
13/02/2025
"जी. डी. गोयनका पब्लिक स्कूल, दरभंगा में भव्य वार्षिकोत्सव का आयोजन: शिक्षा, संस्कृति और सृजनात्मकता का संगम"
जी. डी. गोयनका पब्लिक स्कूल, दरभंगा में 12 फरवरी 2025 को एक भव्य वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षा, संस्कृति और सृजनात्मकता की अनूठी झलक देखने को मिली। इस गौरवमयी अवसर की शुरुआत गणेश स्तुति और स्वागत भाषण से हुई, जिसके बाद माननीय मुख्य अतिथि श्री जगुनाथ रेड्डी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों को पुष्पगुच्छ, पाग और शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्होंने अपने प्रेरणादायक विचार साझा किए।
मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा, "जी. डी. गोयनका पब्लिक स्कूल, दरभंगा द्वारा प्रस्तुत यह वार्षिकोत्सव सिर्फ कला और संस्कृति का उत्सव नहीं है, बल्कि यह शिक्षा और सामाजिक जागरूकता का प्रतीक भी है।" इसके बाद विशिष्ट अतिथि श्री कृष्णनंद सदा, जिला शिक्षा पदाधिकारी और डॉ. सिद्धार्थ शंकर सिंह, संस्कृत विश्वविद्यालय के उप कुलपति ने विद्यार्थियों की प्रतिभा की सराहना की। डॉ. सिंह ने कहा, "यहां के विद्यार्थियों की अनुशासन और सृजनात्मकता को देखकर यह स्पष्ट होता है कि विद्यालय बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ऐसे आयोजन न केवल आत्मविश्वास बढ़ाते हैं, बल्कि समाज के प्रति जागरूकता भी उत्पन्न करते हैं।"
सम्माननीय चेयरमैन डॉ. मनोज कुमार ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा, "आपका पैसा आपके बच्चे को शिक्षा नहीं दे सकता, आपको अपने बच्चे के साथ मित्रवत व्यवहार रखना होगा और उन्हें अपना समय देना होगा।" उन्होंने यह भी कहा कि "एक डॉक्टर होने के नाते मैं यह अच्छी तरह समझता हूँ कि शिक्षा का महत्व उतना ही अनिवार्य है जितना हमारे जीवन में स्वास्थ्य का महत्व है।"
इस भव्य आयोजन में सभी प्रस्तुतियाँ शैक्षिक और सामाजिक संदेशों पर आधारित थीं। गणेश वंदना के बाद स्वागत नृत्य ने संस्कृतियों के सौंदर्य को प्रस्तुत किया। "नमो नमो भारतांबे" समूहगान ने राष्ट्रीय गौरव का प्रदर्शन किया, जबकि "इफ यू बिलीव" नृत्य ने आत्मनिर्भरता का संदेश दिया। जापानी फैन डांस और अफ्रीकी बीट्स जनजातीय नृत्य ने वैश्विक संस्कृतियों की सुंदरता को दर्शाया। "आई एम द चैम्पियन" नृत्य ने परिश्रम और सफलता के महत्व को दर्शाया, वहीं लावणी ने पारंपरिक लोकसंस्कृति की जीवंतता को प्रदर्शित किया।
"द मिशन पानी एंथम" ने जल संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित किया, जबकि दक्षिण भारतीय-पाश्चात्य नृत्य ने विविधता में एकता का संदेश दिया। शिव तांडव की ऊर्जावान प्रस्तुति ने भक्ति और शक्ति का संगम प्रस्तुत किया। समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से "स्टॉप चाइल्ड लेबर" नृत्य नाटिका बाल श्रम के दुष्प्रभावों पर केंद्रित थी, जबकि "पर्यावरण संरक्षण" पर आधारित नृत्य ने प्रकृति की रक्षा का संदेश दिया। स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित माइम ने भारत के गौरवमयी इतिहास को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। अंत में, विद्यार्थियों ने मॉडलिंग प्रस्तुति के माध्यम से आत्मविश्वास का प्रदर्शन किया।
आदरणीय निदेशक सुश्री सरोज सिंह ने विद्यार्थियों की शानदार प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। इस अद्भुत आयोजन के बाद अभिभावक, विद्यार्थी और अतिथि शैक्षिक गतिविधियों से जुड़े स्टॉल्स, स्वादिष्ट व्यंजन और मनोरंजक खेलों का आनंद लेने के लिए एकत्रित हुए। यह भव्य आयोजन न केवल मनोरंजन और कला का माध्यम बना, बल्कि शिक्षा, नवाचार और जागरूकता को बढ़ावा देने वाला प्रेरणादायक मंच भी साबित हुआ। इस आयोजन की स्मृतियाँ सभी के मन में हमेशा जीवंत रहेंगी।