देवभूमि उत्तराखंड

देवभूमि उत्तराखंड अपनी उत्तराखण्ड़ की रीती , रिवाजो और संस्कृति को सजोए रखने का प्रयास
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*अगर कोई सरकारी कर्मचारी रिश्वत मांगे तो क्या करें:*1. *इनकार करें*: यदि कोई सरकारी कर्मचारी रिश्वत मांगता है, तो स्पष्ट...
30/08/2025

*अगर कोई सरकारी कर्मचारी रिश्वत मांगे तो क्या करें:*

1. *इनकार करें*: यदि कोई सरकारी कर्मचारी रिश्वत मांगता है, तो स्पष्ट रूप से इनकार करें और कहें कि आप रिश्वत देने को तैयार नहीं हैं।

2. *शिकायत दर्ज करें*: आप संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों या भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। भारत में, आप लोकपाल, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी), या राज्य स्तरीय लोकायुक्त के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

3. *साक्ष्य इकट्ठा करें*: यदि संभव हो तो, रिश्वत मांगने के संबंध में कोई भी साक्ष्य, जैसे कि ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग, एकत्र करें। यह आपकी शिकायत को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है।

4. *लोकपाल और लोकायुक्त की वेबसाइट पर शिकायत करें*: आप लोकपाल और लोकायुक्त की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

5. *सतर्कता विभाग से संपर्क करें*: आप संबंधित विभाग के सतर्कता विभाग से भी संपर्क कर सकते हैं जो भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करता है।

6. *कानूनी सलाह लें*: यदि आवश्यक हो, तो आप कानूनी सलाह भी ले सकते हैं और एक वकील से परामर्श कर सकते हैं जो भ्रष्टाचार के मामलों में विशेषज्ञता रखता हो।

*महत्वपूर्ण बिंदु:*

- *गवाहों की पहचान करें*: यदि आपके पास गवाह हैं जो रिश्वत मांगने की घटना को देख सकते हैं, तो उनकी जानकारी भी दर्ज करें।
- *शिकायत की पावती प्राप्त करें*: सुनिश्चित करें कि आपको अपनी शिकायत की पावती मिल जाए, जिससे आप अपनी शिकायत का अनुसरण कर सकें।

इन कदमों का पालन करके, आप सरकारी कर्मचारियों द्वारा रिश्वत मांगने की घटनाओं के खिलाफ प्रभावी ढंग से कार्रवाई कर सकते हैं और एक स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन को बढ़ावा दे सकते हैं।

29/08/2025

अवध से नाता तोड़ चले हैं, आज हमारे राम
सुमन्त द्वारा भावुक गाना
रामलीला पूर्वाभ्यास...

उत्तराखण्ड में चरम पर भ्रष्टाचार, अब एसडीओ रिश्वत लेते गिरफ्तार...
29/08/2025

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सुप्रभात🚩🚩
29/08/2025

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👉 जेल / पुलिस स्टेशन में अधिकार सीमित क्यों माने जाते हैं?पुलिस कस्टडी या जेल, “निष्पक्ष माहौल” (neutral ground) नहीं मा...
29/08/2025

👉 जेल / पुलिस स्टेशन में अधिकार सीमित क्यों माने जाते हैं?

पुलिस कस्टडी या जेल, “निष्पक्ष माहौल” (neutral ground) नहीं मानी जाती।

वहाँ व्यक्ति हमेशा दबाव, डर या धमकी के अंतर्गत हो सकता है।

संविधान (अनुच्छेद 21 – जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) कहता है कि किसी भी गवाह/अपराधी/आरोपी को fair trial मिलना चाहिए।

👉 कोर्ट क्यों बराबरी का प्रतीक है?

