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आज एक यूट्यूब चैनल पर कोई कह रहा था कि महाराष्ट्र में भाजपा शपथ ग्रहण की तिथि इसलिए टालती जा रही है क्योंकि वह शपथ ग्रहण...
02/12/2024

आज एक यूट्यूब चैनल पर कोई कह रहा था कि महाराष्ट्र में भाजपा शपथ ग्रहण की तिथि इसलिए टालती जा रही है क्योंकि वह शपथ ग्रहण से पहले अन्य दलों से कुछ और विधायकों को अपनी ओर मिलाकर स्वयं का ही पूर्ण बहुमत पा लेना चाहती है। इस दावे की सच्चाई को परखने का तो कोई तरीका नहीं है। लेकिन इस बात की संभावना ही अधिक लगती है।

पिछली बार भी शिंदे के साथ मिलकर भाजपा के पास बहुमत था, फिर भी उसने अजीत पवार को साथ लिया। इस बार तो शिंदे जी के क्रियाकलाप देखकर यह और भी आवश्यक लग रहा है कि भाजपा अपने लिए अन्य विकल्प भी तैयार रखे।

अन्य दलों के अनेक विधायक भी साथ आना चाहते ही होंगे क्योंकि चुनाव में जो भारी खर्च होता है, उसकी भरपाई और अगले चुनाव के खर्चे की व्यवस्था सत्ता में हिस्सेदारी पाए बिना नहीं हो सकती।

वैसे तो निर्दलीय विधायकों को साथ लेकर भी भाजपा का काम निकल जाएगा, पर यदि शरद पवार के गुट वाले सब विधायक पाला बदलकर भाजपा में चले जाएँ तो वह असली भूकंप होगा।

गौतम बुद्ध ने कहा था कि जीवन में संतुलन होना चाहिए। वीणा के तारों को इतना भी मत खींचो कि वे टूट जाएँ और इतना ढीला भी मत छोड़ो कि उनसे स्वर ही न निकलें।

यह तो उचित है कि शिंदे जी अपने राजनैतिक लाभ के लिए भाजपा से मोलभाव करें, पर उन्हें भी संतुलन का ध्यान रखना चाहिए। यह बात तो वे भी अच्छी तरह समझते होंगे कि मोदी-शाह किसी के दबाव में नहीं आते हैं और आमने-सामने की लड़ाई में उनसे कोई जीत भी नहीं सकता। इसलिए इतना भी दबाव डालने का प्रयास न करें कि भाजपा झुकने की बजाय उन्हीं को तोड़ दे।

25/08/2024

पिछले दो तीन माह में कई विदेशी कंपनियों ने आंध्र प्रदेश में हजारों करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है। कल ही मैंने समाचार पढ़ा कि ब्रुकफील्ड कंपनी भी अब एक अरब डॉलर का निवेश करने वाली है।

विदेशी कंपनियां भारत में निवेश करती हैं, इसमें कोई नई बात नहीं है। चंद्रबाबू नायडू के मुख्यमंत्री बनने के बाद कंपनियां यदि आंध्र प्रदेश में निवेश कर रही हैं, तो इसमें भी कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि भारत को आईटी सेक्टर का सुपर पॉवर बनाने और आज से पच्चीस वर्ष पहले हैदराबाद जैसे शहर को विश्व में सॉफ्टवेयर निर्यात का एक बड़ा केन्द्र बनाने में चंद्रबाबू नायडू की बहुत बड़ी भूमिका थी।

लेकिन आंध्र प्रदेश में अचानक बढ़ रहे ऐसे विदेशी निवेश के कारण राजनैतिक रूप से भाजपा को इस बात से चिंता होनी चाहिए।

कुछ दिनों पहले मैंने लिखा था कि जो बांग्लादेश में हुआ, वैसा ही कुछ अब अमरीका शायद भारत में करने के प्रयास में है। यदि वर्तमान भारत सरकार को अस्थिर करना हो, तो नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू में से कम से कम एक को साधना पड़ेगा। इस वर्ष तो मोदी सरकार ने बजट में 50 हजार करोड़ रुपए देकर आंध्र प्रदेश को संतुष्ट कर दिया था लेकिन हर साल यह मांग बढ़ भी सकती है और दूसरी ओर यदि विदेशों से लाखों करोड़ का निवेश आने लगे, तो पचास हजार करोड़ की राशि उसके आगे नहीं टिक पाएगी।

यह याद रखें कि लोकसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं है और नायडू, नीतीश कुमार, पासवान आदि सबका समर्थन पाकर भी एनडीए सरकार केवल 21 सीटों के बहुमत पर टिकी हुई है जिनमें से 16 सीटें अकेले नायडू की पार्टी तेलुगु देसम की ही हैं।

