
19/08/2025
गाँव के बाहर छोटा सा शिव मंदिर था, जिसमे एक वृद्ध पुजारी रहते थे, एक दिन एक गरीब माँ अपने नन्हे से बालक को मंदिर के द्वार पर छोड़कर चली गई, बहुत खोजने पर भी पुजारी जी को बालक के परिवार का कुछ भी पता न चला।
जब गाँव का कोई व्यक्ति उस बालक को रखने के लिए तैयार न हुआ तो पुजारी ने भगवान् शिव की इच्छा समझकर उसे अपने पास रख लिया और उसका नाम भोला रखा, गाँव के श्रद्धालु भक्तो से जो कुछ प्राप्त होता,उसी से भगवान् शिव का, पुजारी जी का और बालक भोला का किसी तरह गुजारा चलता था
किसी दिन कम पड़ता तो पुजारी जी बालक और भगवान् को भोग लगाकर स्वयं गंगाजल पीकर दिन गुजार देते, धीरे-धीरे भोला बड़ा होने लगा और अब वह पुजारी जी के कामो मे हाथ बांटने लगा, वृद्ध पुजारी जी के थके-हारे हाथो को कुछ आराम मिलने लगा, इसलिए उन्होने भोला को मंदिर की सफाई, शिव की पूजा,उनको भोग लगाने और उनकी आरती करने की विधि अच्छी प्रकार समझा दी। share karo