अल्फाज़

अल्फाज़ शायरी
(1)

कुछ कल्पनाएँ इतनी रुचिकर होती हैं कि वे सच होती तो इतिहास की धुरी को ही बदल देती हैं। क्या होता अगर हिटलर रूस पर आक्रमण ...
20/07/2025

कुछ कल्पनाएँ इतनी रुचिकर होती हैं कि वे सच होती तो इतिहास की धुरी को ही बदल देती हैं। क्या होता अगर हिटलर रूस पर आक्रमण न करता? क्या होता अगर मराठे पानीपत में नहीं हारते? क्या होता अगर 1857 का विद्रोह पेशवा नानासाहब की योजना के अनुसार ही होता? शायद आज विश्व का मानचित्र ही कुछ और होता।

ऐसी ही एक कल्पना दुनिया के भू-राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाती रहती है। क्या होगा अगर हाथी और ड्रैगन एक ही खेमे में खड़े हो जाएं?

बीजिंग में जब राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच बातचीत हुई, तो इसकी कवरेज वर्ल्ड वाइड हुई।
गलवान से शुरू हुई कड़वाहट के बाद, 2024 के अक्टूबर समझौते ने जो नई उम्मीदें जगाई थीं, वे अब एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गई हैं जहां दोनों देश केवल सीमा समझौते से कहीं आगे की बात कर रहे हैं।

दुनिया की 37% आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले ये दो देश अगर वास्तव में एक मंच पर आ जाएं, तो पहली चुनौती अमेरिका के वैश्विक नेतृत्व को होगी।

चीन की 18.8 ट्रिलियन डॉलर और भारत की 4.5 ट्रिलियन डॉलर की संयुक्त अर्थव्यवस्था न केवल अमेरिका की 28 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था को चुनौती देगी, बल्कि NATO के 30 देशों के सामूहिक बल से भी बड़ा खतरा साबित हो सकती है।

पर असली सवाल यह है - क्या चीन अपनी विस्तारवादी नीति को त्यागकर भारत के साथ विश्वसनीयता बनाने को तैयार है?

चीन का हार्डवेयर साम्राज्य और भारत की सॉफ्टवेयर महाशक्ति जब एक होगी तो जो तकनीकी तूफान आयेगा वह सिलिकॉन वैली के बादशाहत समाप्त कर सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में चीन की अग्रणी तकनीक और भारत के IT सेक्टर का संयोजन ऐसी क्रांति हो सकता जो दुनिया से Google और Microsoft के एकाधिकार को ख़त्म कर दे ।

क्वांटम कंप्यूटिंग में चीन की उछाल और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता मिलकर ऐसे नए आयाम खोल सकती है जिनकी कल्पना पश्चिम ने कभी नहीं की थी।

34 लाख से अधिक सक्रिय सैनिकों और 330 बिलियन डॉलर के संयुक्त रक्षा बजट के साथ, चीन-भारत सैन्य गठबंधन दुनिया की सबसे शक्तिशाली फौजी मशीन बन सकता है। दोनों देशों के पास कुल मिलाकर 470 से अधिक परमाणु हथियार हैं - यह संख्या अकेले ही यूरोप के लिए दुःस्वप्न बनने के लिए काफी है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना का वर्चस्व, जो दशकों से अटूट माना जाता था, अचानक से एक चुनौती का सामना कर सकता है जिसके लिए Pentagon बिल्कुल तैयार नहीं है।

चीन की सोलर पैनल निर्माण क्षमता और भारत की बढ़ती नवीकरणीय ऊर्जा महत्वाकांक्षा मिलकर तेल निर्यातक देशों के लिए एक ऐसा संकट खड़ा कर सकती है जिसकी तुलना 1973 के तेल संकट से की जा सकती है। दोनों देशों की संयुक्त ऊर्जा मांग वैश्विक तेल कीमतों को नियंत्रित करने की क्षमता रखती है।
परमाणु ऊर्जा में चीन की तकनीकी दक्षता और भारत के थोरियम भंडार का संयोजन ऐसी ऊर्जा क्रांति ला सकता है जो मध्य-पूर्व की भू-राजनीति को हमेशा के लिए बदल दे।

50 करोड़ छात्रों और शोधकर्ताओं का संयुक्त शैक्षिक तंत्र पश्चिमी विश्वविद्यालयों के एकाधिकार को तोड़ सकता है। चीनी अनुशासन और भारतीय विविधता का मिश्रण एक ऐसा सांस्कृतिक मॉडल प्रस्तुत कर सकता है जो लोकतंत्र के पश्चिमी संस्करण के लिए गंभीर चुनौती साबित हो।
बॉलीवुड और चीनी फिल्म इंडस्ट्री का संयुक्त प्रभाव हॉलीवुड के वैश्विक वर्चस्व को इस तरह से हिला सकता है जिसकी कल्पना Disney या Netflix ने कभी नहीं की थी।

चीन की बेल्ट एंड रोड पहल में भारत की भागीदारी का मतलब होगा 400 करोड़ लोगों को जोड़ने वाला दुनिया का सबसे बड़ा कनेक्टिविटी नेटवर्क। यह केवल सड़कों और रेलवे का मामला नहीं है - यह एक ऐसी आर्थिक क्रांति है जो यूरोप और अमेरिका के व्यापारिक मार्गों को हमेशा के लिए गौण बना सकती है।
हाई-स्पीड रेल कनेक्टिविटी से जकार्ता से मुंबई तक का सफर केवल 12 घंटे में पूरा हो सकेगा यह समय अभी न्यूयॉर्क से लंदन जाने में लगता है।

