12/06/2025
प्लास्टिक नहीं, पिरूल से बनीं ये सुंदर टोकरियां हैं भविष्य की उम्मीद!
कौन कहता है पहाड़ के बच्चों में टैलेंट की कमी है?
मिलिए अल्मोड़ा के खैरदा गांव की नन्हीं क्रिएटर ईशा से, जो महज़ नवीं क्लास की छात्रा है, लेकिन कर रही है बड़े-बड़ों जैसा काम! जंगलों में आग फैलाने के लिए बदनाम पिरूल (Pine Needles) को ईशा ने बनाया है रोज़गार और पर्यावरण बचाने का ज़रिया। उसने पिरूल से बनाई हैं खूबसूरत, टिकाऊ और पूरी तरह से इको-फ्रेंडली टोकरियां, जो प्लास्टिक का बेहतरीन विकल्प बन सकती हैं। न तो ये पर्यावरण को नुकसान पहुँचाती हैं, और न ही जल्दी खराब होती हैं।
.शहरों की चकाचौंध से दूर एक छोटे से गांव में बैठी ये बच्ची सस्टेनेबल फ्यूचर की राह दिखा रही है।
देखिए इन टोकरियों की कुछ तस्वीरें 👇
( यहाँ आप इमेज ऐड कर सकती हैं)
ईशा की इस पहल को आप क्या नाम देंगे?
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