Bharati News

Bharati News Contact information, map and directions, contact form, opening hours, services, ratings, photos, videos and announcements from Bharati News, News & Media Website, A-4, Paschim Vihar, Rohtak Road, Delhi.

An initiative by the students of Journalism and Mass Communication Department, Bharti Vidyapeeth's Institute of Computer Applications and Management (BVICAM), Paschim Vihar, New Delhi in association with Institute of Media Professionals (IMP), Delhi.

13/12/2025

रामराज्य या रावणराज्य? यूपी के दो मानक | जब अपराध नहीं, धर्म देखा जाता है.

उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत अब सिर्फ़ सड़कों तक सीमित नहीं रही, बल्कि न्याय व्यवस्था तक में साफ़ दिखाई देने लगी है। आज यूपी में न्याय के दो मानक हैं—और दोनों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहर है। बहराइच में जब एक हिंदू व्यक्ति की हत्या का आरोपी मुस्लिम होता है, तो राजधर्म, मनुस्मृति और कड़ी सज़ा याद आ जाती है—फाँसी और उम्रकैद सुना दी जाती है। लेकिन दादरी में मोहम्मद अख़लाक को तथाकथित गौरक्षक भीड़ पीट-पीटकर मार देती है, उसका बेटा मौत से लड़ता है, और दस साल बाद सरकार कहती है कि “सामाजिक सौहार्द” के लिए केस ही वापस ले लो। वाह योगी जी वाह! रामराज्य के नाम पर रावणराज्य चल रहा है—एक तरफ़ त्वरित न्याय के पोस्टर, दूसरी तरफ़ इंसाफ़ का रिवाइंड बटन। एक मामले में बुलडोज़र की रफ्तार, दूसरे में फाइलों की नींद। सवाल यही है—क्या यूपी में क़ानून सबके लिए बराबर है, या धर्म देखकर लागू होता है? जब सरकार खुद तय करे कि किसकी हत्या अपराध है और किसकी असुविधा, तो इसे सुशासन नहीं बल्कि राजनीतिक पाखंड ही कहा जाएगा। इस मुद्दे पर आपकी राय क्या है? कमेंट बॉक्स में ज़रूर लिखें और चैनल को फॉलो करें।

12/12/2025

भारत की आय असमानता का असली चेहरा। अमीरी बढ़ी, देश गरीब हुआ।

आज का वीडियो उस सच्चाई को खोलता है जिसे कॉर्पोरेट मीडिया कभी नहीं दिखाएगी—भारत में बढ़ती अमीरी-गरीबी की खाई।
टॉप 1% लोग देश की 40% संपत्ति पर कब्ज़ा जमाए बैठे हैं और 99% लोग “अच्छे दिनों” की वेटिंग लिस्ट में खड़े हैं।

जब देश की जमीन, खनिज, संसाधन और सार्वजनिक संपत्ति लगातार कुछ चुनिंदा नामों—अडानी-अंबानी—के हाथों सौंपी जाएगी, तो असमानता स्वाभाविक नहीं, बल्कि राजनीतिक निर्णय बन जाती है।

वैश्विक असमानता रिपोर्ट बताती है कि भारत में टॉप 10% के पास 58% आय, और नीचे के 50% के पास सिर्फ 15%।
महिलाओं की पेड वर्क कमाई पुरुषों की तुलना में सिर्फ 61%, और unpaid काम जोड़ें तो मात्र 32%।

दुनिया की आबादी 8.2 अरब… और खेल चला रहे हैं सिर्फ 60,000 सुपर-रिच लोग।
तो सवाल यह है—
विकास किसका हो रहा है? 1% का या 99% का?

पूरा वीडियो देखें… क्योंकि सच्चाई किसी भी टीवी डिबेट से कहीं ज्यादा ताक़तवर होती है।

12/12/2025

चीन पर खुलकर क्यों नहीं बोलते हैं मोदी ?

12/12/2025

120 बहादुरों की कहानी ....... अहीर रेजिमेंट का इतिहास

11/12/2025

मोदी सरकार का नया “रिकॉर्ड” — 14 PM मिलकर भी नहीं ले पाए जितना कर्ज़, अकेले मोदी ने ले लिया! 35 लाख करोड़ से 172 लाख करोड़ तक!

