04/11/2025
बेंगलुरु के सर्जन डॉ. महेंद्र रेड्डी जी.एस. ने मई 2024 में त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. कृतिका से शादी की थी। लेकिन शादी के एक साल से भी कम समय बाद, अप्रैल 2025 में, कृतिका अपने मायके में थीं जब उन्हें अचानक पेट दर्द की शिकायत हुई।
उन्होंने अपने पति महेंद्र को फोन किया — मदद की गुहार लगाई। महेंद्र डॉक्टर और पति, दोनों की भूमिका में, शांत स्वभाव से पहुंचे और उन्हें IV फ्लूड लगाकर इलाज करने लगे।
पर कुछ ही घंटों में कृतिका बेहोश होकर गिर पड़ीं — अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। पहली नज़र में यह एक अचानक हुई मेडिकल त्रासदी लग रही थी। पुलिस को किसी तरह की साजिश नहीं दिखी, केस बंद करने की तैयारी थी। पर कृतिका के पिता और बहन ने हार नहीं मानी — उन्होंने पोस्टमॉर्टम की मांग की।
और छह महीने बाद, अक्टूबर 2025 में जो रिपोर्ट आई, उसने सब कुछ हिला दिया। कृतिका के शरीर में पाया गया प्रोपोफोल, एक शक्तिशाली एनेस्थेटिक ड्रग। जिस “इलाज” के नाम पर महेंद्र ने IV फ्लूड दिया था — वही वास्तव में ज़हर था। उपचार नहीं, हत्या।
महेंद्र की गिरफ्तारी के बाद कहानी और भी काली होती गई। पत्नी की मौत और गिरफ्तारी के बीच के महीनों में, वह अपनी पुरानी प्रेमिकाओं को संदेश भेज रहा था, पुराने रिश्ते फिर से शुरू करने की कोशिश में। एक मुंबई की महिला ने जो खुलासा किया, वह रूह कंपा देने वाला था। साल 2023 में, महेंद्र ने अपनी मौत का नाटक रचा था — उसके पिता ने उस लड़की को बताया था कि महेंद्र की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। लड़की ने दुख में रिश्ता खत्म कर दिया। लेकिन कृतिका की मौत के बाद, महेंद्र अचानक फिर से ज़िंदा लौट आया।
उसने लड़की से कहा — “मैं हमेशा तुमसे प्यार करता था, पर एक ज्योतिषी ने कहा था कि मेरी पहली पत्नी शादी के कुछ सालों में मर जाएगी।” उसने दावा किया कि उसकी “मौत”, “शादी” और “पत्नी की मौत” — सब उस भविष्यवाणी का हिस्सा थे। अब जब वह विधुर था, तो वह फिर से उस लड़की से शादी करना चाहता था। लड़की घबरा गई, और उसे ब्लॉक कर दिया। क्रोध में पागल महेंद्र ने उसे PhonePe पर एक भयावह संदेश भेजा — “मैंने अपनी पत्नी को तुम्हारे लिए मारा।”
महेंद्र एक शिक्षित, शांत, कानून मानने वाला व्यक्ति था — कोई आपराधिक इतिहास नहीं, कोई विकृति का संकेत नहीं। और शायद यही बात इस पूरे मामले को सबसे डरावना बनाती है। कौन सी सोच, कौन सा अंधविश्वास, कौन सी विकृत आसक्ति एक शिक्षित इंसान को इस हद तक ले जा सकती है कि वह प्यार के नाम पर हत्या कर दे? ईश्वर करे, ऐसे राक्षस को कभी आज़ादी की हवा न मिले।