लेकिन यह सब इतना आसान नहीं है। सीमा विवाद,पाकिस्तान के साथ चीन की गहरी दोस्ती, कश्मीर मुद्दे पर चीन का रुख, और CPEC परियोजना भारत के लिए ऐसी चुनौतियां हैं जिन्हें नजरअंदाज करना असंभव है।

अमेरिका भी चुपचाप बैठने वाला नहीं है , QUAD, AUKUS और NATO के माध्यम से वह ऐसी प्रतिक्रिया दे सकता है जो तीसरे विश्व युद्ध की आहट हो

मगर फिर भी :

आज कल जो अटकलें न्यू दिल्ली एयूए बीजिंग की गलियारों में गूंज रही हैं, वे कल की हकीकत बनती हैं तो 21वीं सदी का नक्शा वैसा नहीं रहेगा जैसा आज दिख रहा है।

शायद इसलिए अमेरिका इन दो पुराने सांस्कृतिक मित्र देशों को एक होने भी नहीं देगा। संदेह के बीज बोते रहेगा

20/07/2025
मुलायम का बेटा अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बन गया।मुलायम की बहू डिंपल यादव सांसद बन गईं।मुलायम का भाई शिवपाल यादव मंत्री बन ...
18/07/2025

मुलायम का बेटा अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बन गया।

मुलायम की बहू डिंपल यादव सांसद बन गईं।

मुलायम का भाई शिवपाल यादव मंत्री बन गया।

मुलायम का चचेरा भाई रामगोपाल यादव सांसद बन गया।

मुलायम का भतीजा धर्मेंद्र यादव सांसद बन गया।

मुलायम का दूसरा भतीजा अक्षय यादव सांसद बन गया।

मुलायम की पोती और अखिलेश यादव की बेटी यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल रिलेशन की पढ़ाई कर रही हैं, 2024 के चुनावों में आईं और सैकड़ों चैनलों को इंटरव्यू दिया।

मुलायम का तीसरा भतीजा तेज प्रताप यादव सांसद बन गया।

मुलायम का सौतेला बेटा प्रतीक यादव अरबपति है, लखनऊ में कई जिम और क्लब्स का मालिक है, और फ़रारी में चलता है।

मुलायम का चौथा भतीजा अभिषेक यादव “अंशुल” जिला पंचायत अध्यक्ष बन गया।

मुलायम के भाई राजपाल यादव की पत्नी प्रेमलता यादव भी जिला पंचायत अध्यक्ष बन गईं।

मुलायम के भाई शिवपाल यादव की पत्नी सरला यादव जिला सहकारी बैंक की राज्य प्रतिनिधि बन गईं।

मुलायम के भाई शिवपाल यादव का बेटा आदित्य यादव UPPCF का चेयरमैन बन गया।

मुलायम की भतीजी संध्या यादव जिला पंचायत अध्यक्ष बन गईं।

मुलायम की चचेरी बहन गीता यादव का बेटा अरविंद यादव ब्लॉक प्रमुख बन गया।

मुलायम की पोती शीला यादव जिला विकास परिषद की सदस्य बन गईं।

मुलायम का बहनोई अजंत सिंह यादव BDC सदस्य बन गया।

इस पाखंड को आपको समझना चाहिए।

यह सिर्फ़ आपके बच्चों से साइकिल चलवायेंगे और मुलायम के बाद अखिलेश की ग़ुलामी करने लायक बनायेंगे।

लेकिन ये अपने बच्चों को डॉक्टर, बिजनसमैन और लीडर बनायेंगे।

साभार

एक लड़की की हत्या हो गई। उसकी हत्या बहुत सुंदर होती अगर उसे चाकू गोदा जाता। ज़हर पिला दिया जाता। गर्दन दबा दिया जाता है।...
16/07/2025

एक लड़की की हत्या हो गई। उसकी हत्या बहुत सुंदर होती अगर उसे चाकू गोदा जाता। ज़हर पिला दिया जाता। गर्दन दबा दिया जाता है। गोली मारी जाती। गंडासे से उसका सर उतार दिया जाता।

पर उसे आत्महत्या करने पर मजबूर किया गया। उसके ही प्रोफेसर ने उससे सेक्सुअल फेवर मांगे थे। अब यह यूनिवर्सटिज में कॉमन हो गया है। रिसर्च गाइड का अपने छात्राओं को पोटेंशियल वासनापूर्ति का साधन मानना टैबू नहीं रहा है। हो सकता है प्रोफेसर आपस में बात भी करते हों। फ्लेक्स करते हों , मैंने इतना स्कोर कर दिया है। तुम अपना बताओ ?

विवेकानंद धर्म की व्याख्या करते हुए कहते थे कि अपनी स्त्री को छोड़कर दुनिया की हर स्त्री माँ होती है। मगर धर्म हमारे लिए पाखंड है। हमने धर्म को त्याग दिया है। पाखंड का धारण किया है और अब उसे ही धर्म कहते है।

वामपंथ की व्याख्या ही उचित है जहाँ योनि इज्जत से जुड़ा प्रश्न नहीं है। अपने आनंद और लाभ के लिए इसका उपयोग होना चाहिए। शायद तब कोई नैतिकता का भार लेकर ना चले और ना मरे।

कोई क़ानून ऐसे अपराधों को अब रोक नहीं सकता। क्योंकि समाज ही कामलोलुप हो चुका है। यह अपने स्त्रियों के बाइज्जत घर लौटने की उम्मीद से छोड़ता है और दूसरों की स्त्रियों को देखते ही निचोड़ लेने की चाहत रखता है।

Address

Delhi

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when अल्फाज़ posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share