03/07/2025
❗ क्या पुश्तैनी हक़ खत्म हो चुके हैं ?
अनंगपुर और सूरजकुंड जैसे ऐतिहासिक गांवों में सदियों से बसे परिवारों के घर तोड़े जा रहे हैं, वो भी वन अधिनियम के नाम पर —
बिना चेतावनी, बिना मुआवजा, बिना पुनर्वास |
क्या क़ानून का मतलब सिर्फ़ बुलडोज़र है ?
जिन हाथों ने इस धरती को सींचा, इस अरावली संपदा देख रेख करी | उन्हें ही अब बेदखल किया जा रहा है |
📢 अतर सिंह नेताजी, अनंगपुर गाँव के मौजूज आदमी, जो तोड़फोड़ और गांव के विषय में विस्तृत जानकारी दे रहें हैं,,,,,, और,,,,,,बिंदु रोमी भडाना को विस्तृत रूप से गाव का इतिहास बता रहे हैं |
✊🏼 साथ आइए — न सिर्फ़ इन परिवारों के लिए, बल्कि हर उस नागरिक के लिए जिसे कल यही अन्याय झेलना पड़ सकता है !
- बिन्दू रोमी भडाना