एक अफवाह यह भी चल रही है कि आंध्र बैपटिस्ट चर्च के माध्यम से अमरीकी सरकार चंद्रबाबू नायडू पर एनडीए से समर्थन वापस लेने के लिए दबाव डाल रही है। कुछ दिनों पहले ही हैदराबाद के अमरीकी दूतावास की महावाणिज्यदूत (काउंसल जनरल) ने ओवैसी, चंद्रबाबू नायडू और रेवंत रेड्डी से मुलाकात की थी। उसके कुछ ही समय बाद चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया और अब वह विधेयक संसद की एक संयुक्त समिति को भेज दिया गया है जिसके सदस्यों में से एक नाम ओवैसी का भी है।

यह सब देखते हुए राजनैतिक रूप से भाजपा के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि या तो वह चंद्रबाबू नायडू के किसी भ्रष्टाचार या किसी न किसी अन्य मामले की कोई फाइल या सीडी बनाकर तैयार रखे अथवा आंध्र प्रदेश की सरकार पर दबाव बनाने का कोई न कोई और साधन ढूंढकर रखे, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तुरंत उसका उपयोग किया जा सके। यदि दोस्ती के भ्रम में चलते रहेंगे, तो पता नहीं कब अचानक धोखा खाना पड़ेगा।

मेरी बातों से कुछ लोगों को आपत्ति हो सकती है, लेकिन राजनीति नैतिकता से नहीं, धूर्तता से ही चलती है। सादर!

- सुमंत विद्वांस जी के विचार

07/08/2024

Do you work in the Political Consulting Domain?
10 Political Consulting Organizations where you can give wings to your career !

07/08/2024

Politics is not about exercising power. Using the power given by the people for the development of the people of the country !

03/08/2024

आप राजनीतिक सलाह क्यूँ नही लेते ?

I asked Al to imagine the INDIA alliance coming to power.Who would handle the important ministries? The results will blo...
27/06/2024

I asked Al to imagine the INDIA alliance coming to power.

Who would handle the important ministries? The results will blow your mind!

Made with Al + Photoshop

Disclaimer: The following images are created through artificial intelligence for experimental and entertainment purposes. We wish to emphasize that these images are entirely fictional, and no intention exists to defame, harm, or malign any public figure or belief.

-source

📣क्या आप जानते हैँ  🤷‍♂️ 🕵️‍♂️?✅ झारखण्ड राज्य का प्रस्ताव पहली बार 1912 में हज़ारीबाग़ शहर के सेंट कोलम्बस कॉलेज के एक छा...
26/06/2024

📣क्या आप जानते हैँ 🤷‍♂️ 🕵️‍♂️?
✅ झारखण्ड राज्य का प्रस्ताव पहली बार 1912 में हज़ारीबाग़ शहर के सेंट कोलम्बस कॉलेज के एक छात्र द्वारा रखा गया था। 👨‍🎓✍️


The   assembly unanimously adopted a resolution urging the Centre to officially change the state's name to "Keralam"    ...
25/06/2024

The assembly unanimously adopted a resolution urging the Centre to officially change the state's name to "Keralam"

Beginning is always the hardest!
24/06/2024

Beginning is always the hardest!

22/06/2024

As Prime Minister visited , the attacked him and asked why hasn't the state been granted status as promised by him.

08/06/2024

लोकसभा चुनाव विश्लेषण :

लोककसभा चुनाव में भाजपा का परफॉरमेंस नीचे गिरा है और विपक्ष का बढा है, इससे सभी सहमत होंगे।

विपक्ष से मेरा मतलब वो सभी सीट्स है, जहाँ मोदी नेतृत्व के उम्मीदवार के विरोध में विपक्ष के किसी भी पार्टी के उम्मीदवार ने चुनाव लड़ा।
दो प्रमुख कारण भाजपा के परफॉरमेंस का नीचे जाने मे और दो कारण विपक्ष का मजबूत होने मे :

भाजपा के नीचे जाने के दो प्रमुख कारण :
A- विपक्ष के रणनीति और नरेटिव को तवज्जो न देना या यूँ कहें सीरियसली नहीं लेना

B- भाजपा ने कुछ ऐसा नया सकरत्माक वादा या काम नहीं बताया जनता को, बस एक लाइन छोड़कर, जो मोदी जी के द्वारा कहा गया की - कुछ बड़े फैसले लूंगा, यह एक लाइन प्रचारित किया गया। जबकि 10 साल आपकी बहुमत में सरकार रहने के बाद, आप जनता के बीच जा रहे हैँ तो कुछ बड़े वादे और काम, बताना चाहिए था या बताये तो वो उस स्तर तक प्रचारित नहीं हो पाई।

विपक्ष मजबूत होने के दो प्रमुख कारण :

A- राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा जैसे अभियान को जमीनी स्तर तक प्रचारित करना और गरीबों के रक्षक जैसा वातावरण क्रिएट करने में सफल, राम मंदिर के उद्घाटन में विपक्ष का न जाना, राम मंदिर के नरेटिव को ज्यादा फैलने से रोकना। उद्घाटन में न जाना, रणनीति के तहत सही फैसला

B - संविधान और आरक्षण के खतरे में होने के नरेटिव को सही रणनीति के साथ प्रचारित करने में कामयाब

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