Musarrat Times Live

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अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश का भव्य 13वां स्थापना दिवस समारोह सम्पन्नसंवाददातानई दिल्ली। अखिल भारतीय अग्रवाल...
20/05/2025

अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश का भव्य 13वां स्थापना दिवस समारोह सम्पन्न
संवाददाता
नई दिल्ली। अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री देशबन्धु गुप्ता जी की अध्यक्षता में संगठन का 13वां स्थापना दिवस समारोह रविवार, 18 मई 2025 को शाह ऑडिटोरियम, दिल्ली में अत्यंत भव्य एवं गरिमामय ढंग से सम्पन्न हुआ जिसमें समाज के वरिष्ठजनों, महिलाओं, युवाओं व बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मौजा ही मौजा एंटरटेनमेंट ग्रुप द्वारा सायं 5:00 बजे से किया गया सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला ने दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम के विशेष आकर्षण प्रस्तुतियों में चंद्रदेव क्यों हुए भगवान भोलेनाथ के मस्तक से अदृश्य, इस नाटिका ने पौराणिक भावनाओं को जीवंत कर दिया। माता अनुसूया द्वारा त्रिदेवों के समक्ष अपने पतिव्रत का प्रमाण, दर्शकों को भाव-विभोर कर गया। देशभक्ति की प्रस्तुति श्री राधाकृष्ण नृत्य ने सबका मन मोह लिया। भगवान शिव द्वारा बालकृष्ण के दर्शन इस भव्य नृत्य नाटिका ने मंच पर दिव्यता का आभास कराया। सायं 5 बजे से ही पूरा ऑडिटोरियम खचाखच भर गया।
कार्यक्रम के मुख्य उद्‌बोधनकर्ता अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता रहे जिन्होंने संगठन द्वारा किये गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश द्वारा सभी वर्गों के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है।
इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष श्री देशबन्धु गुप्ता जी ने सबका अभिनंदन करते हुए संगठन द्वारा किये जा रहे प्रत्येक कार्य की जानकारी दी। अध्यक्ष जी ने कहा कि सन् 2025 में 1000 बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा होने का लक्ष्य रखा है जिसमें योग शिक्षा, कंप्यूटर कोर्स, मेहंदी कोर्स, ब्यूटी पार्लर कोर्स कराया जाऐगा ताकि वे अपनी जीविका कमा सके और अपने परिवार का पालन पोषण कर सके।
वीपी ग्रुप के चेयरमैन एवं संगठन के प्रेरणास्रोत श्री सत्यप्रकाश गुप्ता की भी विशेष उपस्थिति रही। कार्यक्रम का उद्घाटन वीपी क्रिएशंस प्रा.लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री विपिन गुप्ता द्वारा किया गया, जबकि स्वागताध्यक्ष के रूप में बॉडीकेयर इंटरनेशनल लि. के चेयरमैन श्री सतीश गुप्ता उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि वर्ल्डफा ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री प्रमोद गुप्ता, दीप प्रज्जवलन एसएस बिल्डटेक वेंचर के चेयरमैन श्री संजीव सिंगला ने गोल्डन स्पॉन्सर व अन्य अतिथियों के साथ मिलकर किया।
अतिविशिष्ट अतिथियों दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर श्री मनीष अग्रवाल, Sub Divisional Magistrates Delhi श्रीमती इति अग्रवाल, महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल पंजाबी बाग की अध्यक्षा श्रीमती मीना सुभाष गुप्ता, MAPSKO ग्रुप के चेयरमैन श्री कृष्ण सिंगला एवं क्राउन स्टील्स डेजिग्नैटिड के पार्टनर श्री सुशील सिंगला ने भी अपनी विशिष्ट उपस्थिति के साथ कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
कार्यक्रम के सिल्वर स्पॉन्सर श्री जगदीश प्रसाद अग्रवाल चेयरमैन बंगाली स्वीट्स, श्री रविन्द्र मोहन गर्ग डायरेक्टर पार्कर बिल्डर, श्री रामकिशोर अग्रवाल मैनेजिंग पार्टनर आर. के. सीड फार्म्स, श्री सुशील कुमार ऐरन डायरेक्टर लक्ष्मी बर्तन भण्डार, डॉ. रामगोपाल गोयल चेयरमैन बृजगोपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी, श्री ललित अग्रवाल सीइओ गोयल एंटरप्राइजेज, श्री सोहित जैन युवा समाजसेवी, श्री अनिल गुप्ता डायरेक्टर युवा रियलटेक एवं श्री बिहारी दास मंगला मैनेजिंग डायरेक्टर मयूर प्लास्टिक इंडस्ट्रीज ने महाराजा अग्रसेन के चित्र पर पुष्प अर्पित किये।
संगठन के मुख्य सलाहकार पवन सिंघल ने मंच संचालन करते हुए उपस्थित सभी गोल्डन स्पॉन्सर, सिल्वर स्पॉन्सर एवं अतिविशिष्ट अतिथियों का श्री देशबन्धु गुप्ता व कोरकमेटी द्वारा मंच पर स्मृति चिन्ह प्रदान कर पटका एवं मोतियों की माला पहनाकर सम्मानित किया गया।
दिल्ली प्रदेश की कोर कमेटी टीम में चेयरमैन श्री महावीर गोयल, अध्यक्ष श्री देशबन्धु गुप्ता, महामंत्री श्री सुभाषचंद गुप्ता, कोषाध्यक्ष श्री अशोक सातरोडिया, मुख्य सलाहकार श्री पवन सिंघल, सलाहकार सीए उमाशंकर गोयल, उपाध्यक्ष श्री अनिल टेकड़ीवाल, उपाध्यक्ष श्री विनय सिंघल, उपाध्यक्ष श्री अशोक बंसल, उपाध्यक्ष श्री ताराचंद तायल, महिला चेयरपर्सन श्रीमती मंजू सिंघल, युवा चेयरमैन श्री रविन्द्र गर्ग एवं महिला कार्यकारी महामंत्री श्रीमती आभा गुप्ता ने संगठन के समारोह में उल्लेखनीय योगदान दिया है साथ ही दिल्ली प्रदेश मेन टीम, महिला टीम, संरक्षक टीम व सभी वार्ड अध्यक्षों की उपस्थिति से कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा।
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा लक्की ड्रा, जिसमें श्री विपिन गुप्ता जी मैनेजिंग डायरेक्टर वीपी क्रिएशंस की ओर से 2100 रूपये के 10 लक्की विजेताओं को प्रदान किये गए। यह क्षण कार्यक्रम में उत्साह का संचार करने वाला रहा। साथ ही, कार्यक्रम में पहुंचने वाली पहली 100 महिलाओं को श्री प्रमोद गुप्ता जी मैनेजिंग डायरेक्टर वर्ल्डफा ग्रुप की ओर से स्टील के 6 गिलास का सेट उपहारस्वरूप प्रदान किया गया।
विवाह योग्य युवक-युवतियों के लिए विशेष सुविधा के अंतर्गत 4000 बायोडाटा वाली विवाह प्रस्ताव पुस्तक ने अभिभावकों को अत्यंत लाभान्वित किया।
कार्यक्रम से पूर्व जलपान व कार्यक्रम के अंत में सभी के लिए स्वादिष्ट भोजन की उत्तम व्यवस्था की गई थी, जिसका सभी ने आनंद लिया।
संपूर्ण आयोजन सामाजिक एकता, पारस्परिक सहयोग और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनकर उभरा। आयोजन में पधारे सभी आगंतुकों ने संगठन के कार्यों की सराहना की और भविष्य में ऐसे आयोजनों की निरंतरता की कामना की।
अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश के महामंत्री श्री सुभाष गुप्ता ने इस सफल आयोजन के लिए सभी कार्यकर्ताओं, कलाकारों और सहयोगियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