मोदी सरकार ने एक ऐसा “इतिहास” रचा है, जो 67 साल में 14 प्रधानमंत्रियों ने मिलकर भी नहीं किया। 2010 में भारत का कर्ज़ था करीब 35 लाख करोड़, जो 2024 तक बढ़कर 172 लाख करोड़ पहुंच गया है। अगर कर्ज़ लेना ओलंपिक स्पोर्ट होता, तो भारत शायद गोल्ड मेडल लेकर लौटता!

कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने सिर्फ नौ साल में देश का कर्ज़ तीन गुना कर दिया, वहीं बीजेपी कहती है—कर्ज़ को GDP से जोड़कर देखिए। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि GDP बढ़ना और आम लोगों की ज़िंदगी सुधरना दो अलग बातें हैं—यहां GDP बढ़ रही है, पर अच्छे दिन शायद रास्ता पूछते हुए कहीं खो गए हैं।

सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक 2023 तक देश का कुल कर्ज़ 155–156 लाख करोड़ के आसपास है और राजकोषीय घाटा 6% से ऊपर बना हुआ है। अर्थशास्त्री चेताते हैं कि राजस्व घाटा लगातार बढ़ रहा है—यानी खर्चे तेज, आमदनी कमजोर।

👉 आप इस पूरे मुद्दे को कैसे देखते हैं?
अपनी राय कमेंट में ज़रूर बताएं।
और हां—वीडियो को LIKE, SHARE और चैनल को SUBSCRIBE करना न भूलें!

07/12/2025

आज़ादी की पहली लौ, जो इतिहास कम लोगों को मालूम है! ब्रिटिश हुकूमत बनाम बस्तर के आदिवासी योद्धा.

यह कहानी उस सच की है जिसे इतिहास ने जानबूझकर दबा दिया—1856 में बस्तर के आदिवासी वीरों और अंग्रेज़ी हुकूमत के बीच शुरू हुई आज़ादी की पहली चिंगारी। धनुष-बाण बनाम बंदूकें, जंगलों का गर्व बनाम साम्राज्य की ताक़त—यह युद्ध सिर्फ लड़ाई नहीं था, बल्कि अस्तित्व की रक्षा का सबसे पुराना और सबसे साहसी संघर्ष था। इस वीडियो में जानिए कैसे बस्तर के मूलवासी योद्धाओं ने अंग्रेज़ों को खुली चुनौती दी, और क्यों उनकी गाथा अब तक दुनिया से छुपाई जाती रही है।

Watch the full video on Bharti News' YouTube channel
Link: https://youtu.be/gxgs17HG6M0?si=bW_g_Yj2FCUJBOqW

06/12/2025

1000 फ्लाइट कैंसिल, सरकार फेल IndiGo संकट की पूरी कहानी, महंगी उड़ानों ने फिर ज़मीन पर उतरा आम आदमी.
आज आसमान नहीं, पूरा सिस्टम गिरा है—और उसका नाम सिर्फ IndiGo नहीं, उस सिस्टम की निगरानी करने वाली सरकार भी है! जो एयरलाइन रोज़ 2,200 से ज़्यादा उड़ानें चलाकर खुद को “देश की रीढ़” बताती थी, वही एक झटके में 1,000 से ज़्यादा फ्लाइट्स कैंसिल कर यात्रियों को रेलवे प्लेटफॉर्म पर ला खड़ा करती है। वजह बताई गई नए पायलट रेस्ट नियम, लेकिन सवाल ये है कि दो साल की तैयारी के बावजूद ऐसी बदहाली क्यों? न पायलट पूरे, न प्लानिंग, न बैकअप—बस 63% मार्केट शेयर और 100% लापरवाही! कभी कहा गया था—“हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में उड़ेगा”, लेकिन आज वही आम आदमी टिकट के दाम देखकर प्लेटफॉर्म की बेंच पर बैठा है। दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में उड़ानें रद्द, लोग रोते दिखे और सरकार को आखिरकार नियमों में ढील देनी पड़ी। सवाल सिर्फ IndiGo से नहीं, सरकार से भी है—क्या नियम बनाने से पहले ज़मीनी हकीकत देखी गई थी? सोशल मीडिया पर मीम्स उड़ रहे हैं—“IndiGo didn’t take off, but my BP did”—लेकिन असलियत ये है कि ये मामला सिर्फ टेक्निकल फेलियर नहीं, बल्कि कॉरपोरेट लापरवाही और सरकारी नाकामी का संयुक्त टर्बुलेंस है, जहां मुनाफ़ा तो उड़ गया, लेकिन आम आदमी और ज़िम्मेदारी रनवे पर ही छूट गए। इस खबर पर आपकी क्या राय है? कमेंट बॉक्स में ज़रूर लिखें और चैनल को फॉलो व सब्सक्राइब करना न भूलें।

