02/11/2025
मिथिलांचल में छठ पूजा की समाप्ति और अगला उत्सव "सामा-चकेवा" जो कार्तिक मास के द्वितीया तिथि से पूर्णिमा के दिन तक मनाया जाता हैं। यह पर्व भाई-बहन के प्यार को सामने रखता हैं। परंतु अब दुर्भाग्य ही कहेंगे कि मिथिलांचल का पारंपरिक त्योहार "सामा-चकेवा" अब सिमट कर रह गया हैं। किसी-किसी घर ही खेला जाता हैं सामा-चकेवा। गांवों में रात होते ही सभी घर की महिलाएं एवं लड़किया इकट्ठे होकर सामा-चकेवा खेला करती थी। लेकिन बदलते वक्त और समय की कमी ने इस त्योहार के रंग को फीका कर दिया हैं।