सर्वोदय बाल विद्यालय बुलन्द मस्जिद स्कूल का 12वीं का 95.12% और 10वीं का 95.45% रहा रिजल्ट -12वीं में मो. बिलाल (83.6%) प...
16/05/2025

सर्वोदय बाल विद्यालय बुलन्द मस्जिद स्कूल का 12वीं का 95.12% और 10वीं का 95.45% रहा रिजल्ट

-12वीं में मो. बिलाल (83.6%) प्रथम, फैजान (78.4%) द्वितीय, कृष्णा (73.8%) तृतीय स्थान पर रहे
-10वीं में मोहम्मद मोहित (73.4%) प्रथम, फरहान (65.8%) द्वितीय, मो. कसन अली (61.2%) तृतीय स्थान पर रहे
-सभी विषयों में बच्चों ने अच्छे अंक प्राप्त कर स्कूल, अध्यापकों व मां-बाप का नाम रोशन किया

नई दिल्ली। सीबीएसई द्वारा घोषित 10वीं और 12वीं के वार्षिक परीक्षा परिणाम में सर्वोदय बाल विद्यालय, बुलन्द मस्जिद स्कूल के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। इस बार स्कूल का 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 95.12% और 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 95.45% परीक्षा परिणाम प्रतिशत रहा।
इस वर्ष 12वीं में मो. बिलाल (83.6%) प्रथम, फैजान (78.4%) द्वितीय, कृष्णा (73.8%) तृतीय स्थान पर रहे वहीं मोहम्मद मोहित (73.4%) प्रथम, फरहान (65.8%) द्वितीय, मो. कसन अली (61.2%) तृतीय स्थान पर रहे।
इस परीक्षा परिणाम का श्रेय यहां के प्रधानाचार्य बलराज सिंह, उनके स्टाफ (अध्यापकों) व स्कूल की एसएमसी को जाता है जिन्होंने कम सुविधा में भी स्कूल के रिजल्ट में काफी सुधार किया है, जो लगातार जारी है।
इस पर स्कूल के प्रधानाचार्य बलराज सिंह ने सफल विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह सफलता विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत, लगन और शिक्षकों के मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने कहा कि विद्यालय निरंतर छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी इसी तरह प्रयास करता रहेगा। प्रधानाचार्य ने सभी सफल विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह सफलता अन्य छात्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश के तत्वावधान में होली मंगल मिलन समारोह का भव्य आयोजन नई दिल्ली। अखिल भारतीय अग्र...
04/03/2025

अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश के तत्वावधान में होली मंगल मिलन समारोह का भव्य आयोजन

नई दिल्ली। अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश के तत्वावधान में होली मंगल मिलन समारोह का आयोजन 2 मार्च 2025 को शाह ऑडिटोरियम में किया गया । कार्यक्रम सायं 5 बजे मौजा ही मौजा एंटरटेनमेंट ग्रुप द्वारा आरंभ किया गया। कार्यक्रम का शुभ आरंभ गणेश वंदना नृत्य नाटिका द्वारा किया गया। इसके उपरांत कैसे कटा ब्रह्म जी का पांचवां सिर, कालिया नाग मर्दन, कल्कि अवतार नाटिका, दुर्गा महिषासुर नृत्य नाटिका, देशभक्ति के गीत, फिल्मी चित्रहार, श्री राधाकृष्ण फूलों की होली का भव्य चित्रांकन किया गया। शाम 5 बजे से ही पूरा स्टेडियम खचाखच भर गया था। हजारों अग्र बंधुओं ने होली मंगल मिलन कार्यक्रम में उपस्थित होकर इसका आनंद लिया। शाम 7 बजे अतिथि सम्मान किया गया। महाराजा अग्रसेन जी की प्रतिमा पर सभी सम्मानित अतिथियों ने पुष्प चढ़ाए ओर दीप प्रज्ज्वलन किया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं पूर्व राज्य सभा सांसद डॉ सुशील गुप्ता जी, प्रेरणा सूत्र श्री सत्प्रकाश गुप्ता जी, संगठन के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री देशबंधु गुप्ता जी, चेयरमैन महावीर गोयल जी, उदघाटन करता श्री विपिन गुप्ता जी, श्री सचिन गुप्ता जी (डायरेक्टर, बॉडीकेयर इंटरनेशनल), एडवोकेट भीमसेन मित्तल जी, श्री संजीव सिंहला जी, श्री हरिचंद अग्रवाल जी (अति विशिष्ट अतिथि), श्री नितिन अग्रवाल जी (अति विशिष्ट अतिथि),श्री गंगा बिशन गुप्ता जी (अति विशिष्ट अतिथि), श्रीमति अनिता मुकिम जी, श्री नवल किशोर जी, श्री नन्द किशोर अग्रवाल जी, श्री अमित गोयल जी, श्री बिहारी दास मंगला जी, श्री सतीश रामकुमार गोयल जी, श्री अनिल मित्तल जी (सत्मोला ग्रुप), श्री सुभाष जिंदल जी, श्री वासुदेव गोयल जी, श्री ललित अग्रवाल जी, श्री सोहित जैन जी, श्री नीरज कुमार अग्रवाल जी।

इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ सुशील गुप्ता जी द्वारा अग्र ज्योति पुस्तिका का विमोचन किया गया। इस पुस्तिका में संगठन द्वारा 2024 में किए जा रहे कार्यक्रमों की पूरी जानकारी दी गई। अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश के मीडिया सहयोगी वैश्य पैनोरमा द्वारा 26 समाचार प्रकाशित किए गए , मेरी दिल्ली द्वारा 24 समाचार प्रकाशित किए गए, नायक भारती द्वारा 25 समाचार प्रकाशित किए गए, दिल्ली न्यूज 7 द्वारा 24 समाचार प्रकाशित किए गए, हिंद टुडे द्वारा 18 समाचार प्रकाशित किए गए।

