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08/06/2025

23/10/2024

चक्रवाती तूफान (साइक्लोन) “दाना” के कारण निम्न ट्रेनें रद्द रहेंगी ।

संभावित चक्रवाती तूफान (साइक्लोन) “दाना” की आशंका के कारण निम्नांकित ट्रेने रद्द रहेंगी |
1. ट्रेन संख्या 22824 नई दिल्ली – भुवनेश्वर राजधानी (वाया – मूरी) यात्रा प्रारंभ दिनांक 23/10/2024 को रद्द रहेगी |

2. ट्रेन संख्या 22823 भुवनेश्वर – नई दिल्ली राजधानी (वाया – मूरी) यात्रा प्रारंभ दिनांक 25 /10/2024 को रद्द रहेगी |

3. ट्रेन संख्या 18451 हटिया – पूरी तपस्विनी एक्सप्रेस यात्रा प्रारंभ दिनांक 24/10/2024 को रद्द रहेगी |

4. ट्रेन संख्या 18452 पूरी – हटिया तपस्विनी एक्सप्रेस यात्रा प्रारंभ दिनांक 24/10/2024 को रद्द रहेगी |

5. ट्रेन संख्या 02832 भुवनेश्वर – धनबाद गरीबरथ एक्सप्रेस यात्रा प्रारंभ दिनांक 24/10/2024 को रद्द रहेगी |

6. ट्रेन संख्या 02831 धनबाद – भुवनेश्वर गरीबरथ एक्सप्रेस यात्रा प्रारंभ दिनांक 24/10/2024 को रद्द रहेगी |

7. ट्रेन संख्या 12875 पूरी – आनंदविहार टर्मिनल एक्सप्रेस (वाया – मूरी) यात्रा प्रारंभ दिनांक 25/10/2024 को रद्द रहेगी |
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Ranchi: दाना तूफान को लेकर बेगाल और झारखंड में अलर्ट जारी किया गया है. दरअसल  बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात का असर झ...
23/10/2024

Ranchi: दाना तूफान को लेकर बेगाल और झारखंड में अलर्ट जारी किया गया है. दरअसल बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात का असर झारखंड में भी दिखेगा. 23 से 25 अक्टूबर तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश होगी. हवा की रफ्तार 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है.

हाईकोर्ट में हाजिर हुए राज्य के सभी विवि के VC और रजिस्ट्रार, कोर्ट ने रिक्तियों के बारे में पूछा
22/10/2024

हाईकोर्ट में हाजिर हुए राज्य के सभी विवि के VC और रजिस्ट्रार, कोर्ट ने रिक्तियों के बारे में पूछा

झारखण्ड सशस्त्र पुलिस-1, राँची परिसर स्थित परेड मैदान में "पुलिस संस्मरण दिवस परेड" का आयोजन दिनांक 21.10.2024 को सम्पन्...
22/10/2024

झारखण्ड सशस्त्र पुलिस-1, राँची परिसर स्थित परेड मैदान में "पुलिस संस्मरण दिवस परेड" का आयोजन दिनांक 21.10.2024 को सम्पन्न किया गया। उक्त समारोह में महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड से लेकर पुलिस मुख्यालय के वरीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे। पुलिस संस्मरण दिवस के अवसर पर शहीदों की याद में सम्मान स्वरूप वाहिनी परिसर स्थित शहीद स्मारक में श्रद्धांजली अर्पित किया गया। इस वर्ष देश के पारा मिलिट्री फोर्स तथा विभिन्न राज्यों की पुलिस बल के कुल 216 (दो सौ सोलह) पदाधिकारी एवं जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए वीरगति को प्राप्त हुए हैं, जिसमें झारखण्ड राज्य के हवलदार चौहान हेम्ब्रम, ने दिनांक 12.08.2024 को सजायाफता कैदी की सुरक्षा में प्रतिनियुक्ति के दौरान कैदी द्वारा किये गये हमले में शहीद हुए थे। आरक्षी 285 सिकन्दर सिंह एवं आरक्षी 1053 सुकन राम, चतरा जिले में दिनांक 07.02.2024 को नक्सली हमले में शहीद हुए थे तथा आरक्षी 1305 रामदेव महतो दिनांक 14.08.2023 को अपराधियों के साथ हुए मुठभेड़ में अपने प्राणों की आहुति दी है। शहीदों के परिवारों के साथ झारखण्ड पुलिस के सभी पदाधिकारी / कर्मी हमेशा साथ खड़ा रहेगा।

22/10/2024

रांची अपर बाजार के भुइँया टोली से एक युवती का मोबाइल छीनकर बाइक सवार भागा । मोबाइल छिनने के दौरान लड़की को घायल भी किया। आरोपी की तस्वीर सीसीटीवी में कैद। कोतवाली थाना क्षेत्र का मामला।

कांग्रेस ने हटिया से अजय नाथ शहदेव को दिया टिकट।
22/10/2024

कांग्रेस ने हटिया से अजय नाथ शहदेव को दिया टिकट।

कांग्रेस ने भी कल देर रात अपनी लिस्ट जारी कर दी
22/10/2024

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कांग्रेस ने 21 सीटों पर प्रत्याशीयो की सूची जारी की
22/10/2024

कांग्रेस ने 21 सीटों पर प्रत्याशीयो की सूची जारी की

22/10/2024

"आचार संहिता के बहाने जनता के अधिकारों का दमन: कब रुकेगा प्रशासनिक अन्याय?"

