06/09/2024
ग्लोबल मेवात
#खबर
#साहिब_हत्याकांड: सियासी साजिश और सच्चाई
सात साल पहले पुनहाना की गलियों में एक मासूम की हत्या ने मेवात को झकझोर कर रख दिया था। साहिब, जो निर्दोष था, उसे पुलिस की बर्बरता ने छीन लिया। लेकिन इस दर्दनाक घटना के पीछे एक और गहरी सियासी साजिश थी, जिसका असली मास्टरमाइंड इलियास नामक नेता था। उस वक्त इलियास पूर्व विधायक थे और साहिब की मौत को अपनी राजनीतिक वापसी के लिए इस्तेमाल करने का मंसूबा बना रहे थे। 2019 के चुनाव में, इसी षड्यंत्र के जरिए इलियास विधायक बने।
#इलियास_का_षड्यंत्र: इंसाफ की आड़ में सियासत
जब साहिब की हत्या हुई, पूरा मेवात इंसाफ की मांग कर रहा था। रहीस खान, जो पुनहाना के निर्दलीय विधायक थे, ने पुलिस पर कार्यवाही और मुआवजे की पेशकश की थी। लेकिन इलियास, जो कांग्रेस के पूर्व विधायक थे, ने इस मौके को राजनीतिक साजिश में बदलने का निर्णय किया। साहिब की डेड बॉडी को 16 दिनों तक दफनाने से रोककर, इलियास ने रहीस खान को बदनाम करने का खेल शुरू कर दिया।
इलियास ने साहिब के परिवार को धमकाया कि अगर उन्होंने रहीस खान की मदद ली तो उनके 57 परिजनों को जेल जाना पड़ेगा। इस तरह, उन्होंने परिवार को अपने पक्ष में मजबूर किया और रहीस खान के खिलाफ माहौल बनाया। रहीस खान के खिलाफ जनता को भड़काने के लिए जगह-जगह जूता-चप्पल की मालाएं लटकवाकर, इलियास ने रहीस खान को बिरादरी में राजनीतिक रूप से अलग-थलग करने का काम किया।
#राजनीति_के_लिए_मौत_का_इस्तेमाल
साहिब की हत्या के बाद, इलियास ने साहिब के परिवार के दर्द को अपने सियासी फायदे के लिए इस्तेमाल किया। जब 2019 के चुनाव करीब आए, इलियास ने साहिब की मौत को अपने चुनावी अभियान का मुख्य मुद्दा बना दिया। वह जनता की सहानुभूति को भुनाने में सफल रहे, और इसी सियासी चालबाजी के कारण इलियास 800 वोटों के मामूली अंतर से विधायक बनने में सफल हो गए।
यह जीत उनके षड्यंत्र की सबसे बड़ी उपलब्धि थी। इलियास ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए साहिब की मौत को एक साधन बना लिया, और रहीस खान के खिलाफ जहर बोने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
#सच्चाई_का_सामना_और_परिवार_का_दर्द
अब 2024 के चुनाव नजदीक आ रहे हैं, और इलियास एक बार फिर वही खेल खेलने की तैयारी में हैं। लेकिन इस बार साहिब का परिवार खुलकर सामने आ रहा है। वे इलियास की सच्चाई उजागर कर रहे हैं। परिवार ने कहा कि साहिब की मिट्टी लगने के बाद इलियास कभी उनका हालचाल पूछने तक नहीं आए। न ही उन्होंने किसी प्रकार की मदद की।
साहिब की मौत के समय जो पैसे नेताओं और लोगों से मिले थे, उन्हें भी इलियास ने अपने सियासी खेल में खर्च कर दिया। दिल्ली तक बसों और गाड़ियों के खर्च में यह पैसा उड़ाया गया, और परिवार को उनके हाल पर छोड़ दिया गया।
#इलियास_की_राजनीति_का_असली_चेहरा
इलियास, जो खुद को जनता का नेता बताते हैं, ने साहिब की मौत को अपने सत्ता की सीढ़ी बना लिया। इंसाफ की मांग करने वाले परिवार को उन्होंने अपने राजनीतिक हथकंडों में फंसाया और रहीस खान को बदनाम किया। इलियास की साजिश ने न केवल साहिब के परिवार को, बल्कि पूरे मेवात को धोखा दिया।
आज, जब फिर से चुनाव सामने हैं, जनता को इस साजिश के असली चेहरे को पहचानने का वक्त आ गया है। इलियास ने साहिब की मौत को अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया, और अब फिर से उसी नाटक को दोहराने की कोशिश कर रहे हैं।
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साहिब हत्याकांड ने मेवात को एक ऐसा सबक सिखाया है, जो सियासत के घिनौने खेल को उजागर करता है। इलियास, जो 2019 में इसी साजिश के बदौलत विधायक बने, अब फिर से वही दांव खेलना चाहते हैं। लेकिन इस बार जनता को सच्चाई से वाकिफ होना चाहिए। सत्ता की भूख में इंसानियत और इंसाफ को कुचलने वाले ऐसे नेताओं को बेनकाब करना अब मेवात की जिम्मेदारी है।