संगठन के राष्ट्रिय अध्यक्ष एवं पूर्व राज्य सभा सांसद डॉ सुशील गुप्ता जी ने कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि पूरी दुनिया में ही वैश्य समाज है ओर यह समाज जब क्षत्रिय से वैश्य बना था तब उसने संकल्प लिया था कि वह अपनी कमाई का दसवां हिस्सा समाज को समर्पित करेंगे। आज भी वैश्य समाज उसी संकल्प से जुड़ा है। वैश्य समाज बहुत परिश्रमी है। उन्होंने होली के उपलक्ष्य पर वैश्य समाज को बधाई देते हुए कहा कि जैसे-जैसे हम अपने रीति-रिवाजों को देखते हैं तो हमें पता चलता है कि उनका बहुत अधिक महत्व है। होली का रंग जब लगता है तो खून की हर बूंद बदल जाती है। पशु-पक्षी और वनस्पतियों में एक अलग ही संचार शुरू हो जाता है। इस पावन पर्व का किसी जाति या धर्म से कोई सम्बंध नहीं है। इसको सभी जातियां हर्षोल्लास से मनाती हैं। हमारा समाज समाज के हर कार्य को सहयोग से ही करता है और हर वर्ग के लिए जनहित के कार्य करता है।

संगठन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष देशबन्धु गुप्ता जी ने इस दौरान कहा कि इस वर्ष हमने 2025 में 1,000 बच्चो को अपने पैरों पर खड़ा होने का लक्ष्य रखा है ताकि वो अपनी जीविका कमा सके और परिवार का पालन पोषण कर सके । उन्होंने आह्वान किया कि किसी भी जरूरत मंद को कार्यालय का पता और फोन नम्बर दें ताकि हम उनकी यथोचित सहायता कर सकें। इस अवसर पर संगठन द्वारा किए जा रहे प्रत्येक कार्य की जानकारी भी दी।

कार्यक्रम में वी.पी.क्रिएशन की ओर से 2100 रुपये के 10 लक्की ड्रा भी निकाले गये। वर्ल्डफा ग्रुप के तत्वावधान में कार्यक्रम में पहुंचने वाली पहली 100 महिलाओं को गिफ्ट के रूप में स्टील के 6 गिलास का एक सेट भी दिया गया।
इस अवसर पर दिल्ली प्रदेश की टीम पदाधिकारी महामंत्री सुभाष चंद गुप्ता जी, मुख्य सलाहकार पवन सिंहल जी, कोषाध्यक्ष अशोक सतरोदिया जी, उपाध्यक्ष अनिल टेकरीवाल जी, अशोक बंसल जी, जय प्रकाश सोमान जी, विनोद गुप्ता जी, मंत्री राजेश कुमार अग्रवाल जी, युवा चेयरमैन रविंद्र गर्ग जी, महिला चेयरमैन श्रीमति मंजू सिंहल जी, वरिष्ठ उपाध्यक श्रीमति सुदेश मित्तल जी, कार्यकारी महामंत्री श्रीमति आभा गुप्ता जी और अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे। संगठन के महामंत्री सुभाष चंद गुप्ता जी ने बताया कि संगठन समाज हित के अनेक कार्य कर रहा है । प्रति वर्ष धार्मिक और पारिवारिक यात्राओं का आयोजन भी किया जा रहा है।

गांधीनगर विधानसभा में आप को बड़ा झटका, कद्दावर नेता कमल अरोड़ा ने अपने समर्थकों के साथ थामा कांग्रेस का दामननई दिल्ली। द...
14/01/2025

गांधीनगर विधानसभा में आप को बड़ा झटका, कद्दावर नेता कमल अरोड़ा ने अपने समर्थकों के साथ थामा कांग्रेस का दामन

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद भी कांग्रेस लगातार अपना कुनबा बढ़ा रही है। इसी क्रम में कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव, पूर्व मंत्री नरेंद्र नाथ, सीलमपुर के पूर्व विधायक व बाबरपुर से कांग्रेस प्रत्याशी हाजी इशराक खान, नियाज अहमद मंसूरी ब्लॉक प्रेसिडेंट शास्त्री पार्क वार्ड, कृष्णा नगर माइनॉरिटी जिला अध्यक्ष अलीम भाई, यूथ कांग्रेस से विधानसभा अध्यक्ष मोहम्मद वसीम, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव और दिल्ली प्रदेश प्रभारी काज़ी निजामुद्दीन ने आम आदमी पार्टी के गांधी नगर के पूर्व संगठन मंत्री कमल अरोड़ा उर्फ डब्बू व उनके साथी नौशाद मंसूरी व समर्थकों को पटका पहनाकर पार्टी ज्वाइन करवाई। आम आदमी पार्टी के गांधी नगर के पूर्व संगठन मंत्री कमल अरोड़ा उर्फ डब्बू ने अपने समर्थकों सहित आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया।

कमल अरोड़ा ने गांधीनगर विधानसभा पूर्व संगठन मंत्री के पद व पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इधर आप छोड़ने के तुरंत बाद कमल अरोड़ा अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे वो निभाएंगे। उन्होंने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। उन पर हमेशा जनता के मुद्दों से भागकर अपनी राजनीति का आरोप लगाया है।

आप छोड़ने के बाद ही गांधी नगर के पूर्व संगठन मंत्री कमल अरोड़ा उर्फ डब्बू कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस में आते ही कमल अरोड़ा उर्फ डब्बू ने कहा कि जब आप बनी थी तो उसमें कई चीजें थीं जैसे समानता और सभी धर्मों को साथ लेकर चलना। लेकिन, पार्टी ऐसा नहीं कर रही है। इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस में शामिल हो गया। पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे पूरे दिल से निभाऊंगा।

वहीं दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आम आदमी पार्टी के गांधी नगर के पूर्व संगठन मंत्री कमल अरोड़ा उर्फ डब्बू का पार्टी में स्वागत करते हुए उन्हें कांग्रेस का पटका भेंट पहनाकर पार्टी ज्वाइन करवाई। देवेंद्र यादव ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है तो इसके लिए भाजपा और ‘AAP’ दोनों सरकारें समान रूप से जिम्मेदार हैं।

देवेंद्र यादव ने दावा किया कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावी रूप से नियंत्रण में थी। लोगों को चौबीसों घंटे जलापूर्ति होती थी। जलभराव को रोकने के लिए हर मानसून से पहले नालियों और सीवरों की सफाई की जाती थी। यादव ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया था कि लोगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति हो और दिल्ली में बिजली देश में सबसे सस्ती दर पर मिले।

https://musarrattimes.blogspot.com/2024/06/blog-post_18.html
20/06/2024

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सोमवार देर रात अचानक हुआ निधन शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का लगा तांता नमाज-ए-जनाजा में हजारों की संख्या में लोग ....