जनता द्वारा प्रस्तुत की गई समस्या बहुत गंभीर है और भुक्तभोगियों के अधिकारों से जुड़ी है। आचार संहिता के लागू होने से कई प्रशासनिक गतिविधियों में रुकावट आती है, लेकिन जन्म प्रमाण पत्र जैसे अनिवार्य सेवाओं को रोका जाना अनुचित और अवैध है। इस पर एक आर्टिकल लिखा जा सकता है जिसमें निम्नलिखित बिंदुओं को प्रमुखता से शामिल किया जा सकता है:

आचार संहिता और जनता की समस्याएं: प्रशासनिक कार्यों में बाधा

1. आचार संहिता क्या है?

आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा चुनावों के समय लागू की जाने वाली दिशा-निर्देशों की एक श्रृंखला है, जिसका उद्देश्य सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग और चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखना होता है। लेकिन यह प्रशासनिक सेवाओं में बाधा नहीं बननी चाहिए। यह जनता के बुनियादी अधिकारों को प्रभावित नहीं कर सकती।

2. जनता के आवश्यक कार्यों में रुकावटें

जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, पेंशन, राशन कार्ड, आधार आदि अनिवार्य दस्तावेज़ होते हैं जो नागरिकों के जीवन को सीधे प्रभावित करते हैं। ऐसे कार्यों में देरी या रुकावट आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो सकता। अगर किसी कार्यालय में इसके कारण रुकावट आई है, तो यह प्रशासनिक कुप्रबंधन का संकेत है।

3. दूर-दराज़ से आए लोगों की निराशा

जब लोग लंबी दूरी तय कर प्रशासनिक कार्यालयों में अपने कार्य करवाने आते हैं और उन्हें बिना किसी सूचना या कारण के लौटा दिया जाता है, तो यह उनके समय, धन और ऊर्जा की बर्बादी है। खासकर महिलाएं, गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इस प्रकार के शोषण के शिकार होते हैं, जिनके पास सीमित संसाधन होते हैं।

4. सूचना के अभाव में जनता के साथ अन्याय

सरकारी कार्यालयों में सूचना पट्ट का न होना या किसी कार्य स्थगन का सार्वजनिक रूप से आदेश न देना सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। इससे जनता को अनावश्यक परेशानी झेलनी पड़ती है। यह राज्य और केंद्र सूचना आयोग का भी उल्लंघन है, जिनके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को सही और समय पर जानकारी प्राप्त हो।

5. प्रशासन की जवाबदेही और जनता के अधिकार

किसी भी परिस्थिति में प्रशासन को नागरिकों की सेवा प्रदान करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। आचार संहिता का बहाना बनाकर ऐसी सेवाओं में देरी जनता के शोषण को दर्शाती है। प्रशासनिक कार्यों में तेज़ी लाने की जगह सुस्ती दर्शाता है कि सरकार या प्रशासन जनता की जरूरतों के प्रति संवेदनशील नहीं है।

6. राज्य और केंद्र सूचना आयोग की भूमिका

इस मामले को राज्य और केंद्र सूचना आयोग तक ले जाया जाना चाहिए, ताकि प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाई जा सके और जनता के साथ हो रहे अन्याय का समाधान हो। सूचना का अधिकार कानून (RTI) के तहत भी ऐसी घटनाओं की जानकारी मांगी जा सकती है और इसे जनहित याचिका (PIL) के रूप में भी आगे बढ़ाया जा सकता है।

7. आचार संहिता के दौरान सेवाओं में सुधार की मांग

जब आचार संहिता लागू होती है, तो यह उम्मीद की जाती है कि प्रशासन जनता के बुनियादी कामों में तेज़ी लाए, ताकि चुनावी प्रक्रियाओं के साथ-साथ जनहित के कार्य भी सुचारू रूप से चलें। लेकिन यदि इसके उलट होता है, तो यह चुनाव आयोग और प्रशासनिक प्रणाली की जिम्मेदारी है कि वे इसे सही करें।

प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चुनावों के दौरान भी जनता के अधिकारों का हनन न हो। जन्म प्रमाण पत्र जैसी आवश्यक सेवाओं में रुकावट सिर्फ जनता के प्रति अन्याय ही नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों का भी अपमान है। इसे तत्काल सुधारने की आवश्यकता है, और इस तरह के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए मीडिया, नागरिक समाज और न्यायपालिका की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।

21/09/2024

*🙏 सुनील पोद्दार 🙏*
*जिन्दगी जो रोज हमारा इम्तिहान लेती है,वो इसलिये नहीं कि वो हमें कमजोर बनाना चाहती है। बल्कि हमें याद दिलाना चाहती है कि हमारे अन्दर जीवन में आने वाले हर तूफ़ान से लड़ने की ताकत है।*
🙏🌄सुप्रभात 🌄 🙏

14/09/2024

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