05/12/2025

क्या अब लोकतंत्र भी ‘स्पॉन्सर्ड कंटेंट’ बन चुका है? मीडिया पर अरबों का सरकारी खर्च और लोकतंत्र पर सवाल.
वीडियो अंत तक ज़रूर देखिए, क्योंकि आज भारत का हाल कुछ वैसा ही हो गया है — “अंधेर नगरी, चौपट राजा।” केंद्र सरकार ने देशभर में केवल प्रिंट मीडिया पर 2.59 अरब रुपये से ज्यादा खर्च कर दिए, जबकि दिल्ली में साल 2023-24 में 118 अखबारों को 40.65 करोड़ के विज्ञापन बांटे गए। हैरानी की बात यह है कि इसमें से 18.75 करोड़ रुपये सिर्फ दो अंग्रेज़ी अखबार — हिंदुस्तान टाइम्स और टाइम्स ऑफ इंडिया — ले उड़े। हर दिन औसतन 25 सरकारी विज्ञापन, हर एक पर करीब 44 हज़ार रुपये का खर्च, और ऊपर से विज्ञापन दरों में 26% की बढ़ोतरी। न्यूज़लॉन्ड्री की रिपोर्ट बताती है कि चुनाव जैसे-जैसे करीब आए, खर्च बढ़ता गया और अखबारों की संख्या घटती चली गई। 2024 के बाद का हिसाब अभी भी सार्वजनिक नहीं है। सवाल सिर्फ इतना है — जो मीडिया सरकार के पैसों से चलता है, क्या वह सरकार से सवाल पूछ पाएगा? या फिर अब लोकतंत्र सिर्फ “स्पॉन्सर्ड कंटेंट” बनकर रह गया है?

29/11/2025

नक्सली माड़वी हिड़मा को सच में पुलिस ने मारा…
या उसके अपने ही साथी ने उसे धोखा देकर मौत के मुंह में धकेल दिया?

बस्तर के घने जंगलों में ये सवाल आग की तरह फैल चुका है।
पूर्व विधायक और आदिवासी नेता मनीष कुंजाम के दावे ने पूरे मामले को और रहस्यमयी बना दिया है।

24/11/2025

“नक्सलवाद की आग में जन्मी मोहब्बत” — हिड़मा–राजे: Love Story from the Red Zone

22/11/2025

जल–जंगल–ज़मीन का पहरेदार, पर कई ज़िंदगियों का अंत भी।

06/11/2025

बेगूसराय में एक युवा अपनी समस्या लेकर विधायक के पास गया,
पर सुनने की बजाय उसे भगा दिया गया।
क्या यही है जनता की आवाज़ का सम्मान?
बिहार के युवाओं के साथ ऐसा व्यवहार आखिर कब तक?
इस बार जनता जवाब देगी — वोट से, सच्चाई से।

Address

A-4, Paschim Vihar, Rohtak Road
Delhi
110063

Opening Hours

Monday 9am - 5pm
Tuesday 9am - 5pm
Wednesday 9am - 5pm
Thursday 9am - 5pm
Friday 9am - 5pm
Saturday 9am - 5pm

Telephone

+917042705066

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Bharati News posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Bharati News:

Share