पत्रकार आकिल हुसैन के पिता मो. जफर हुसैन हुए सपुर्द-ए-ख़ाक, लोगों में शोक की लहर• सोमवार देर रात अचानक हुआ निधन• शोक संव...
20/06/2024

पत्रकार आकिल हुसैन के पिता मो. जफर हुसैन हुए सपुर्द-ए-ख़ाक, लोगों में शोक की लहर

• सोमवार देर रात अचानक हुआ निधन
• शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का लगा तांता
• नमाज-ए-जनाजा में हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे
• काफी संख्या में सामाजिक व राजनीतिक लोग उनके निवास स्थान पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचे

संवाददाता
इजरा। मधुबनी जिले के रहिका प्रखंड के इजरा पंचायत की मुखिया जाहिदा खातुन के पति व आकाशवाणी के जिला संवाददाता आकिल हुसैन के पिता मो. जफर हुसैन (70) का सोमवार रात के आकस्मिक निधन हो गया। निधन की खबर सुनते ही लोगों में शोक की लहर दौड़ गई।

मो. जफर हुसैन के निधन की खबर सुनकर काफी संख्या में सामाजिक व राजनीतिक लोग उनके निवास स्थान पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचे। स्वर्गीय मो. जफर हुसैन के शव को गांव में ही उनके अपने निजी कब्रिस्तान में दफन किया गया। उनके नमाज-ए-जनाजा में हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।
स्वर्गीय मो. जफर हुसैन अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। स्वर्गीय मो. जफर हुसैन के बड़े बेटे मो. आदिल हुसैन गांव के ही मध्य विद्यालय में शिक्षक हैं जबकि छोटे बेटे मो. आकिल हुसैन पेशे से मधुबनी न्यायालय में बतौर अधिवक्ता व आकाशवाणी में जिला संवाददाता के रूप में कार्यरत हैं।

स्वर्गीय मो. जफर हुसैन के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में आरजेडी के राज्यसभा सांसद डॉ. फैयाज अहमद, पूर्व मंत्री विधायक समीर महासेठ, नगर निगम के डिप्टी मेयर अमानुल्लाह खान, मिथिला टीचर ट्रेनिंग कॉलेज के डायरेक्टर हाफिज नियाज अहमद, क्रिप्स अस्पताल के चेयरमैन इम्तियाज नूरानी, पूर्व प्रमुख अब्दुल सलाम, मुखिया सनाउल्लाह, हेमंत सिंह, मनोज कुमार पूर्वे, हनुमान राउत, ब्रिलिएंट इंटरनेशनल स्कूल के अध्यक्ष अब्दुल हैई, राजद के युवा नेता आरिफ अंबर जिलानी, पत्रकार शैलेन्द्र कुमार, राम शरण साहु, मो. अली, मो. मुन्ना, अखलाक सिद्दीकी, मो. फिरोज, आर नेहाल, अशोक कुमार, अधिवक्ता सैफुल इस्लाम, पवन कुमार, कमरुल हुदा, तमन्ने, महताब आलम, कमालुददीन, मौलाना अनीसुर रहमान, आकिल अंजुम, नजरे आलम, मो. कामिल, असलम अंसारी, इश्तियाक समेत अन्य शामिल रहे।

मोदी 0.3 सरकार में एमएसएमई सेक्टर को और अधिक मजबूत करने पर जोरबसंत कुमारवर्तमान समय में एमएसएमई सेक्टर देश की अर्थव्यवस्...
14/06/2024

मोदी 0.3 सरकार में एमएसएमई सेक्टर को और अधिक मजबूत करने पर जोर
बसंत कुमार
वर्तमान समय में एमएसएमई सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह सेक्टर सकल घरेलू उत्पाद में 29% से अधिक योगदान कर रहा है और देश के कुल निर्यात में 50% से अधिक का योगदान कर रहा है। विनिर्माण के क्षेत्र में एमएसएमई सेक्टर लगभग एक तिहाई उत्पादन करता है। एक आंकड़े के अनुसार एमएसएमई सेक्टर 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है और सरकार आगामी वर्षों में इस लक्ष्य को 15 करोड़ से अधिक तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के पश्चात् भारतीय अर्थव्यवस्था में एमएसएमई सेक्टर की भूमिका के महत्व को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के साथ मिलकर एमएसएमई उद्यमियों की मदद के लिए निम्नलिखित योजनाएं प्रारंभ की
1- एमएसएमई समाधान
2- उद्योग आधार
3- मुद्रा
4- जेडईडी योजना
5- मेक इन इंडिया
6- स्टैंड अप इंडिया
इन योजनाओं की मदद से कोई भी नागरिक अपना कारोबार शुरू कर सकता है, अपना कारोबार बढ़ा सकता है और देश के आर्थिक विकास में योगदान कर सकता है।
यदि पूर्व में एमएसएमई सेक्टर की स्थिति को विचार किया जाए तो देश में इस सेक्टर की स्थिति बड़ी निराशाजनक लगती हैं। 1980 के दशक में जब देश के उद्योग मंत्री के रूप में जार्ज फर्नांडिस और नारायण दत्त तिवारी जैसे कद्दावर नेता हुआ करते थे तो औद्योगिक विकास मंत्रालय के अंतर्गत लघु उद्यामों की देखरेख के लिए डीसी (एसएसआई) का कार्यालय होता था और खादी ग्रामोद्योग, कॉयर बोर्ड, एनएसएसआई की देखरेख के लिए औद्योगिक विकास विभाग के अंतर्गत के वीआईसी, कॉयर सेक्शन और एसएसआई अनुभाग होते थे और लघु उद्योग सेक्टर इतना मजबूत नहीं था जो देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दे पाता।
पहली बार जब अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनी, तब देश में लघु उद्योग के विकास पर पूरा जोर दिया गया और स्माल, मीडियम के साथ माइक्रो (सूक्ष्म) उद्यमों को जोड़ा गया और एमएसएमई मंत्रालय अस्तित्व में आया और यह पहला अवसर था जब एमएसएमई सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करने लगा। पर अटलजी की सरकार चले जाने के बाद मनमोहन सिंह जी की सरकार में एमएसएमई मंत्रालय काम करता रहा और इस विभाग के मंत्री के रूप में महाबीर प्रसाद जी जैसे प्रभावहीन मंत्रियों को समायोजित किया जाने लगा और यूपीए सरकार अटल जी की सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए तैयार किये गए ढांचे पर काम तो करती रही पर यूपीए सरकार के दस वर्ष के कार्यकाल में इस सेक्टर के विकास में कोई प्रगति नहीं हुई।
जब वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने तो वे अपने मंत्रिमंडल के गठन के समय ही एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए कृतसंकल्प दिखे और एमएसएमई मंत्रालय के मंत्री के रूप में अपने सबसे अनुभवी सहयोगी कलराज मिश्र को चुना और उनको सहयोग करने के लिए बिहार के तेज तर्रार नेता गिरिराज सिंह को राज्य मंत्री बनाया। यह पहला अवसर था जब एमएसएमई मंत्रालय में एक कैबिनेट मंत्री और दो-दो राज्य मंत्री बनाए गए और इस मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले तीनों उपक्रम के वीआईसी, एनएसआईसी, कॉयर बोर्ड समेत सभी प्रॉफिट मेकिंग उपक्रमों के रूप में उभरे और एमएसएमई सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करने लगा। इसके साथ-साथ देश में करोड़ों युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में सफल रहा। मगर इतनी सारी उपलब्धियों के बावजूद एमएसएमई सेक्टर को और अधिक सफल बनाने के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है।
1-एमएसएमई मंत्रालय और इसके उपक्रमों द्वारा नव उद्यमियों के कल्याण हेतु ढेर सारी योजनाएं बनाई गई हैं और इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए विभाग द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर इन सारी योजनाओं का विवरण और आवेदन हेतु फार्म आदि उपलब्ध करा दिए जाते हैं। परन्तु आज भी देश के दूर दराज क्षेत्रों के अशिक्षित गरीब आदिवासी लोग आन लाइन पोर्टल की पहुँच से बाहर हैं और इस कारण ये लोग एमएसएमई की योजनाओ का लाभ उठाकर अपना छोटा-मोटा रोजगार शुरू नहीं कर पाते है, इसलिए सारी योजनाओं को आनलाइन पोर्टल पर डालकर अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझ लेने के बजाय, इन योजनाओं का बड़े पैमाने पर दूर दराज इलाकों में प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए।
2-कहने के लिए सरकार ने अपना उद्यम प्रारंभ करने हेतु सेक्युरिटी के बिना लोन देने की व्यवस्था की है पर वास्तविकता यह है कि बैंक उद्यम शुरू करने के आवेदकों को सिक्योरिटी के अभाव में लोन नहीं देते और इनके प्रति जिला उद्योग केंद्रों के लोगों का व्यवहार बड़ा रूखा होता है, इस समस्या के समाधान का निराकरण बहुत ही आवश्यक है।
3-एमएसएमई मंत्रालय और इसके उपक्रमों में वर्षों से हजारों रिक्तिया खाली पड़ी हैं और अधिकारी इन पदों को भरने की बजाय संविदा पर कर्मचारियों की भर्ती करके अपनी जेबें भर रहे हैं जबकि देश में लाखों युवा रोजगार की तलाश में भटक रहे है। संविदा के कर्मचारी बिना किसी परीक्षा के आते हैं जिससे कार्यालय में काम की गुणवत्ता प्रभावित होती है और ये कर्मचारी अपने कार्य के प्रति उत्तरदायी भी नहीं होते हैं। अत: सरकार को इन कमियों को दूर करने की आवश्यता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का एमएसएमई सेक्टर को और अधिक मजबूती प्रदान करने के दृढ़ संकल्पित होने का ही परिणाम है कि उन्होंने एमएसएमई मंत्रालय का जिम्मा सबसे अनुभवी मंत्री जीतन राम मांझी को दिया है जो अपने संघर्ष, जीवट, दूरदर्शिता और कड़े फैसले के लिए जाने जाते हैं। मुसहर परिवार में पैदा हुए एक मजदूर के बेटे जीतन राम ने भीषण कठिन परिस्थितियों में 1966 में स्नातक किया और 1980 से लगातार विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में अपने उत्तरदायित्वों का निर्वाह किया। देश में एमएसएमई मंत्रालय के मंत्री बनने के बाद वह इस सेक्टर को इतना मजबूत कर देंगे कि उद्यमिता के माध्यम से देश के युवाओं को बेरोजगारी से मुक्ति मिलेगी। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे पिछड़े राज्यों से काम की तलाश में दिल्ली और मुंबई के लिए युवाओं को पलायन करना पड़ता है इसे भी रोकने में मांझी जी सफल होंगे क्योंकि वे गरीबों मजदूरों की महानगरों में नारकीय जिंदगी के विषय में भलीभांति जानते हैं। वे महादलितों और आदिवासियों को उनके आर्थिक उत्थान द्वारा राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने में सक्षम होंगे। यह निश्चित है कि वह देश के एमएसएमई मंत्री के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे।

अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश का स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गयासंवाददातानई दिल्ली। अखिल भारतीय अग्रवाल ...
20/05/2024

अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश का स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया

संवाददाता

नई दिल्ली। अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री देशबंधु गुप्ता जी की अध्यक्षता में संगठन का 12वां स्थापना दिवस 19 मई रविवार को साइ 5:00 से 9:00 बजे तक शाह ऑडिटोरियम में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हमारे प्रेरणा स्तोत्र श्री सत्य प्रकाश गुप्ता जी, चेयरमैन वीपी ग्रुप उद्धघाटन करता श्री विपिन गुप्ता जी, मैनेजिंग डायरेक्टर वीपी क्रिएशन, मुख्य अतिथि श्री प्रमोद गुप्ता जी, वर्ल्ड फा ग्रुप दीप प्रज्वलनकर्ता श्री संजीव सिंगला जी, विशिष्ट अतिथि और प्रमुख समाजसेवी श्री भीमसेन मित्तल जी, दिनेश गुप्ता जी, श्री अनिल गुप्ता जी, श्री ललित अग्रवाल जी, श्री सोहित जैन जी, श्री वेद प्रकाश जैन जी, श्री सतीश राम कुमार गोयल जी, श्री अनिल गोयल जी, श्री शिव कुमार गुप्ता जी, श्री राजेश दवे जी, श्री रमेश गर्ग जी सभी ने मिलकर दीप प्रज्वलित कर महाराजा अग्रसेन जी के चित्र पर पुष्प चढ़कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों का संगठन के अध्यक्ष श्री देशबंधु गुप्ता जी महामंत्री सुभाष चंद्र गुप्ता जी, चेयरमैन महावीर गोयल जी, कोष अध्यक्ष अशोक सतोडिया जी, युवा चेयरमैन रविंदर गर्ग जी, मुख्य सलाहकार श्री पवन सिंघल जी ने दुपट्टा एवं माला और श्री राम जी का मोमेंटो देकर सम्मानित किया।

दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री देशबंधु गुप्ता जी ने स्थापना दिवस के पावन पर्व पर खचाखच भरे ऑडिटोरियम में अग्रवाल समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कहा की सेवा का दूसरा नाम अग्रवाल संगठन है जो दिन रात जरूरतमंदों की सेवा में निस्वार्थ भाव से लगा हुआ है। संगठन द्वारा छात्रों को मुफ्त कंप्यूटर शिक्षा, महिलाओं को फ्री ब्यूटी पार्लर कोर्स, फ्री मेहंदी कोर्स कराया जाता है, योगा टीचर ट्रेनिंग देकर बच्चों को योगा टीचर बनाया जाता है और उन्हें नौकरी से लगवाया जाता है गरीब कन्याओं का विवाह करना यूपीएससी एग्जाम में स्कॉलरशिप प्रदान करना और इसके अलावा संगठन द्वारा समाज हित के अनेक कार्य चलाए जा रहे हैं। महामंत्री सुभाष चंद्र गुप्ता जी ने बताया की अग्रवाल संगठन ने सेवा के माध्यम से समाज के सभी वर्गों में अपनी पहचान बनाई है इस अवसर पर मौजा मौजा ग्रुप द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर सोने की लंका कैसे बनी, माता शबरी की राम के प्रति अनंत भक्ति, महाराणा प्रताप की वीरगाथा, दुर्गा महिषासुर नृत्य नाटिका और देशभक्ति के भी अनेक गीत प्रस्तुत किए गए इस कार्यक्रम में संगठन की सभी पदाधिकारी मौजूद थे । दिल्ली प्रदेश की महिला चेयरमैन श्रीमती मंजू सिंघल जी, महामंत्री करुणा गोयल जी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमती सुदेश मित्तल जी एवं सभी महिला पदाधिकारी उपस्थित थी। संगठन के महामंत्री सुभाष चंद्र गुप्ता जी ने बताया की अग्रवाल संगठन तन मन धन से समाज के लोगों से जुड़ा हुआ है इतना भव्य आयोजन सभी के सहयोग से ही संभव हो पा रहा है मंच का संचालन श्री गुलशन जगा जी और पवन सिंघल जी के माध्यम से हुआ संगठन का अगला कार्यक्रम 4 अगस्त 2024 को हरियाली तीज के रूप में मनाया जाएगा।

