11/10/2022
80 साल की उम्र में युवा जैसी ऊर्जा से ओत-प्रोत हिंदी सिनेमा के शहंशाह और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं व अनंत बधाई.......
बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता और अभिनय के जादूगर अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था. इनके पिता डॉ हरिवंश राय बच्चन हिंदी के प्रसिद्ध कवि थे और माँ तेजी बच्चन का संबंध कराची के सिख परिवार से था. आरंभ में बच्चन का नाम इंकलाब रखा गया था जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रयोग में किए गए प्रेरित वाक्यांश इंकलाब जिंदाबाद से लिया गया था। लेकिन बाद में इनका फिर से अमिताभ नाम रख दिया गया जिसका अर्थ है, "ऐसा प्रकाश जो कभी नहीं बुझेगा"। अभिनय का संस्कार इन्हें अपनी माता तेजी बच्चन से मिला था क्योकि इनकी माताजी को थिएटर में गहरी रुचि थी और उन्हें फिल्म में भी रोल की पेशकश की गई थी किंतु पारिवारिक व्यस्तता के कारण इन्होंने उसे अस्वीकर कर दिया।अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून से पूरा करने के बाद महाविद्यालयी शिक्षा के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ी मल महाविद्यालय में अपना नामंकन कराया। यहीं से उनके अंदर अभिनय का कीड़ा जागा औए कालेज के दिनों में वे थियेटर से जुड़ गए। जीविका निर्वहन के लिए उन्होंने कुछ दिनों तक कोलकता की एक शिपिंग फर्म बर्ड एंड कंपनी में किराया ब्रोकर की नौकरी भी की. लेकिन उनका मन तो अभिनय में रम गया था जिसके लिए वे नौकरी छोड़कर मुम्बई आ गए और फिल्मों मे अभिनय करना शुरू किया।इन्होंने अपनी फिल्मी कैरियर की शुरूआत 1969 ई. में ख्वाज़ा अहमद अब्बास के निर्देशन में बनी सात हिंदुस्तानी के सात कलाकारों में से एक कलाकार के रूप में की, यह फिल्म व्यावसायिक रूप में भले ही उतनी सफल नहीं हो पाई लेकिन उनके अभिनय की तारीफ हुई और इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से नवाजा गया।1969 से लेकर 1972 तक अमिताभ ने कई फिल्मों में काम किया जिसमें कुछ फिल्में सफल तो कुछ असफल रहीं. इस दौरान की उनकी प्रमुख फिल्मों के रूप में-- आनंद (1971), परवाना (1971),रेशमा और शेरा (1971), गुड्डी, बावर्ची, बाम्बे टू गोवा आदि है. अमिताभ के जीवन में 1973 ई. खास रहा है क्योकि इसी वर्ष वे फिल्मी दुनिया में अपने अभिनय का लोहा मनवाया और बावर्ची से शुरू हुई अपने प्रेम सफर को शादी के डोर में उस समय की मशहूर अभिनेत्री जया भादुड़ी से बंधे. इस वर्ष जब प्रकाश मेहरा ने इन्हें अपनी फिल्म जंजीर (१९७३) में इंस्पेक्टर विजय खन्ना की भूमिका के रूप में अवसर दिया तो यहीं से इनके कैरियर में प्रगति का नया मोड़ आया। यह फ़िल्म इससे पूर्व के रोमांस भरे सार के प्रति कटाक्ष था जिसने अमिताभ बच्चन को एक नई भूमिका एंग्री यंगमैन में देखा जो बालीवुड के एक्शन हीरो बन गए थे, यही वह प्रतिष्ठाई थी जिसे बाद में इन्हें अपनी फिल्मों में हासिल करते हुए उसका अनुसरण करना था। बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाने वाले एक जबरदस्त अभिनेता के रूप में यह उनकी पहली फिल्म थी, जिसने उन्हें सर्वश्रेष्ठा पुरूष कलाकार फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए मनोनीत करवाया। १९७३ ही वह साल था जब इन्होंने ३ जून को जया से विवाह किया और इसी समय ये दोनों न केवल जंजीर में बल्कि एक साथ कई फिल्मों में दिखाई दिए जैसेअभिमान जो इनकी शादी के केवल एक मास बाद ही रिलीज हो गई थी। बाद में हृषिकेश मुखर्जी के निदेर्शन तथा बीरेश चटर्जी द्वारा लिखित नमक हराम फिल्म में विक्रम की भूमिका मिली जिसमें दोस्ती के सार को प्रदर्शित किया गया था। राजेश खन्ना और रेखा के विपरीत इनकी सहायक भूमिका में इन्हें बेहद सराहा गया और इन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार का फिल्मफेयर पुरस्कार दिया गया।1973 से लेकर अब तक उन्होंने सैकडो फिल्मो मे काम किया है जिसमे प्रमुख है—रोटी कपड़ा और मकान,मजबूर नमक हराम ,अभिमान, कभी कभी, शोले, परवरिश, अदालत बेशरम, त्रिशूल, खून पसीना, दोस्ताना,काला पत्थर,सुहाग, कालिया. राम बलराम, सिलसिला, शक्ति, देश-प्रेमी, नमक हलाल, सत्ते पे सत्ता, अंधा कानून, नास्तिक, पुकार,दीवार,महान, कुली, इंकलाब, शराबी, मर्द,गिरफ्तार, आखिरी रास्ता, शहंशाह, गंगा जमुना सरस्वती, तूफान, जादूगर, मैं आजाद हूँ, अग्निपथ, हम, अजूबा,अकेला, लाल बादशाह, बड़े मियाँ छोटे मियाँ , कोहराम,सूर्यवंशम, मोहब्बतें, कभी खुशी कभी गम, आँखें, काँटें, बूम, हम किसी से कम नहीं, बागवान,खाकी, ब्लैक, बंटी और बबली, सरकार,चीनी कम, निशब्द, भूतनाथ,सत्याग्रह आदि. अपने फिल्मी कैरियर मे अनिताभ को कई उतार चढ़ाव से भी गुजरना पड़ा।1982 में उन्हें कुली के शुटिंग के दौरान एक फाईट में अपने साथी कलाकार पुनीत इस्सर से चोट भी लगी जिसके कारणवे बहुत दिनों तक फिल्मों से दूर रहे.फिल्म में अभिनय के साथ अपने पुराने मित्र राजीव गांधी के कहने पर 1984 ई. मे लोक सभा का चुनाव इलाहाबाद से लड़ा और उस समय के दिग्गज नेता हेमवती नंदन बहुगुना को काफी मतों से पराजित किया. इन्होंने अभिनय के साथ कई फिल्मी गीतों को भी गाया है जो सफल रहा है। 2000 ई. में अमिताभ ने टी. वी. पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम “कौन बनेगा करोड़पति’ का संचालन शुरू किया जो आज तक निरंतर जारी है।ऐसे महान अभिनेता,हिंदी सिनेमा में अपने नाम को चरितार्थ करने वाले बालीवूड के लीजेंड अमिताभ बच्चन को उनके जन्मदिवस की पुनः मांगलिक शुभकामनाएँ........