर-दराज़ परीक्षा केंद्रों और शांतिपूर्ण छात्रों पर लाठीचार्ज तक — आखिर SSC Phase-13 में ऐसा क्या हुआ जो पूरे देश के युवाओं को नाराज़ कर गया?

क्या एक ब्लैकलिस्टेड वेंडर को फिर से कॉन्ट्रैक्ट देना एक साज़िश थी?
इस वीडियो में खुलासा किया गया है उस चौंकाने वाली बदइंतज़ामी का, जिसने देश की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षाओं में से एक को मज़ाक बना दिया।

👉 अंत तक ज़रूर देखें, क्योंकि ये मामला सिर्फ एक परीक्षा का नहीं, एक पूरी व्यवस्था के गिरने का है।
भारत के युवाओं का भविष्य दांव पर है।

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29/07/2025
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29/07/2025

“जब लखनऊ की तहज़ीब संसद में बोली — और पूरा मुल्क ठहर गया सुनने को…”

✍🏻 वफ़ा अब्बास
चेयरमैन, अंबर फाउंडेशन

“परीक्षा में सिर्फ रिज़ल्ट मायने रखता है। पेन गुम हुआ या पेंसिल टूटी — ये सब बेकार की बातें हैं।”
— माननीय राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री, भारत सरकार

ये एक लाइन सुनी, और दिल से आह निकल गई —
“ये बात कोई और नहीं, लखनऊ वाला ही कह सकता है।”

न शोर था, न इल्ज़ाम, न तंज़… बस सीधी, साफ़ और गहरी बात।
ऐसा लगा जैसे कोई स्कूल का सख़्त लेकिन नेक हेडमास्टर संसद में खड़ा हो गया हो —
जिसे बच्चों की फिक्र हो, और मुल्क की भी।
राजनाथ सिंह जी का अंदाज़ — एक सियासतदान से ज़्यादा, एक उस्ताद की तरह
जब उन्होंने कहा कि “बहाना नहीं चलेगा, रिज़ल्ट लाओ” —
तो समझ में आया कि यह सिर्फ राजनीति नहीं, ज़िम्मेदारी की क्लास है।

लखनऊ की तहज़ीब — जहाँ बात तल्ख़ भी हो, पर सलीक़े से हो
लखनऊ से आने वाला शख्स जानता है,
कि सच कैसे बोला जाए,
कि सामने वाला चिढ़े भी नहीं… और सोचने पर मजबूर हो जाए।

राजनाथ सिंह उसी तहज़ीब के बेटे हैं —
और जब वो संसद में बोले,
तो लगा जैसे पूरे शहर की तालीम बोल उठी हो।

सीधी बात आज के नौजवानों से
बहाने सबके पास होते हैं —
पेन नहीं चला, बिजली चली गई, वक़्त नहीं मिला…
लेकिन दुनिया नतीजे देखती है, दलीलें नहीं।

आज ये लाइन संसद से आई है —
तो समझ लो ये किसी एक छात्र के लिए नहीं,
ये हर उस इंसान के लिए है जो ज़िम्मेदारी से भाग रहा है।

“कभी-कभी एक सच्ची बात, हज़ारों भाषणों से बड़ी होती है।”

और अगर वो बात तहज़ीब के लहजे में कही जाए —
तो उसका असर बहुत दूर तक जाता है।

सलाम है राजनाथ सिंह जी को,
जो आज भी इस शोरगुल वाली राजनीति में
शराफ़त, सोच और सच्चाई की जगह बनाए हुए हैं।




















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