सैम पित्रोदा के वारिस टैक्स सुझाव पर घमासान क्यों? पिछले सप्ताह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व आर्थिक मामलों के जानकर सैम पित...
03/05/2024

सैम पित्रोदा के वारिस टैक्स सुझाव पर घमासान क्यों?
पिछले सप्ताह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व आर्थिक मामलों के जानकर सैम पित्रोदा ने अमेरिका में लिए जाने वाले वारिस टैक्स को भारत में भी लिए जाने के लिए बहस का सुझाव दिया। इस पर पूरे राजनीतिक हलको में उनके इस सुझाव की तीखी आलोचना शुरू हो गई और उनकी अपनी पार्टी ने इसे उनका निजी विचार कहकर पल्ला झाड़ लिया। परंतु विपक्ष या सत्ता पक्ष के आर्थिक मामलों के जानकर ने यह कहने का साहस नहीं किया कि भारत एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति है और यहां इंफ्रेस्ट्रॅक्चर के विकास के लिए राजस्व की अवश्यकता है और राजस्व कलेक्शन के लिए यह एक बेहतर सुझाव हो सकता है। मेरी विरोधी राजनीतिक दलों से संबंध होने के बावजूद कई बार शिष्टाचार भेट हुई हैं और आर्थिक मामलों में उनके जानकर होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। उनके इस सुझाव से चल रहे लोकसभा चुनाव के बीच एक नया विवाद पैदा हो गया।
इस विवाद को रोका जाए उससे पहले यह जानने का प्रयास करते हैं कि विरासत या वारिस टैक्स क्या होता है और अमेरिका में इसे क्यों लगाया जाता है जिससे प्रभावित होकर पित्रोदा ने इसे भारत में भी लगाने की बहस छेड़ दी। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कई बार बड़े औद्योगिक घरानों या राजघरानों में अपनी असली औलाद न होने के कारण उन दूर के रिश्तेदारों को बगैर किसी मेहनत और सेवा के अरबों की प्रोपर्टी विरासत के तौर पर मिल जाती है। अमेरिका में विरासत कर ऐसा कर है जो किसी मृत व्यक्ति द्वारा संपत्ति पर लगाया जाता है। इसके अंतर्गत मृत व्यक्ति की संपत्ति का कुछ प्रतिशत उसके वंशज को मिलता है और कुछ हिस्सा राज्य के पास टैक्स के रूप में चला जाता है। यह कर केंद्रीय कर न होकर अमेरिका के 6 राज्यो में लगाया जाता है। इस टैक्स का निर्धारण इस बात पर निर्भर करता है कि मृत व्यक्ति कहां रहता था और उसका संपत्ति के उत्तराधिकारियों के साथ क्या रिश्ता था। अमेरिका के जिन 6 राज्यो में यह टैक्स लगाया जाता हैं उनमें आयोवा, केंटकी, मैरीलैंड, नेब्रास्का, न्यू जर्सी और पेंसिलवेनिया है और हर राज्य में विरासत टैक्स की दरें अलग-अलग हैं। कुछ राज्यों में मृतक की पत्नी, पति, बच्चों, माता-पिता, दादा-दादी, पोती-पोतियों को विरासत टैक्स से छूट दी गई है। यहां तक की चैरिटी पर भी इस टैक्स से छूट का प्रावधान है, कहीं पर कुल संपत्ति और नकद मूल्य का विरासत टैक्स 1% से भी कम होता है और कहीं-कहीं यह 20% से अधिक हो सकता है।
इस विवाद से कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यह कह दिया था की यदि हम सत्ता में आते है तो पूरे देश में आर्थिक सर्वे कराए जाएंगे और उसके बाद संपत्ति का पुनर्वितरण कराया जाएगा। राहुल गांधी के यह विचार भारत में अमीर और गरीब के बीच बढ़ती हुई खाई को पाटने के लिए एक क्रांतिकारी कदम हो सकता था। हां इसको लागू करना असंभव नहीं पर बहुत मुश्किल जरूर है। राहुल गाँधी के इस बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के अन्य बड़े नेताओं ने हमला बोला दिया। इस पर तमाम अलोचनाओं के बाद भी राहुल गांधी अपनी बात पर अड़े रहे और आगे कह दिया कि आप ये न समझें कि हमारे सत्ता में आने के बाद न सिर्फ जाति सर्वे होगा हम इसमें आर्थिक सर्वे भी शामिल करेंगे अर्थात देश में संपत्ति का पुनर्वितरण करेंगे। इसी बात को लेकर जब पत्रकारों ने सैम पित्रोदा से बात की तो उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए यह नई बात कह दी। जहां तक भारत में विरासत टैक्स का प्रश्न है तो यह देश में पंडित जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल में 1953 में लागू हुआ लेकिन इसे 32 साल बाद 1985 में प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में समाप्त कर दिया गया। गौरतलब है कि उस समय देश के वित्त मंत्री राजा मांडा विश्वनाथ प्रताप सिंह थे जो बाद में देश के 8वें प्रधानमंत्री बने। उन्होंने देश में ऐतिहासिक मंडल आयोग की सिफारिशें लागू कीं जिससे अति पिछड़ी जातियों को 27% आरक्षण लागू हुआ और सत्ता में पिछड़े वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित हुई जिसके आधार पर कई दल जाति पर आधारित जनगणना की बात कर रहे हैं।
प्रश्न यह उठता है कि उस समय भारत कि आर्थिक स्थिति बहुत संतोषजनक नहीं थी उसके कुछ वर्षों बाद ही भारत को अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए दीर्घकालीन ऋण के लिए आईएमएफ के पास जाना पड़ा और आईएमएफ की शर्तों के आगे अपनी आर्थिक नीतियां बदलनी पड़ीं। ऐसे में सरकार को विरासत टैक्स वापस लेने की क्या अवश्यकता थी जब की इससे अच्छे खासे राजस्व की प्राप्ति हो रही थी। आश्चर्य इस बात का है कि कांग्रेस ने भी पित्रोदा के इस सुझाव का समर्थन करने के बजाय पित्रोदा का निजी बयान कहकर किनारा कर लिया जबकि कांग्रेस यह भूल गई कि 70 के दशक में उनकी सबसे कद्दावर नेता इंदिरा गांधी ने राजाओं को दिये जाने वाले प्रिवीपर्स बंद कर दिये थे और इसे पूरा समर्थन मिला था और सरकार के इस कदम को सरकार के राजस्व की स्थिति को सुधारने वाला कदम माना गया था।
सैम पित्रोदा के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमला करते हुए दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौत के बाद उनकी संपत्ति सरकार के पास जाने से बचाने के लिए राजीव गांधी ने 1985 में भारत में विरासत टैक्स समाप्त कर दिया। इससे फायदा उठाने के पश्चात कांग्रेस इसे फिर से जनता के ऊपर थोपना चाहती है। अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो विरासत टैक्स के जरिये लोगों के पूर्वजों की ओर से छोड़ी गई आधी संपत्ति छीन लेगी। हो सकता है कि प्रधानमंत्री जी का यह भाषण चुनावी हो पर जो विरासत टैक्स सन् 1985 तक भारत में लागू रहा हो वह एकाएक जनता की सम्पत्ति की लूट का हिस्सा कैसे बन गया। सैम पित्रोदा के बयान को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती का बयान और भी हास्यास्पद् लगता है। उन्होंने कहा निजी सम्पत्ति पर विरासत टैक्स की सोच और उसकी पैरवी कांग्रेस की गरीबी हटाओ की चर्चित विफलता पर से लोगों का ध्यान भटकाना है। उन्होंने कहा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओ द्वारा भारत में धन व सम्पत्ति वितरण की आड़ में अमेरिका की तरह निजी सम्पत्ति पर विरासत टैक्स की सोच और उसकी पैरवी करना गरीबो की भलाई कम और गरीबी हटाओ की विफलता से ध्यान हटाने का चुनावी हथकंडा है। वास्तव में मायावती जी का यह विरोध उनके द्वारा अर्जित की गई अरबों की सम्पत्ति सरकार के पास जाने की चिंता के कारण है।
यह सच है कि इंफ्रास्ट्रॅक्चर के विकास हेतु सरकार के राजस्व को बढ़ाने के लिए जीएसटी समेत अनेक टैक्स लगाए गए। यहां तक कि सीनियर सिटीजन्स को रेल यात्रा के समय दी जाने वाली रियायतें वापस ले ली गयी है और मल्टीहॉप्टिलिटी अस्पतालों में दी जाने वाला डिस्काउंट भी समाप्त कर दिया गया है, फिर सैम पित्रोदा द्वारा सुझाए गए विरासत टैक्स पर इतना शोर-शराबा क्यों? पर हम सभी जानते हैं कि सैम पित्रोदा आर्थिक मामलों के जानकार होने के साथ-साथ यह भी समझते हैं कि वर्ष 2024 के चुनावों में कांग्रेस सत्ता में नहीं आने वाली है, इसलिए उनके इन सुझावों को चुनावी स्टंट कि संज्ञा न देकर, भारत सरकार के राजस्व बढ़ाने के उपाय के रूप में देखा जाना चाहिए। चाहे यह सुझाव किसी विपक्षी पार्टी के नेता द्वारा लाया गया हो, वैसे विगत वर्षों में सपा, बसपा और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भाजपा में शामिल हुए हैं और भाजपा सरकार और संगठन में महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व का निर्वाह कर रहे हैं और नीतिगत निर्णय ले रहे हैं तो फिर सैम पित्रोदा के सुझाव पर इतना शोर शराबा क्यों?

