07/12/2025
DBP न्यूज़: घनसाली विधायक शक्ति लाल पर विवादास्पद बयान, "पुतला जलाने से थायरॉइड ठीक" - जनता ने साधा निशाना, 2027 चुनाव पर सवाल
देहरादून, 7 दिसंबर 2025 (DBP न्यूज़ ब्यूरो): उत्तराखंड की घनसाली विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक शक्ति लाल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उनके एक विवादास्पद बयान ने राजनीतिक हलकों में हंगामा मचा दिया है। विधायक ने दावा किया है कि किसी ने उनका पुतला जलाने के बाद उनकी थायरॉइड की समस्या ठीक हो गई। इस बयान पर विपक्ष ने तीखा प्रहार किया है, जिसमें विधायक से सवाल उठाया गया है कि क्या वोट उन्हें मोदी जी के नाम से मिले या खुद के काम से? साथ ही, 2027 के विधानसभा चुनाव में जनता का फैसला क्या होगा?
विवाद का केंद्र: पुतला जलाने का 'चमत्कारिक' दावा
घनसाली के विधायक शक्ति लाल ने हाल ही में एक सार्वजनिक सभा में कहा, "इनका पुतला जला के इनका थायराइड सही हो गया।" यह बयान स्थानीय स्तर पर वायरल हो गया और सोशल मीडिया पर मीम्स व बहस का विषय बन गया। विधायक का यह दावा तब आया जब कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर विरोध प्रदर्शन के रूप में उनका पुतला दहन किया था। शक्ति लाल ने इसे 'चमत्कार' बताते हुए कहा कि इससे उनकी पुरानी थायरॉइड समस्या का इलाज हो गया। हालांकि, मेडिकल विशेषज्ञों ने इस दावे को अवैज्ञानिक करार दिया है, और कहा है कि थायरॉइड जैसी बीमारी का इलाज चिकित्सकीय होता है, न कि किसी रस्म से।
DBP न्यूज़ को मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना नवंबर 2025 में घनसाली के एक गांव में हुई, जहां कुछ ग्रामीणों ने विकास कार्यों में देरी के आरोप में पुतला दहन किया। विधायक ने बाद में इसे हल्के-फुल्के अंदाज में लिया, लेकिन विपक्ष ने इसे राजनीतिक हथियार बना लिया।
विपक्ष का तीखा हमला: "मोदी जी के नाम पर वोट, काम पर हिसाब!"
विपक्षी दलों ने विधायक के बयान को "गैर-जिम्मेदाराना" बताते हुए निशाना साधा। एक स्थानीय कांग्रेस नेता ने DBP न्यूज़ से बातचीत में कहा, "शक्ति लाल जी से यही पूछना था कि 2022 के चुनाव में वोट मोदी जी के नाम से मिले थे या खुद के काम से? और आने वाले 2027 में काम से वोट मिलेंगे या फिर मोदी जी के नाम पर ही भरोसा है? कहीं घनसाली की जनता आपका राजनीतिक रास्ता समाप्त तो नहीं कर रही?" उन्होंने आगे जोड़ा, "ये जनता है, हिसाब-किताब साथ ही रखती है। मोदी जी से बैर नहीं, लेकिन उत्तराखंड के लिए सोचना जरूरी है। विकास के नाम पर बहाने बंद हों।"
कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि शक्ति लाल जैसे विधायक सत्ता के नशे में जिम्मेदारी भूल जाते हैं। एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा गया, "पुतला जलाने से थायरॉइड ठीक? तो विकास कार्य क्यों नहीं हो जाते जलाने से? जनता जाग चुकी है!" इस बयान के बाद घनसाली में छोटे-मोटे विरोध प्रदर्शन भी हुए, जहां ग्रामीणों ने सड़कों पर नारे लगाए।
बीजेपी का बचाव: "व्यंग्य था, गंभीरता न लें"
बीजेपी ने विधायक के बयान को व्यंग्यात्मक बताया है। पार्टी के एक प्रवक्ता ने DBP न्यूज़ को बताया, "शक्ति लाल जी का बयान हल्का-फुल्का था, विरोधियों को राजनीति चमकाने का बहाना मिल गया। हमारा फोकस उत्तराखंड के विकास पर है, न कि ऐसी छोटी बातों पर। 2027 में जनता फिर बीजेपी को आशीर्वाद देगी।" हालांकि, स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता भी इस बयान से असहज नजर आ रहे हैं, क्योंकि यह पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।
स्थानीय प्रभाव: विकास के सवाल बने बड़े मुद्दा
घनसाली क्षेत्र में सड़क, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी लंबे समय से समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि विधायक का यह बयान उनकी नाकामी को छिपाने की कोशिश है। एक स्थानीय किसान ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "पुतला जलाने से बीमारी ठीक हो जाए तो हम रोज़ जला देंगे, लेकिन सड़क कब बनेगी?" DBP न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 चुनाव में शक्ति लाल ने 45% वोटों से जीत हासिल की थी, लेकिन 2027 में मुकाबला कड़ा होने की संभावना है।
आगे क्या? चुनावी घमासान की शुरुआत?
यह विवाद 2027 उत्तराखंड विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण हो सकता है। विपक्ष ने इसे "मोदी वेव vs काम की हकीकत" का मुद्दा बनाने का ऐलान किया है। DBP न्यूज़ ने विधायक शक्ति लाल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे बयान बीजेपी के लिए उल्टे पड़ सकते हैं, खासकर जब जनता विकास के ठोस परिणाम मांग रही हो।
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(रिपोर्ट: DBP स्पेशल कॉरेस्पॉन्डेंट)