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03/04/2024

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लोकसभा चुनाव में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी अपनी पूरी ताकत लग...

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29/03/2024

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Loksabha Elections 2024 | प्रचार से क्यों दूर हैं Rajendra Bhandari and Harak Singh Rawat | Chunavwhere is Con...

Ankita Bhandari Murder Case.आखिर VIP का नाम आया सामने.राज्य के प्रमुख समाचार पत्र अमर उजाला की खबर में नाम का जिक्र किया...
08/01/2024

Ankita Bhandari Murder Case.आखिर VIP का नाम आया सामने.राज्य के प्रमुख समाचार पत्र अमर उजाला की खबर में नाम का जिक्र किया गया है. इसी से संबंधित हमारी विशेष रिपोर्ट भी आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं.

https://youtu.be/hPQs2GfC48A

"तथ्य" और "प्रमाण" नकारे नहीं जा सकते ... पहले आदिगुरु शंकराचार्य और उनके बाद महारानी अहिल्याबाई होलकर। इन दो महान विभूत...
12/10/2023

"तथ्य" और "प्रमाण" नकारे नहीं जा सकते ...

पहले आदिगुरु शंकराचार्य और उनके बाद महारानी अहिल्याबाई होलकर। इन दो महान विभूतियों को कौन नहीं जानता। देश की चारों दिशाओं में मठ-मंदिरों का निर्माण कर भारत को एकसूत्र में बांधने का श्रेय इन्हें ही जाता है। दोनों ने ही सनातन धर्म के संरक्षण और संवर्धन के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। अब मंदिरों का पुनरोद्धार कर इस परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।
सनातन धर्म के पुनरोद्धारक आदिगुरु शंकराचार्य का जन्म (केरल के कालड़ी ग्राम में 788 ई॰ में) ऐसे समय में हुआ था, जब धार्मिक दुराचरण का बोलबाला था। नैतिकता तथा सदाचार धार्मिक केन्द्रों से दूर होने लगा था। सामाजिक अन्धविश्वास और कुरीतियां धर्म को छिन्न-भिन्न रही थीं। ऐसे समय में आदिगुरु शंकराचार्य ने भारत की चार दिशाओं में मैसूर में श्रुंगेरी पीठ, जगन्नाथपुरी में गोवर्धन पीठ, द्वारिका में द्वारका पीठ, बद्रीनाथ में ज्योति पीठ की स्थापना कर लोगों को धर्म का सही रूप बताया और उन्हें एकसूत्र में बांधा। मान्यता है कि आठवीं शदाब्दी में आदिगुरु शंकराचार्य ने उत्तराखण्ड में ही केदारनाथ समेत तमाम मंदिरों की स्थापना की थी। उनके बाद मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध महारानी अहिल्याबाई होलकर (31 मई 1725-13 अगस्त 1795) ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में मन्दिर, घाट, कुओं और बावड़ियों का निर्माण करवाया था।
भारत की विरासत, संस्कृति और शक्ति को समृद्ध करने में महारानी अहिल्याबाई होल्कर का महत्वपूर्ण योगदान है। अपने लोक कल्याणकारी कदमों की वजह से वह 18वीं सदी की महान विभूति के रूप में जानी जाती हैं। महारानी ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुननिर्माण कराया। ध्वस्त हो चुके सोमनाथ मंदिर के समीप दो मंजिला मंदिर बनवाया। उत्तराखण्ड में केदारनाथ समेत तमाम तीर्थ स्थानों पर महारानी ने निर्माण कार्य करवाए ताकि यहां आने वाले यात्रियों को सुविधाएं मिल सकें। मंदिरों के पुनरोद्धार को लेकर ठीक वैसी ही समानताएं मौजूदा समय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों में देखी जा सकती हैं। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन ऐतिहासिक सफलता है, मोदी काशी ‘विश्वनाथ कॉरिडोर’ का निर्माण करवा रहे हैं। चारधाम परियोजना के साथ-साथ केदारनाथ और बदरीनाथ मंदिर परिसरों का कायाकल्प भी हो रहा है। गंगोत्री और यमुनोत्री के सौन्दर्यीकरण की योजना को भी वह स्वीकृति दे चुके हैं। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने कई देशों में फैली सांस्कृतिक विरासत को फिर हासिल कर संरक्षित करने के सफल प्रयास किए हैं। उन्होंने बहरीन की राजधानी में 200 साल पुराने नाथजी मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य का उद्घाटन किया। उनके प्रयासों से ही यूएई ने अबूधाबी में स्वामीनारायण मंदिर के तौर पर पहले परंपरागत हिंदू मंदिर निर्माण की अनुमति दी। मोदी सरकार का भारत से चोरी करके ले जायी गयी भारतीय स्वाभिमान की प्रतीक धरोहरों को वापस लाने का प्रयास भी उल्लेखनीय है। 1976 से 2013 तक कुल 13 वस्तुएं वापिस आयी थीं जबकि 2014 के उपरांत अब तक भारतीय धरोहर की प्रतीक 235 वस्तुओं की वापसी हुई है। यह विश्व भर में बढ़ते भारत के प्रभाव का लक्षण है। हाल ही में सेंगोल की संसद में प्रतिष्ठा ने प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित किया है।
वर्तमान समय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का फोकस अयोध्या में राममंदिर के निर्माण और उत्तराखण्ड के चारों धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के पुनरोद्धार पर है। लगभग 250 करोड़ की लगात से केदारनाथ का पुनर्निर्माण हो चुका है। इसके दूसरे चरण में लगभग 150 करोड़ के निर्माण कार्य चल रहे हैं। भू-बैकुण्ठधाम के कायाकल्प के लिए 424 करोड़ की 'बदरीनाथ महानिर्माण योजना' स्वीकृत है, जिसके प्रथम चरण का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ में आदिगुरु शंकराचार्य की मूर्ति उनके समाधिस्थल में स्थापित कर दी है। अब मोदी उत्तराखण्ड में ‘केदारखण्ड कॉरीडोर’ की तर्ज पर ‘मानसखण्ड कॉरीडोर’ के विकास को रफ्तार देने पिथौरागढ़ आ रहे हैं। आध्यात्मिक नगरी जागेश्वर और आदि कैलाश की उनकी इस यात्रा को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसमें कोई दोराय नहीं कि प्रधानमंत्री मोदी यह भगीरथ प्रयास भारत के ‘सांस्कृतिक गौरव’ को फिर से पुनर्स्थापित कर रहा है।
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जस्टिस एबी श्रीवास्तव ने लिखा कि ‘महिलाओं का शीलभंग करना, बलात्कार करना, महिलाओं के गहने और अन्य सामान लूटना,वहशीपन की न...
02/10/2023

