12/05/2025
देश सूचनाओं से बनाता है. डेटा ही तमाम सबूत है जिससे कोई आपको आंकता है. अमेरिका रोज युद्ध नहीं करता है, जापान रोज बदले की भावना में नहीं रहता है. एक देश सोच से बनता है. साहित्यकार मौका देखकर आजकल पत्रकार बनते हैं और पत्रकार मौका देखकर बस कार की बोनेट पर किसी नेता द्वारा उपलब्ध कराए शराब पीते हैं. मेरी रीच एकदम मरी हुई है, 20 लोग तक भी लेख चले जाए तो बड़ी बात है लेकिन मैं ये सब डॉक्यूमेंट करना चाहता हूं.
इसलिए कि युवा शक्ति का मूल हनन कैसे हो रहा है. आने वाले नस्लों को पता चले. मीडिया को नए सिरे से शुरू करना अब लगभग असंभव है. सूचना क्रांति अब संभव भी नहीं लगता है पर यह दोहन अब नहीं रुकने वाला है. टिकर पर बैठे हुए लड़के में इतना गुस्सा है लेकिन अंजना के लिपस्टिक जितनी उनकी सैलरी है. ये कैसी कमाई की हुई व्यवस्था है. मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी यह युद्ध विराम भी नहीं, सबसे बड़ी नाकामी उनका प्रेस से भागना है. वो चैनल जाते तो हैं पर फोटो खींचाने. मन की बात लिखता कोई है और जनता को लगता है ये उनकी बात है.