संपत्ति सर्वे वितरण और विरासत कर के बवंडर का सच अवधेश कुमार  कांग्रेस के रणनीतिकारों का जो भी मानना हो लेकिन उसके विचार ...
02/05/2024

संपत्ति सर्वे वितरण और विरासत कर के बवंडर का सच

अवधेश कुमार

कांग्रेस के रणनीतिकारों का जो भी मानना हो लेकिन उसके विचार एवं व्यवहार इन दिनों लगातार आम व्यक्ति को हैरत में डालते हैं। अनेक गंभीर लोग बातचीत में प्रश्न करते हैं कि आखिर कांग्रेस को हो क्या गया है? संपत्तियों के सर्वे और वितरण संबंधी विवाद कांग्रेस की स्वयं की देन है। इसे लेकर मचे बवंडर के बीच विदेश में कांग्रेस पार्टी की इकाई ओवरसीज कांग्रेस ऑफ इंडिया के प्रमुख सैम पित्रोदा ने उत्तराधिकार कर का बयान देकर इसे लोकसभा चुनाव के एक बड़े मुद्दे के रूप में स्थापित कर दिया है। स्वाभाविक है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित समूची भाजपा कांग्रेस पर यह आरोप लगा रही है कि वह लोगों के घरों में घुसकर संपत्तियों का सर्वे करेगी तथा समान वितरण के नाम पर अपने चाहत के अनुरूप समुदाय विशेषकर मुसलमानों के बीच बांट देगी उस समय यह बयान बवंडर को और बढ़ने वाला ही साबित होना था। सैम पित्रोदा के बयान को व्यक्तिगत कह कर खारिज करना आसान नहीं है। आखिर वह कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी हैं और सोनिया गांधी परिवार के निकटतम लोगों में माने जाते हैं। राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समानांतर विदेशों में प्रोजेक्ट करने , जगह-जगह उनका भाषण और पत्रकार वार्ताएं करने की पूरी कमान उनके हाथों होती है। वह कह रहे हैं कि जब हम सामान वितरण की बात करते हैं तो हमें अमेरिका जैसे इन्हेरिटेंस टैक्स यानी उत्तराधिकार कर पर भी विचार करना चाहिए। उनके अनुसार यहां कई राज्यों में पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति की विरासत संभालने वाले को 55% तक कर दे कर उसके हिस्से शेष 45% आता है। इससे स्वाभाविक ही यह शंका गहरी हुई कि कांग्रेस सत्ता में आने पर वाकई विरासत कर भी लगा सकती है।

अगर राहुल गांधी ने अपने भाषणों और वक्तव्यों में लगातार जाति जनगणना के साथ वित्तीय एवं आर्थिक सर्वे की बात नहीं करते तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा को इसे इतना बड़ा मुद्दा बनाने का अवसर नहीं मिलता। उनके भाषण और वक्तव्य सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं जिनमें वह कह रहे हैं कि हम सत्ता में आने पर जाति जनगणना करेंगे और उसके बाद क्रांतिकारी कदम उठाएंगे, संपत्ति के समान वितरण के लिए वित्तीय सर्वेक्षण करा कर देखेंगे कि किसके पास किस वर्ग के पास कितनी संपत्ति है। इसके बाद जितना जिसका हक होगा उतना उसको दिया जाएगा। कांग्रेस का घोषणा पत्र यानी न्याय पत्र जारी होने के पूर्व और बाद में भी वह इस पर बोलते रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि आप से मिलना चाहता हूं ताकि मैं आपको अपना घोषणा पत्र समझा सकूं। खड़गे सहित कांग्रेस पार्टी के अंदर कोई यह कहने को तैयार नहीं है कि हम वित्तीय और आर्थिक सर्वे नहीं करेंगे तथा समान वितरण की भी बात हमारे एजेंडे में नहीं है। इसकी बजाय कांग्रेस के नेता प्रवक्ता लगातार भारत में उद्योगपतियों, अरबपतियों को निशाना बनाते हुए इनमें से कुछ के हाथों धन सिमट जाने के वक्तव्य दे रहे हैं।