अदालत एक स्वतंत्र और निष्पक्ष स्थान है, जहाँ पुलिस, सरकार, गवाह, आरोपी और पीड़ित – सब बराबर खड़े होते हैं।

कोर्ट के सामने बयान देने पर गवाह जज की निगरानी में होता है, जिससे उसकी स्वतंत्रता और सच्चाई की रक्षा होती है।

यही कारण है कि हमारे न्यायतंत्र का मूल सिद्धांत है:
“Equality before Law and Equal Protection of Law” (अनुच्छेद 14, संविधान)।

सावधान रहें , अनावश्यक पहाडो की तरफ न निकलें
29/08/2025

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28/08/2025

श्री रामलीला मंचन का पूर्वाभ्यास..

ऋषि पंचमी पर्व ऋषि पंचमी भाद्रपद शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। यह व्रत स्त्रियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। मान्...
28/08/2025

ऋषि पंचमी पर्व

ऋषि पंचमी भाद्रपद शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। यह व्रत स्त्रियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि इस दिन सप्तऋषियों की पूजा-अर्चना करने से जीवन में शुद्धता, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। यह पर्व हमें अपने ऋषियों की तपस्या, ज्ञान, त्याग और सनातन धर्म की परंपराओं को याद करने का अवसर देता है।

यह पर्व ऋषियों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने का दिन है।

स्त्रियाँ इस दिन व्रत रखकर पापों का क्षालन और परिवार की मंगलकामना करती हैं।

ऋषि पंचमी हमें जीवन में पवित्रता, अनुशासन और संस्कारों को अपनाने की प्रेरणा देती है।

यह व्रत साधक को सात जन्मों के दोषों से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है।

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विरुड पंचमी (Virud Panchami) – उत्तराखंड का लोक पर्वउत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपराओं में विरुड पंचमी का विशेष महत्व है। ...
28/08/2025

विरुड पंचमी (Virud Panchami) – उत्तराखंड का लोक पर्व

उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपराओं में विरुड पंचमी का विशेष महत्व है। यह पर्व भाद्रपद (भादो) माह की शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। इसे स्थानीय बोली में “विरुड़ पंचमी” भी कहा जाता है।

महत्व :
1. धान की बुवाई और कृषि से जुड़ा पर्व –
यह पर्व मुख्यतः खेती-किसानी और विशेषकर धान की फसल से जुड़ा हुआ है। इस दिन धान के पौधों की पूजा की जाती है और अच्छी फसल व वर्षा की कामना की जाती है।
2. धरती माता और अन्न देवता की आराधना –
किसान इस अवसर पर धरती माता और अन्न देवता को प्रणाम करते हैं, ताकि भूमि उपजाऊ बनी रहे और अनाज की कमी न हो।
3. पशुधन कल्याण की प्रार्थना –
गांवों में यह परंपरा भी है कि पशुओं को अच्छा चारा और विशेष देखभाल दी जाती है, ताकि खेती और आजीविका सुचारु रूप से चलती रहे।
4. पारंपरिक आस्था –
इस दिन महिलाएं विशेष पूजा-अर्चना करती हैं और परिवार तथा समाज की समृद्धि की मंगलकामना करती हैं।
5. लोकगीत और रीति-रिवाज –
गांव-गांव में महिलाएं पारंपरिक गीत गाती हैं। लोग आपसी भाईचारे और मेल-जोल को बढ़ाते हैं।
संक्षेप में, विरुड पंचमी उत्तराखंड का एक कृषि एवं लोक आस्था से जुड़ा पर्व है, जो हमें प्रकृति, अन्न और परिश्रम के महत्व की याद दिलाता है। यह पर्व धरती, अन्न, वर्षा और पशुधन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का प्रतीक है।

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हमारे उत्तराखंड में तो पिछले कई महीनों से वेतन नही मिल पा रहा है, गेस्ट टीचरों को । आपका क्या कहना है?
28/08/2025

हमारे उत्तराखंड में तो पिछले कई महीनों से वेतन नही मिल पा रहा है, गेस्ट टीचरों को । आपका क्या कहना है?

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