15/08/2025
मेरे प्यारे विद्यार्थियों,
आज जब तिरंगा आसमान में लहराता है,
तो सोचो—अगर देश के सपूत डर जाते,
तो ये हवा भी गुलामी की होती,
और हम सब सिर झुकाए खड़े होते।
तुम्हारे जीवन का रण-क्षेत्र है तुम्हारी परीक्षा,
जहाँ तुम्हारा हथियार है ज्ञान,
और तुम्हारा कवच है मेहनत।
याद रखो,
क्रांति सिर्फ़ तोपों और तलवारों से नहीं होती,
कभी-कभी यह कलम और किताबों से भी होती है।
आज जो तुम पन्ने पलटते हो,
वही कल तुम्हारे परिवार की किस्मत पलटेंगे।
तो इस स्वतंत्रता दिवस,
अपने डर, आलस्य, और बहानों को फेंक दो,
और मन में वही ज्वाला जलाओ,
जो भगत सिंह, सुखदेव और चंद्रशेखर आज़ाद के सीने में जलती थी।
तुम्हारा हर शब्द, हर उत्तर,
भारत के भविष्य की इमारत में एक ईंट है।
और मैं तुमसे वादा चाहती हूँ—
तुम पढ़ाई में वह जीत हासिल करोगे,
जिस पर तिरंगा भी गर्व करेगा।”