26/05/2025
महाराणा सांगा ने ईडर, खातोली, बाड़ी, गागरोन, बयाना, खानवा के युद्ध लड़े। इनमें से एक भी युद्ध मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़गढ़ के निकट नहीं हुआ।
चित्तौड़गढ़ से ईडर की दूरी 290 किलोमीटर थी, वहां जिसको पराजित किया वो गुजरात के सुल्तान की सेना थी, अर्थात गुजरात की सल्तनत में घुसकर शत्रुओं को परास्त किया।
चित्तौड़गढ़ से खातोली की दूरी 285 किलोमीटर थी, वहां तक दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी सेना सहित आया और महाराणा के हाथों करारी शिकस्त खाई।
चित्तौड़गढ़ से बाड़ी की दूरी 470 किलोमीटर थी और दिल्ली की राजधानी आगरा से बाडी की दूरी मात्र 80 किलोमीटर थी, फिर भी वहां जाकर इब्राहिम लोदी को धूल चटाई, लोदी अपनी तथाकथित सल्तनत की राजधानी से 80 किलोमीटर की दूरी तक अपनी इज़्ज़त नहीं बचा सका।
चित्तौड़गढ़ से गागरोन की दूरी 250 किलोमीटर है, वहां जाकर उन्होंने मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी को परास्त किया और उसे बंदी बनाया।
चित्तौड़गढ़ से बयाना की दूरी 490 किलोमीटर थी और आगरा से बयाना की दूरी 85 किलोमीटर थी। इस समय आगरा पर बाबर का कब्ज़ा हो चुका था। बयाना में जाकर महाराणा सांगा ने बाबर की सेना को परास्त किया।
चित्तौड़गढ़ से खानवा की दूरी 525 किलोमीटर थी, वहां जाकर बाबर की सेना से लड़े और इस युद्ध में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा फिर भी हारकर चित्तौड़ नहीं लौटे और दोबारा बाबर से लड़ना चाहते थे पर विश्वासघात का शिकार हुए।
इन सभी सुल्तानों और बादशाहों की इतनी हैसियत नहीं थी कि मेवाड़ की राजधानी के निकट भी पहुंच सके, इतना रौब था महाराणा सांगा का।