15/11/2025
जय माँ काली
जय माँ कामाख्या
भूतानि दुर्गा भुवनानि दुर्गा, स्त्रियो नरश्चापि पशुश्च दुर्गा।
यद्यद्धि दृश्यं खलु सैव दुर्गा, दुर्गास्वरूपादपरं न किंचित्॥
इस सृष्टि में समस्त तत्त्वों में, समस्त भुवनों (स्थानों) में,
सभी स्त्रियों में, सभी पुरुषों में,
सभी प्रकार के प्राणियों (जीवों) में,
और संपूर्ण संसार में जो कुछ भी दृष्टिगोचर होता है,
वह केवल देवी दुर्गा ही है;
और दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों के सिवा कुछ भी नहीं है।