
17/08/2024
लोगों की जान बचाने के लिए वह रात on call ड्यूटी पर थी, लेकिन वह खुद को दरिंदो से बचाने में नाकाम रही 🙏
उसके पिता ने उसे नग्न अवस्था में फर्श पर पड़ा हुआ पाया, उसकी Pelvic Bone(कूल्हे की हड्डी) टूटी हुई थी, हाथ-पैर विकृत थे और उसकी आंखों में चश्मे के टुकड़े टूटे हुए थे और लगातार खून बह रहा था। उन अंतिम क्षणों में उनकी दुर्दशा अकल्पनीय है।🙏🙏
उसके माता-पिता को अपराध स्थल पर पहुंचने के 3 घंटे बाद तक उसके शव से संपर्क करने से मना कर दिया गया। उसके शरीर में 100 ग्राम वी*र्य पाया गया. एक बलि का बकरा हिरासत में है.
principal ने कहा कि वह मानसिक रोगी थी और सुसाइड कर ली है।उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और अगले दिन उन्हें एक बड़े मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में नियुक्त किया गया🙏
सीबीआई को ट्रांसफर होने के बाद अस्पताल में रेनोवेशन का काम शुरू हुआ.
इस बिंदु पर अब यह केवल डॉक्टर का मामला नहीं रह गया है, यह सिर्फ अमानवीय है। हम साल-दर-साल अमानवीयता के निचले स्तरों पर जा रहे है।
मूर्ख वे थे, जिन्हें यह भी उम्मीद थी कि निर्भया मामले के बाद सुधार होंगे। 12 साल हो गये. कुछ नहीं बदला है।दोष किसी पार्टी,नेता का नहीं है..हमारा है...ऐसे लोग समाज में भरे पड़े हैं जो मौके की तलाश में होते हैं जिनकी दूषित नज़र बहन - बेटियों पर होती है और यह जानते हुए भी उनका सामाजिक बहिष्कार नहीं किया जाता और लोग रिश्ते निभाते चले जाते हैं..... दोष हमारा और आपका है 🙏🙏
आत्मिक श्रद्धांजलि 🙏🏻💐