अगर सर्वेक्षण होगा तो फिर सर्वेक्षणकर्मी लोगों के घर में जाएंगे। घर वाले चाहें न चाहें उनकी एक-एक चीज देखी जाएगी। इसके अलावा अगर सर्वेक्षण का कोई तरीका कांग्रेस के पास है तो उसे बताना चाहिए। मंगलसूत्र जैसे शब्द व्यंग्यात्मक शैली में होते हैं। इनका इतना ही अर्थ है कि महिलाओं के आभूषण तक भी सर्वे में जाने जाएंगे। संपत्ति के विवरण के वैधानिक प्रावधानों में आभूषणों आदि की पूरी सूची और उसके मूल्य बताने ही पड़ते हैं। चूंकि राहुल गांधी अपनी घोषणा पर कायम हैं और कांग्रेस इससे पीछे नहीं हट रही तो सैम पित्रोदा के उत्तराधिकार कर से देश में भय पैदा हो गया है। कुछ लोगों ने तो यह भी तलाश लिया कि पहले भी भारत ने विरासत कर था और स्वयं पित्रोदा कोई नई बात का नहीं कह रहे हैं। प्रक्रांतर से यह स्वयं पित्रोदा के विचार का समर्थन करना ही है । निश्चित रूप से था और यह अंग्रेजों का बनाया हुआ कानून था जो व्यवहार में नहीं उतर पाया तथा सरकारी विभागों में इतनी मुकदमे हुए जिनके खर्च उससे प्राप्त से ज्यादा हो गया। हालांकि प्रधानमंत्री का आरोप है कि र राजीव गांधी के प्रधानमंत्रीत्व काल में उसे इसलिए हटाया गया, क्योंकि उन्हें बिना कर दिए अपनी मां की संपत्ति का उत्तराधिकार लेना था। सच है कि पारिवारिक संपत्ति में से संजय गांधी के परिवार को शायद ही कुछ प्राप्त हुआ हो। यह ऐसा मुद्दा रहा है जिसे आरंभिक दिनों में मेनका गांधी ने उठाया था।

बहरहाल, भले अर्थव्यवस्था, समाज और देश के बारे में समझ रखने वाले इसे उचित न मानें लेकिन कांग्रेस के अंदर भाव यही है कि राहुल गांधी की इन घोषणाओं का देश के आम लोगों पर बड़ा प्रभाव है और उन्हें लगता है कि कांग्रेस सत्ता में आई तो देश के धनी और संपन्न लोगों की संपत्तियां लेकर हमारे बीच बांटा जाएगा। वह मानते हैं कि इससे उनका वोट काफी बढ़ेगा और सत्ता में भी आ सकते हैं।

पिछले कुछ वर्षों से कांग्रेस की नीति और व्यवहार में पुरानी शैली के वामपंथियों की तरह संपत्तिवानों, उद्योगपतियों आदि के विरुद्ध घृणा और गुस्सा साफ परिलक्षित होता रहा है। उनको निशाना बनाया जाता है। पांच न्याय और 25 गारंटी में कांग्रेस ने ऐसी-ऐसी बातें की है जिनको धरातल पर उतारना भारतीय अर्थव्यवस्था के बूते की बात नहीं है।। लेकिन इस समय कांग्रेस के थिंक टैंक या सोनिया गांधी परिवार को सुझाव देने वाले मानते हैं कि कांग्रेस को पुराने वामपंथियों की तरह क्रांतिकारी तेवर धारण करना चाहिए तभी वह अपना खोया हुआ जनाधार वापस ला सकती है तथा भाजपा को हरा सकती है। सैम पित्रोदा ने जो कहा है वह इसी सोच का विस्तार है। हमारी आपकी दृष्टि में अमेरिका एक पूंजीवादी देश है लेकिन क्रांति हुए बिना वहां वामपंथियों की ताकत हमेशा सशक्त रही है। वहां ये सत्ता, प्रशासन, न्यायपालिका , मीडिया से लेकर पूरे थिंक टैंक पर हाबी हैं। वहां के बड़े-बड़े पूंजीपति जिनमें जार्ज सोरोस जैसे लोग शामिल है, भी अपने प्रकट लक्ष्यों और घोषणाओं में आधुनिक वामपंथी ही है। उनकी दृष्टि की लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में उनकी ही सोच की अर्थव्यवस्था, समाज के बीच संपत्ति का विभाजन, अल्पसंख्यकों के विशेषाधिकार आदि के लक्ष्य से भारत जैसे विकासशील देश में बदलाव के लिए अपने थिंक टैंक विकसित करते हैं और ऐसे लोगों को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं। उनका लक्ष्य ऐसे देश को सशक्त करना तो नहीं हो सकता । विदेशों में उनके भाषण होते हैं। इसलिए यह मानने का कोई कारण नहीं है कि राहुल गांधी, कांग्रेस के दूसरे नेता या सैम पित्रोदा के साथ उनके संवाद नहीं होंगे। इस अतिवादी वाम सोच में ही अल्पसंख्यकों के लिए वैसे विशेष प्रावधानों की घोषणाएं हैं जिन्हें देखकर भाजपा के लिए यह आरोप लगाना आसान हो गया है कि संपत्ति के सर्वे के पीछे राहुल गांधी और कांग्रेस का इरादा अल्पसंख्यकों के नाम पर मुसलमानों के बीच ही उसे वितरीत करना है। इस पर बहस हो सकती है तथा पहली दृष्टि में कहा जा सकता है कि भाजपा जानबूझकर कांग्रेस को मुस्लिमपरस्त साबित करने के लिए ऐसा कर रही है। किंतु कांग्रेस ने अभी तक इस बात का खंडन नहीं किया है कि उसकी मंशा मुसलमानों को विशेष तौर पर धन के वितरण में या आरक्षण आदि में शामिल करना नहीं है। यूपीए सरकार के दौरान आप देखेंगे कि केंद्र से राज्यों की कांग्रेस सरकारों ने मुसलमानों के लिए अनेक प्रावधान किये, अनेक संपत्तियां अलग-अलग इस्लामी संस्थाओं को दी गई और उनके लिए सरकार के नियम कानून तक बदले गए। बाद में दूसरी सरकारों ने उनमें से कई संपत्तियां वापस ली और इनमें न्यायालय का भी साथ मिला। भारतीय सभ्यता संस्कृति की परंपरागत व्यवस्था में संपत्तियों के अधिक संग्रह का आदेश नहीं था। परिश्रम से अर्जित करने पर रोक नहीं था लेकिन उसके स्वामित्व की सीमाएं रहीं हैं तथा अर्जित संपत्तियों को भी सहकारी जीवन की तरह मिल बांटकर खाने की व्यवस्था रही है। वर्तमान युग में अपनी क्षमता, प्रतिभा की बदौलत उत्तरोत्तर आर्थिक प्रगति पर किसी भी बंधन की स्वीकार्यता नहीं है। इससे समाज के विकसित होने की मानसिकता कमजोर होती है तथा यह पूरे देश की प्रगति को उल्टी दिशा में मोड़ना है। इसलिए संपत्ति पर कैप लगाना या उसके एक बड़े हिस्से का राष्ट्रीयकरण कर लोगों में बांटना या एक सीमा से ज्यादा संपत्ति पर जरूर से ज्यादा कर लगाकर उसकी आय को बांट देने की सोच का कभी समर्थन नहीं किया जा सकता। इससे भयावह अराजकता और उथल-पुथल की स्थिति पैदा होगी जिसे संभालना कठिन होगा। चूंकि कि चुनाव के बीच यह मुद्दा आ गया है इसलिए देश के लोगों को तय करना है कि वह इसके साथ है या विरोध में।

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