03/07/2024
नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा एक जमाने में आईबी यानी इंटेलीजेंस ब्यूरो में काम करते थे. वो दावा किया करते हैं कि नौकरी से ज्यादा उनका मन आध्यात्म में लगता था, इसलिए 26 साल पहले उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी और धार्मिक प्रवचन करने लगे. उनके सत्संग को 'मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम' कहा जाता है. इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली सहित देशभर से लाखों अनुयायी शामिल होते हैं.भोले बाबा पहले भी विवादों में आ चुके हैं. उनके कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ कोरोना काल में अनुमति से ज्यादा भीड़ जुटाने के मामले में केस दर्ज किया गया था. साल 2022 में यूपी के फर्रुखाबाद में सत्संग का आयोजन किया गया था. इसमें जिला प्रशासन ने 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी थी, लेकिन 50 हजार लोग शामिल हुए थे. यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह के मुताबिक, उनके खिलाफ यौन शोषण सहित आधा दर्जन केस दर्ज हैं.नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा एक जमाने में आईबी यानी इंटेलीजेंस ब्यूरो में काम करते थे. वो दावा किया करते हैं कि नौकरी से ज्यादा उनका मन आध्यात्म में लगता था, इसलिए 26 साल पहले उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी और धार्मिक प्रवचन करने लगे. उनके सत्संग को 'मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम' कहा जाता है. इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली सहित देशभर से लाखों अनुयायी शामिल होते हैं.भोले बाबा पहले भी विवादों में आ चुके हैं. उनके कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ कोरोना काल में अनुमति से ज्यादा भीड़ जुटाने के मामले में केस दर्ज किया गया था. साल 2022 में यूपी के फर्रुखाबाद में सत्संग का आयोजन किया गया था. इसमें जिला प्रशासन ने 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी थी, लेकिन 50 हजार लोग शामिल हुए थे. यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह के मुताबिक, उनके खिलाफ यौन शोषण सहित आधा दर्जन केस दर्ज हैं.