13/12/2025
रामराज्य या रावणराज्य? यूपी के दो मानक | जब अपराध नहीं, धर्म देखा जाता है.
उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत अब सिर्फ़ सड़कों तक सीमित नहीं रही, बल्कि न्याय व्यवस्था तक में साफ़ दिखाई देने लगी है। आज यूपी में न्याय के दो मानक हैं—और दोनों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहर है। बहराइच में जब एक हिंदू व्यक्ति की हत्या का आरोपी मुस्लिम होता है, तो राजधर्म, मनुस्मृति और कड़ी सज़ा याद आ जाती है—फाँसी और उम्रकैद सुना दी जाती है। लेकिन दादरी में मोहम्मद अख़लाक को तथाकथित गौरक्षक भीड़ पीट-पीटकर मार देती है, उसका बेटा मौत से लड़ता है, और दस साल बाद सरकार कहती है कि “सामाजिक सौहार्द” के लिए केस ही वापस ले लो। वाह योगी जी वाह! रामराज्य के नाम पर रावणराज्य चल रहा है—एक तरफ़ त्वरित न्याय के पोस्टर, दूसरी तरफ़ इंसाफ़ का रिवाइंड बटन। एक मामले में बुलडोज़र की रफ्तार, दूसरे में फाइलों की नींद। सवाल यही है—क्या यूपी में क़ानून सबके लिए बराबर है, या धर्म देखकर लागू होता है? जब सरकार खुद तय करे कि किसकी हत्या अपराध है और किसकी असुविधा, तो इसे सुशासन नहीं बल्कि राजनीतिक पाखंड ही कहा जाएगा। इस मुद्दे पर आपकी राय क्या है? कमेंट बॉक्स में ज़रूर लिखें और चैनल को फॉलो करें।