07/12/2025
एक पिता अपनी बेटी के लिए सिर्फ एक सैनिटरी पैड मांग रहा था…बेटी दर्द में थी… और सामने खड़ी हजारों करोड़ की इंडस्ट्री में एक इंसानियत तक नहीं मिली IndiGo की फ्लाइट कैंसिलेशन की अफ़रा-तफ़री में न सिस्टम सुन पाया, न एयरलाइन समझ पाई कि यात्रा सिर्फ टिकट की नहीं—इज़्ज़त और ज़िंदगी की भी होती है। पिता चीखता रहा “मेरी बेटी को पैड चाहिए…”और जवाब मिला —“हमारे पास नहीं है।” क्या यही है हमारा विकास जहाँ ‘3rd largest economy’ का सपना तो है, पर एक लड़की के लिए बुनियादी मदद भी नहीं? ये किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं, उस सिस्टम के खिलाफ है जो उड़ानें तो देता है, पर मानवता ज़मीन पर छोड़ देता है। और हम सब गुनहगार हैं क्योंकि हम चुप हैं।