29/09/2023
आज एक ऐसे महिला से मुलाकात हुआ है हमारे cabwallah आफिस पे जिसके काम का चर्चा पुरे बिहार ही नही भारत मे हो रही है जिनका नाम अर्चना पांडेय है आइए जानते है इनके बारे में कुछ बाते
अपनी मुश्किलों से लड़कर जो लोग आगे बढ़ते हैं वो अपने पीछे चल रही पीढ़ी के लिए एक मिसाल और प्रेरणा बन जाते हैं. बिहार को हमने तमाम नेताओं, आईपीएस/आईएएस और बाहुबलियों के नाम से जाना है लेकिन यहां से किसी महिला का किसी क्षेत्र में पहल करना अन्य महिलाओं के लिए एक हिम्मत की तरह है. बिहार की अर्चना पांडेय ने भी एक नई शुरुआत कर अपने जैसी अन्य महिलाओं को बिहार में सशक्त बनाने का एक नया रास्ता खोला हैं ।
दरअसल, अर्चना पांडेय बिहार की पहली महिला कैब ड्राइवर बनी हैं. उन्हें बचपन से ही ड्राइविंग का शौक था. अपने इसी शौक को उन्होंने अपने करियर के रूप में चुना और अपने जैसी अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल पेश की. अर्चना बिहार की राजधानी पटना के अनीसाबाद की रहनेवाली हैं. बिहार की पहली कैब ड्राइवर बनी अर्चना पांडेय पिछले 2 साल से कैब चला रही हैं. वह कैब ड्राइविंग से ही अपने चार बच्चों का पालन-पोषण कर रही हैं
खास बात ये है कि अर्चना केवल शहर में ही कैब नहीं चलातीं बल्कि बुकिंग मिलने पर वह बिहार से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों के अलावा नेपाल तक का सफर तय करती हैं. अर्चना ने मीडिया से बताया कि उन्होंने कैब ड्राइविंग से पहले प्राइवेट नौकरी की. फिर उन्होंने बिजनेस शुरू किया. हालांकि किसी कारण से उनका बिजनेस कामयाब नहीं हुआ. फिर उन्होंने अचानक सोचा कि क्यों ना अपने बचपन के शौक को ही अपना पेशा बनाया जाए. ऐसे में वह गाड़ी लेकर रोड पर निकल गईं
अर्चना के अनुसार उन्हें देख कर अन्य बहुत सी महिलाओं और लड़कियों के मन में भी गाड़ी चलाने की इच्छा जाग रही है. महिलाएं उनके पास आती हैं और उन्हें गाड़ी चलाना सिखाने के लिए कहती हैं. ऐसे में वह अब महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोलने का मन बना रही हैं. अर्चना का कहना है कि भले ही वह बिहार की पहली महिला कैब ड्राइवर हैं लेकिन वह नहीं चाहतीं कि वह आखिरी कैब ड्राइवर बन कर रह जाएं. उनके मुताबिक अन्य महिलाओं को भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए. वह इसके लिए प्रयास करेंगी और अन्य महिलाओं को भी अपने दम पर आगे बढ़ अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार करेंगी.