11/09/2025
आंख मारी है तो मारी है बताऊं कैसे,
लगी चोट अगर सीने में
तो मैनु क्या।
हर बार सदियों तक
दुपट्टे को संवारा है मैंने,
उलझ जाये नजारों में तो मैनु क्या।
सदियों तक वसूलों को संजोए रक्खा,
बिखर जाये अगर फिजाओं में तो मैनु क्या।
बात इतनी-सी अगर हो तो भुला जाऊं
इतिहास बना डाली तो मैनु क्या।
वाकिफ हो तुम भी राज के इशारों से,
फिर भी नासमझ कहती हो मैनु क्या।
लूटने वालों ने तो लूट लिया महफ़िल सारा
बच गयी छांछ तो मैनु क्या।