12/12/2025
देहरादून: सरकारी भूमि पर कथित अवैध कब्जों को लेकर विधायक सहदेव पुंडीर ने जताई नाराज़गी मुख्यमंत्री से की मुलाकात
क्षेत्रों मै सरकारी भूमि कब्जे को लेकर उपजिलाधिकारी विकासनगर कार्यशैली पर भी सवाल
सरकारी भूमि पर कब्जा करने वाले भूमाफियाओं की शिकायत सीएम हेल्प लाइन करना भी बेकार उपजिलाधिकारी विनोद कुमार कोर्ट मेटर का हवाला देकर शिकायत को कर देते है बंद
देहरादून।विधानसभा सहसपुर के विधायक सहदेव सिंह पुंडीर ने क्षेत्र में सरकारी भूमि पर कथित अवैध कब्जों, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की जा रही रजिस्ट्रियों और प्लॉटिंग के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री को अवगत कराया है। विधायक द्वारा भेजे गए पत्र में (जो मुख्यमंत्री को संबोधित है) कहा गया है कि सहसपुर क्षेत्र में भूमि माफिया द्वारा सरकारी जमीनों को समतल कर कब्जा देने जैसी शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से अपेक्षित कार्रवाई नहीं की जा रही।
विधायक ने यह भी आरोप लगाया है कि कई बार संबंधित अधिकारियों को लिखित रूप से अवगत कराने के बावजूद कार्यवाही नहीं हुई। पत्र में यह मुद्दा भी उठाया गया है कि कई सरकारी जमीनें पंचायत / नगर निगम को सुपुर्द कर विभिन्न सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए उपयोग की जानी थीं, परंतु कब्जों के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।
सीएम पोर्टल पर शिकायतें बंद होने पर सवाल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब वे भूमाफिया के खिलाफ शिकायतें सीएम पोर्टल पर दर्ज करवाते हैं, तो शिकायतें यह कहकर बंद कर दी जाती हैं कि मामला कोर्ट से संबंधित है। इससे पीड़ितों में नाराज़गी बढ़ रही है। दिनांक 24 जुलाई 2025 को सीएम हेल्प लाइन पर भूमाफियाओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई मगर उपजिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार ने सरकारी भूमि पर हो रहे कब्जे व फर्जी दस्तावेज लगाकर हो रही रजिस्ट्रियां पर कोई कार्यवाही के आदेश नहीं दिए न ही लेखपाल द्वारा कोई जांच कराकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया बल्कि 27 सितम्बर 2025 को शिकायत बंद कर दी गई तर्क दिया गया कि उक्त मामला कोर्ट मेटर है अंदाजा यही से लग जाता है कि तहसील विकासनगर भूमाफियाओं पर कितनी मेहरबान है।
ईस्ट ऑफ टाउन क्षेत्र में कथित अवैध प्लॉटिंग का मामला चर्चा में
ईस्ट ऑफ टाउन क्षेत्र में सरकारी और नदी श्रेणी की भूमि पर अवैध प्लॉटिंग व रजिस्ट्रियों के आरोप भी सामने आए हैं। क्षेत्र के कुछ निवासियों ने आरोप लगाया है कि विकासनगर तहसील में कथित साठगांठ के कारण खसरा नंबर 974, 971, 1016 सहित अन्य भूमि पर रजिस्ट्रियां की गईं। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि भूमि को ग्राम समाज/नदी श्रेणी बताया गया था, लेकिन उसे समतल कर लोगों को प्लॉट के रूप में सौंप दिया गया। इन शिकायतों में कुछ व्यक्तियों के नाम भी शामिल हैं, लेकिन इन आरोपों की आधिकारिक पुष्टि अभी तक प्रशासन द्वारा नहीं की गई है।
भूमाफियाओं द्वारा इन व्यक्तियों को की गई रजिस्ट्रियां एवं सरकारी भूमि में दिया गया कब्जा
रमा पत्नी अरुण, सुनीता मौर्य पत्नी महिपाल, नीरज पुत्र हुक्म सिंह, मोमिन पुत्र शमशाद, प्रीति थापा पत्नी विजय, रितु तोमर पत्नी करण, नेहा चंद्रा पत्नी अरविंद, अक्षय कुमार पुत्र ओमवीर अरविंद पुत्र रमेश सिंह, राजेंद्र पुत्र रामरतन, नेहा सेठी पत्नी मोहित, पूजा चौधरी पत्नी इंद्र बहादुर, मंजू कुमारी पत्नी रविंदर, अभिषेक राजवंशी पुत्र रविंदर नाथ, हर्ष गोयल पुत्र अनिल गोयल, धीरज अग्रवाल पुत्र अजीत, आकांक्षा वासदी पत्नी वरुण, साहिल नरवाल पुत्र भोपाल सिंह
प्रशासन की चुप्पी चिंता का विषय
स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने बड़े स्तर पर हो रहे भूमि संबंधित लेन-देन और कथित अनियमितताओं के बावजूद प्रशासन की ओर से सख़्त कार्रवाई न होना चिंताजनक है। शिकायतकर्ताओं के अनुसार शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद अवैध रजिस्ट्रियों और प्लॉटिंग पर रोक नहीं लग पा रही है।