16/01/2024
शीर्षक :- बेटियां ही नहीं, बेटे भी विदा होते है घर से
बूढ़े #मां-बाप 🥺 का दर्द
जब घर का बेटा लादकर सामान दूसरे देश कमाने जाता है तो सारे परिवार का सर गर्व से ऊंचा हो जाता है लेकिन गाड़ी में बैठने से ठीक पहले जब वह पूरे परिवार की ओर नजरे दौड़ाता है तो इतनी सारी आंखें एक साथ नम देखकर उसका दिल भर आता है पिता कुछ बीमार रहते हैं मालूम है उसे पर वो अपनी जरूरत के सामने इन जिम्मेदारियां को बेबस जाता है मां से नहीं होते अब घर के काम सारे वह मां के कंधे पर अपनी पकड़ मजबूत करके उसे अपने मजबूतियों का एहसास दिलाता है जैसे ही गाड़ी बढ़ती है उसे नुक्कड़ से कुछ आगे एक सन्नाटा सा दिलों में पसर जाता है और फिर आऊंगा कहकर हवा में हाथ हिलाता है लेकिन ठीक उस वक्त उसके आंखों से एक आंसू गिरकर इसके होठों पर दम तोड़ जाता है और कहता है कि केवल बेटियां विदा होती है बेटों को भी एक ही दहलीज से नम आंखों के साथ न जाने कितनी बार विदा किया जाता है ll👮