
31/07/2025
हिमाचल प्रदेश के हरे-भरे पहाड़ों और शांत वादियों के बीच बसा है मंडी — एक छोटा सा नगर, लेकिन आस्था, संस्कृति और अध्यात्म से परिपूर्ण। यही मंडी कहलाता है “छोटी काशी”, और इसका दिल है – भूतनाथ मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है।
लेकिन सवाल उठता है – इस मंदिर की ऐसी क्या खासियत है, जो इसे पूरे मंडी की आत्मा बना देती है? इसका उत्तर छिपा है एक प्राचीन और अलौकिक कथा में, जो भगवान शिव की अद्भुत बारात से जुड़ी हुई है।
🌿 कथा की शुरुआत – अलौकिक बारात का आगमन
बहुत समय पहले की बात है। भगवान शिव माता पार्वती से विवाह के लिए कैलाश से काशी की ओर निकल पड़े। लेकिन यह कोई साधारण बारात नहीं थी। इसमें देवता, गंधर्व, भूत-प्रेत, यक्ष, नाग, सिद्ध, और योगी – सभी शामिल थे। कोई खोपड़ी लेकर नाच रहा था, कोई त्रिशूल लेकर गर्जना कर रहा था, और बीच में थे स्वयं भोलेनाथ – श्मशानवासी, जटाधारी, करुणामयी शिव।
जब यह रहस्यमयी और विचित्र बारात मंडी नगरी पहुँची, तब वहां के निवासी डर से कांप उठे। उन्हें लगा जैसे प्रलय आ गई हो। लेकिन शिव के तेजस्वी और शांत स्वरूप ने वातावरण को शांत कर दिया।
🕉️ शिव का पड़ाव और शिवलिंग की स्थापना
भगवान शिव ने मंडी में एक विशेष स्थान पर विश्राम किया। उन्होंने वहां ध्यान लगाया और अपनी उपस्थिति एक शिवलिंग के रूप में प्रकट की। स्थानीय लोगों ने इस चमत्कार को नमन करते हुए उस स्थान को पूजनीय मान लिया। समय बीतता गया, और मंडी रियासत के राजाओं ने वहां एक सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया – जो आज भूतनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।
"भूतनाथ" का अर्थ होता है – भूतों, प्रेतों और समस्त प्राणियों के स्वामी। शिव को यह नाम इसलिए मिला क्योंकि वे जीवन-मरण, काल और संहार के अधिपति हैं। वे साधारण नहीं, अपितु समस्त ब्रह्मांड के संचालक हैं।
🏛️ मंदिर की वास्तुकला और धार्मिक महत्त्व
भूतनाथ मंदिर हिमाचली शैली की अद्भुत वास्तुकला को दर्शाता है। पत्थर और लकड़ी की जटिल नक्काशी, ऊँचा गर्भगृह, और चारों ओर भक्ति की लहरें इसे एक दिव्य स्थान बनाती हैं। मंदिर में स्थित प्राचीन शिवलिंग आज भी उतनी ही श्रद्धा से पूजित होता है जितना सदियों पहले।
🎉 महाशिवरात्रि – जब मंडी बनती है देवों की बारात का ठिकाना
भूतनाथ मंदिर की सबसे प्रसिद्ध परंपरा है – महाशिवरात्रि उत्सव। यह पर्व केवल एक दिन का नहीं, बल्कि पूरा सप्ताह चलता है। इसे “मंडी का देव मेला” कहा जाता है। इस दौरान मंडी में दूर-दूर के गांवों से सैकड़ों देवी-देवताओं की डोलियाँ आती हैं। पूरा शहर रोशनी से जगमगाने लगता है, ढोल-नगाड़ों की गूंज सुनाई देती है, और हजारों श्रद्धालु शिव की बारात का स्वागत करने मंडी पहुँचते हैं।
इस मेले में ऐसा प्रतीत होता है जैसे वह दिव्य बारात, जो सदियों पहले यहाँ आई थी, एक बार फिर लौट आई हो। भूतनाथ मंदिर एक बार फिर उसी ऊर्जा से भर जाता है।
🌸 मंडी – जहां शिव मुस्कुराते हैं
कहा जाता है, काशी में शिव निवास करते हैं, लेकिन मंडी में वे मुस्कुराते हैं। मंडी केवल एक शहर नहीं, वह एक अनुभूति है, एक आस्था है, जहां शिव के नाम से जीवन चलता है।
भूतनाथ मंदिर न केवल मंडी की धार्मिक पहचान है, बल्कि उसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आत्मा भी है। यहाँ की हर गली, हर पत्थर, हर ध्वनि में शिव बसे हैं।
🔱 हर हर महादेव! 🔱
#हरहरमहादेव