जस्टिस एबी श्रीवास्तव ने लिखा कि ‘महिलाओं का शीलभंग करना, बलात्कार करना, महिलाओं के गहने और अन्य सामान लूटना,वहशीपन की निशानी है जो कि आदिम पुरुषों में भी नहीं पायी जाती थी और यह देश के चेहरे पर एक स्थायी धब्बे की तरह रहेगा.’

यह धब्बा आज भी धुला नहीं और पीड़ितों को न्याय की दरकार है, न्याय का इंतजार है पर न्याय की उम्मीद नजर नहीं आती है.

‘जो घाव लगे और जाने गयीं वे प्रतिरोध की राजनीति की कीमत थी.’ सन 1996 में में इलाहबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रवि .....

धन्यवाद मुख्यमंत्री जी  औली : _ जो एक विश्व प्रसिद्ध हिमक्रीड़ा स्थल है।_ जहां विश्व का सबसे अवव्वल प्राकृतिक स्कीं स्लो...
12/09/2023

धन्यवाद मुख्यमंत्री जी

औली :

_ जो एक विश्व प्रसिद्ध हिमक्रीड़ा स्थल है।
_ जहां विश्व का सबसे अवव्वल प्राकृतिक स्कीं स्लोप है।
_ जहां एशिया का सबसे लम्बा रोपवे है।
_ जहां से विराट पर्वत ऋंखलाओं का 360 डिग्री दृश्य दिखता है।

ऐसे अद्भुत स्थान में ‘पर्यटन’ और ‘खेल’ विकास के लिए ‘औली विकास प्राधिकरण’ के गठन फैसला बेहद शानदार है।

Pushkar Singh Dhami

भारत में G–20 सम्मेलन के सफल आयोजन की दुनियाभर में धमक के बाद अब उत्तराखण्ड में एक इंटरनेशनल इवेंट की तैयारी शुरू हो गई ...
12/09/2023

भारत में G–20 सम्मेलन के सफल आयोजन की दुनियाभर में धमक के बाद अब उत्तराखण्ड में एक इंटरनेशनल इवेंट की तैयारी शुरू हो गई है। इस साल के अंत में देहरादून में आयोजित होने "ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट" में बड़े–बड़े देशों के निवेशक जुटेंगे। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की यह "मीट" फलीभूत हो इसके लिए फुलप्रूफ होमवर्क किया जा चुका है। समिट के नाम पर सिर्फ पैसे की बर्बादी न हो, निवेश धरातल पर दिखे और मैदान से विस्तार लेते हुए पहाड़ों तक पहुंचे, इस मकसद का साथ आयोजन का खाका तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami के दिशा–निर्देशन में काबिल अफसरों की टीम अब सिलसिलेवार प्लान के एग्जिक्यूशन के लिए उत्सुक और मुस्तैद है।

बागेश्वर विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा ने महत्वपूर्ण जीत हासिल की है। इस सीट पर बीते 2022 में हुए आम चुनाव की अपेक्ष...
08/09/2023

बागेश्वर विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा ने महत्वपूर्ण जीत हासिल की है। इस सीट पर बीते 2022 में हुए आम चुनाव की अपेक्षा उपचुनाव में जीत का अंतर घटा है फिर भी भाजपा के लिए यह जीत कई मायनों में अहम है। हरिद्वार पंचायत चुनाव के बाद अब बागेश्वर उपचुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन से मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami ने खुद की काबीलियत साबित की है। चूंकि भाजपा शासित राज्यों की सरकार के हर फैसले और परफार्मेंस की तुलना उत्तर प्रदेश से होती है। अबकी बार यूपी में हुए एकमात्र विधानसभा सीट घोसी के उपचुनाव में भाजपा को सपा से शिकस्त मिलती नजर आ रही है इस लिहाज से भी धामी के लिए बागेश्वर में मिली जीत एक बड़ी उपलब्धि है। कहा जा रहा था कि विपक्ष (I.N.D.I.A.) खासतौर पर कांग्रेस की जीत से बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर हराने का दरवाजा खुलेगा और केन्द्र तक पहुंचने की राह निकलेगी। यही वजह है कि पूरे देश की नजर इन उपचुनावों के परिणाम पर रही। हालांकि, अब इन सातों सीटों के परिणाम लगभग आ चुके हैं। 7 सीटों में से 3 सीटों बोक्सानगर, धनपुर और बागेश्वर में भाजपा को जीत मिली है जबकि अन्य सीटों में कांग्रेस, सपा, टीएमसी और जेएमएम की झोली में एक-एक सीटें गई हैं।

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